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अंबिकादत्त व्यास वाक्य

उच्चारण: [ anebikaadett veyaas ]
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  • अंबिकादत्त व्यास) ने शास्त्रीय विषयों को व्यक्त करने में, संवाद पत्रों में राजनीतिक बातों को सफाई के साथ सामने रखने में हिन्दी को लगाया।
  • श्री भूदेव मुखोपाध्याय ने बिहार की अदालतों में देवनागरी का प्रयोग आरंभ कराया जिसकी प्रशंसा संस्कृत के उपन्यासकार अंबिकादत्त व्यास ने अपने गीतों में की है।
  • इस तरह के स्वप्नों का सिलसिला बंगाल के भूदेव मुखोपाध्याय के ‘ स्वप्नालब्ध भारतेर इतिहास ' से शुरू होकर राधाचरण गोस्वामी, अंबिकादत्त व्यास इत्यादि लेखकों में अधिक से अधिक कल्पनाशील हु आ.
  • बालकृष्ण भट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, सदानं मिश्र, रुद्रदत्त शर्मा, अंबिकादत्त व्यास और बालमुकुंद गुप्त जैसे सजीव लेखकों की कलम से निकले हुए न जाने कितने निबंध, टिप्पणी, लेख, पंच, हास परिहास औप स्केच आज में हमें अलभ्य हो रहे हैं।
  • बालकृष्ण भट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, सदानं मिश्र, रुद्रदत्त शर्मा, अंबिकादत्त व्यास और बालमुकुंद गुप्त जैसे सजीव लेखकों की कलम से निकले हुए न जाने कितने निबंध, टिप्पणी, लेख, पंच, हास परिहास औप स्केच आज में हमें अलभ्य हो रहे हैं।
  • उपाधयाय पं. बदरीनारायण चौधारी, पं. प्रतापनारायण मिश्र, बाबू तोताराम, ठाकुर जगमोहन सिंह, लाला श्रीनिवासदास, पं. बालकृष्ण भट्ट, पं. केशवराम भट्ट, पं. अंबिकादत्त व्यास, पं. राधाचरण गोस्वामी इत्यादि कई प्रौढ़ और प्रतिभाशाली लेखकों ने हिन्दी साहित्य के इस नूतन विकास में योग दिया था।
  • िंह राठौर ', एवं “श्रीदामा'; किशोरीलाल गोस्वामी का ”चौपट चपेट'; राधाकृष्णदास का “दु:खिनीबाला'; अंबिकादत्त व्यास रचित ”कलियुग और घी' तथा “मन की उमंग'; श्रीशरण का ”बालविवाह'; बालकृष्ण भट्ट के “कलिराज की सभा', ”रेल का विकट खेल' तथा “बाल विवाह'; प्रतापनारायण मिश्र का ”कलिकौतुक'; देवकीनंदन त्रिपाठी कृत “जय नरसिंह की'; काशीनाथ खत्री के ”सिंधु देश की राजकुमरियाँ', गुन्नौर की रानी'
  • कविता या काव्य क्या है, इस विषय में भारतीय साहित्य में आलोचकों की बड़ी समृद्ध परंपरा है-आचार्य विश्वनाथ, पंडितराज जगन्नाथ, पंडित अंबिकादत्त व्यास, आचार्य श्रीपति, भामह आदि संस्कृत के विद्वानों से लेकर आधुनिक आचार्य रामचंद्र शुक्ल तथा जयशंकर प्रसाद जैसे प्रबुद्ध कवियों और आधुनिक युग की मीरा महादेवी ने कविता का स्वरूप स्पष्ट करते हुए अपने अपने मत व्यक्त किए हैं।
  • कविता या काव्य क्या है, इस विषय में भारतीय साहित्य में आलोचकों की बड़ी समृद्ध परंपरा है-आचार्य विश्वनाथ, पंडितराज जगन्नाथ, पंडित अंबिकादत्त व्यास, आचार्य श्रीपति, भामह आदि संस्कृत के विद्वानों से लेकर आधुनिक आचार्य रामचंद्र शुक्ल तथा जयशंकर प्रसाद जैसे प्रबुद्ध कवियों और आधुनिक युग की मीरा महादेवी ने कविता का स्वरूप स्पष्ट करते हुए अपने अपने मत व्यक्त किए हैं।
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अंबिकादत्त व्यास sentences in Hindi. What are the example sentences for अंबिकादत्त व्यास? अंबिकादत्त व्यास English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.