अल्लाह जिलाई बाई वाक्य
उच्चारण: [ alelaah jilaae baae ]
उदाहरण वाक्य
मोबाइल
- बीकानेर, अल्लाह जिलाई बाई माड गायकी प्रशिक्षण संस्थान के द्वारा आयोजित 16 वें अखिल भारतीय माड समारोह के तहत माड गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
- मांड की विख् यात गायिका अल्लाह जिलाई बाई तो इस शहर के उस हिस् से की बात है जो पर्यटक और शोधार्थी के लिहाज से मायने रखता है.
- माड कोकिला पद्मश्री अल्लाह जिलाई बाई की 16वीं पुण्यतिथी पर उनकी स्मृति में आयोजित अखिल भारतीय माड समारोह 3 नवंबर, 08 को बीकानेर के टाउन हॉल में संपन्न हुआ।
- अल्लाह जिलाई बाई अद्भुत गायिका थीं. मांड ' केसरिया बालम ' कम से कम पन्द्रह से बीस अलग-अलग आवाजों में सुना होगा जिनमें मेहदी हसन और रेशमा जैसे दिग्गज भी शामिल हैं.
- कई माण्ड गायकों को बडे सम्मान मिल चुके हैं, जैसे-अल्लाह जिलाई बाई (पद्म श्री 1982 व संगीत नाटक अकादमी 1988), मांगी बाई (संगीत नाटक अकादमी 2008), गवरी बाई (संगीत नाटक अकादमी 1975-76 व 1886)आदि.
- इस समारोह में केन्द्रिय संगीत व नाटक अकादमी, नई दिल्ली की ओर से प्रसिद्ध संगीतज्ञ श्री मुरारी शर्मा और उनके शिष्य पुखराज शर्मा ने भी एक गीत के माध्यम से अल्लाह जिलाई बाई को स्वरांजली दी।
- राजा कमल प्रताप सिंह उर्फ केसरिया बालम और रानी अनन्या बाई सा उर्फ रंगीली रानी पूरी तरह जयपुर के हो चुके थे उनके म्यूजिक सिस्टम पर ताजी खरीदी अल्लाह जिलाई बाई की आवाज़ संगत कर रही थी..
- जमीला बाई जिलाई मां (अल्लाह जिलाई बाई को प्यार से सभी जिलाई मां भी कहते थे) की उस परंपरा से नाता रखती है जिसने माड गायकी को राजस्थान के तपते धारों से निकालकर देश के कोने कोने में पंहुचाया।
- वीणा द्वारा प्रस्तुत ' कलरफुल म्युजिक ऑफ राजस्थान ' ' अल्लाह जिलाई बाई ' के गाये मांड गीतों का एलबम एवं सरस्वती देवी के मधुर स्वरों में ' बन्नो प्यारो लागे सा ' एवं ' मांड ' को लोगों ने काफी सराहा है।
- इसी प्रकार स् व. अल्लाह जिलाई बाई ने लोक गायन के क्षेत्र में माण्ड राग की विशिष्ट पहचान बनाई तथा श्रीमती लक्ष्मी कुमारी चूडावत ने राजस्थानी साहित्य एवं संस्कृति पर लेखन से योगदान के लिए इन्हें राजस्थान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।
- मैंने जब राजस्थांनी लोक संगीत की सर्वाधिक चर्चित गायिका अल्लाह जिलाई बाई आवाज में मूमल सुना था तब से ही मैं इस जगह आना चाहता था................ काली रे काली काजलिये रे रेख जी कोई भूरो बादल में चमके बीजली रंग भीणी ऐ मूमल हाले तो ले चालूँ अमराणे रे देस रे.............
- जयपुर – उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, इलाहाबाद की ओर से दो दिवसीय मांड समारोह शुक्रवार को बीकानेर के टाउन हॉल में शुरू हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यातायात मंत्री श्री वीरेन्द्र बेनीवाल ने कहा कि अल्लाह जिलाई बाई ने मांड को विश्व स्तर पर पहुंचाया। ‘ केसरिया बालम आवौ नीं पधारौ म्हारै देस और ‘ जंगल []
- नगर विकास न्यास के सचिव हनुमान सिंह शेखावत ने बताया कि राजस्थान गद्य साहित्य के लिए एल. पी.तैस्सीतोरी, राजस्थान पद्य के लिए पीथल पुरस्कार,, पदमश्री अल्लाह जिलाई बाई संगीत, पद्मश्री हिस्सामूदीन उस्ता कला, डॉ.करणी सिंह खेल, उद्योगश्री पुरस्कार उद्योग जगत, स्वामी कृष्णानंद समाज सेवा, मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी भाषा, अन्य भाषा पुरस्कार(उर्दू, सिंधी, पंजाबी आदि) तथा नाट्यकर्मी पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
- इन क्षेत्रों में प्रचलित सभी गीत-नृत्य शैलियां बीकानेर में प्रचलित रहीं, परन्तु इसके साथ-साथ यहां के उल्लेखनीय संगीत-नृत्य में 'सिद्धों का अग्नि नृत्य‘ पद्मश्री अल्लाह जिलाई बाई की माड प्रस्तुति, श्री माधवसिंह का कच्छी घोडी नृत्य, रम्मत का नाट्य संगीत निर्गुण वाणी ने अपनी अलग पहचान बनाई है जो संगीत जगत के लिए अनुकरणीय उपलब्धि कही जा सकती है।
- मैं जल्दी से हरि को ड्राइंग रूम में ले गया जहां पंखा लगा हुआ था, एक खिड़की में खस की टट्टी लगी हुई थी और रेडियो पर धीमी धीमी आवाज़ में अल्लाह जिलाई बाई का गाया लोक गीत बज रहा था “ थांने पंखियो झलाऊँ सारी रैन जी म्हारा मीठा मारू.......... ” वो गाना तो नहीं पर फिलहाल अल् लाह जिलाई बाई को यहां सुनिए
- मैं जल्दी से हरि को ड्राइंग रूम में ले गया जहां पंखा लगा हुआ था, एक खिड़की में खस की टट्टी लगी हुई थी और रेडियो पर धीमी धीमी आवाज़ में अल्लाह जिलाई बाई का गाया लोक गीत बज रहा था “थांने पंखियो झलाऊँ सारी रैन जी म्हारा मीठा मारू..........” वो गाना तो नहीं पर फिलहाल अल्लाह जिलाई बाई को यहां सुनिए बीकानेर में रेडियो स्टेशन सन १९६२ में खुल गया था.घर में रेडियो तभी आ गया था मगर रेडियो उन दिनों ड्राइंग रूम की शोभा हुआ करता था.
- मैं जल्दी से हरि को ड्राइंग रूम में ले गया जहां पंखा लगा हुआ था, एक खिड़की में खस की टट्टी लगी हुई थी और रेडियो पर धीमी धीमी आवाज़ में अल्लाह जिलाई बाई का गाया लोक गीत बज रहा था “थांने पंखियो झलाऊँ सारी रैन जी म्हारा मीठा मारू..........” वो गाना तो नहीं पर फिलहाल अल्लाह जिलाई बाई को यहां सुनिए बीकानेर में रेडियो स्टेशन सन १९६२ में खुल गया था.घर में रेडियो तभी आ गया था मगर रेडियो उन दिनों ड्राइंग रूम की शोभा हुआ करता था.
- अधिक वाक्य: 1 2
अल्लाह जिलाई बाई sentences in Hindi. What are the example sentences for अल्लाह जिलाई बाई? अल्लाह जिलाई बाई English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.