The theory of scales and ragas we now STRINGED INSTRUMENTS , follow both in Hindustani and Karnatak music rests on the mela paddhati which in turn depends on the fingerboard instruments or monochords . हिंदुस्तानी और कर्नाटक दोनों ही संगीत शैलियों में हम मेला पद्धति के अनुसार राग सिद्धांत का अनुसरण करते हैं जो स्वयं एक तार अथवा ऊंगली से संचालित वाद्य है .
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Although, its an established fact in theory of devotional culture that “”Name is more important then looks“”, but kabir has used this simple theory in a revolutionary way. हालाँकि भक्ति-संवेदना के सिद्धांतों में यह बात सामान्य रूप से प्रतिष्ठित है कि ‘नाम रूप से बढ़कर है' लेकिन कबीर ने इस सामान्य सिद्धांत का क्रांतिधर्मी उपयोग किया।
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Nyaya deals with pramana and pramayya , i.e . proof and that which is to be proved ; The former comprises problems of logic and theory of knowledge and the latter physics . न्याय में प्रमाण और प्रमैया का विवरण दिया है ; अर्थात् प्रमाण और प्रमाण और प्रमैया वह जिसे प्रमाणित किया जाना चाहिए.पहले में ज्ञान और तर्क का सिद्धांत है और बाद वाले में भौतिक विज्ञान का .
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It must be conceded that this process was very efficiently worked out , as an extremely sensitive and complicated theory of tuning was practised in ancient music and this depended almost entirely on harps . यह स्वीकार किया जाना चाहिए कि यह क्रिया बहुत कुशलता से की गयी है क्योंकि तार मिलाने की अतिशय संवेदनशील तथा जटिल पद्धति प्राचीन संगीत में चलन में थी और यह लगभग पूरी तरह वीणा पर ही निर्भर करती है .
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A separate manual of politics and economics , the Artha-shastra , said to have been written by Chanakya or Kautilya , the minister of Chandragupta Maurya was an achievement in the field of the theory of government and political institutions . राजनीति एवं अर्थशास्त्र पर एक अलग विचार , संहिता , जो चंद्रगुप्त मौर्य के मंत्री चाणक़्य या कौटिल्य के द्धारा लिखा जाना बताया जाता है.सरकार और राजनैतिक संस्थाओं के सिद्धांत के क्षेत्र में यह एक उपलब्धि थी .
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In Indira Gandhi 's case , Justice Chandrachud has observed that “ the theory of basic structure has to be considered in each individual case , not in the abstract , but in the context of the concrete problem . ” इंदिरा गांधी के मामले में न्यायाधीश चन्द्रचूड़ ने कहा हे कि ? मूल ढांचे के सिद्धांत पर प्रत्येक मामले के प्रसंग में विचार किया जाना चाहिए ; इस पर विचार अमूर्त रूप से नहीं बल्कि ठोस समस्या के प्रसंग में किया जाना चाहिए .
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Since his theory of phasic development was incompatible with chromosomal theory , he redefined heredity as “ the end result of environmental changes that have been assimilated during the course of the preceding generations . ” चूंकि उसका क्रमिक विकास का सिद्धांत गुणसूत्रीय सिद्धांत से असंगत था , उसने आनुवंशिकता की नयी व्याख़्या कुछ इस प्रकार की- “ पूर्व पीढ़ियों में Zजिन परिवेशी परिवर्तनों को आत्मसात किया गया है उन परिवर्तनों का अंतिम परिणाम आनुवंशिकी है . ”
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They began to foster the belief that the quickest way of improving the crops and livestock of their country was not to resort to the traditional time- consuming breeding methods based on Mendelian theory of heredity described in Chap . 9 . उन्होंने अपनी बात का प्रचार तथा प्रसार करने के लिए कहा कि फसलों तथा पशु धन के शीघ्रतम विकास के लिए मेंडेल के सिद्धांतों पर आधारित परंपरागत पद्धतियों का उपयोग करना उनके देश के हित में नहीं है.इन पर हम नवें अध्याय में विचार कर चुके हैं .
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The Crusades, the centuries-long European effort to control the Holy Land, gave jihad a new urgency and prompted what Cook calls the “classical” theory of jihad. Finding themselves on the defensive led to a hardening of Muslim attitudes. क्रूसेड के माध्यम से पवित्र भूमि पर नियंत्रण स्थापित करने के शताब्दियों के यूरोपियन प्रयास ने जिहाद के नए “शास्त्रीय” सिद्दांत को विकसित करने की आवश्यकता महसूस की .स्वयं को रक्षात्मक मुद्रा में देखकर मुसलमानों ने अपना व्यवहार और अधिक कठोर बना लिया ....
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Sankhya has a fairly high place in philosophical thought and contains valuable contributions to psychology and to the theory of knowledge . But as a code of life it could not make much progress as it had not shown a way to salvation which the common people could follow . दार्शनिक विचारों में सांख़्य का साधारण ऊंचा स्थान है और मनोविज्ञान तथा ज्ञान के सिद्धांतों में मूल्यवान योगदान दे सकता है किंतु जीवन पद्धति के रूप में वह अधिक विकसित नहीं हो सका , क़्योंकि मोक्ष के लिए ऐसा मार्ग नहीं बताया , जिसे आम लोग समझ सकें .