अशर्फी लाल वाक्य
उच्चारण: [ asherfi laal ]
उदाहरण वाक्य
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- आईबीएम के उपाचार्य नीरज कुमार सिंह पर पीएचडी के बिना ही लेक्चरर बनने का आरोप है जबकि जीवन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अशर्फी लाल के चयन का मामला भी कोर्ट में विचाराधीन है।
- उपरोक्त बैनामे के आधार पर ही वादीगण द्वारा दाखिल नकल खतौनी 1395 लगायत 1390 फसली में देवघाट की अराजी संख्या 4 से राम दास का नाम खरिज करके अशर्फी लाल व हीरा लाल का नाम नामान्तरित किया गया है।
- विवेचक ने विवेचना के दौरान एकत्रित किये गये साक्ष्यों के आधार पर प्रश्नगत जीप नम्बर यू0 पी0 70एस / 9421 के चालक अशर्फी लाल पुत्र सन्तलाल, निवासी ग्राम कठौली, थाना मेजा, जिला इलाहाबाद के विरूद्ध आरोप पत्र अंतर्गत धारा 279/337/338 भा0 द0 सं0 दाखिल किया है।
- इस अवसर पर अशर्फी लाल, किशन प्यारी, मोहनलाल, नारायण सिंह, गुड्डी, संजय सिंह, बाबुली, मुरली धर, पुष्पा देवी, मुन्शी, राजवती, आरती, चन्द्रवती, सुनीता कुमारी, सीमा, राजेश, विल्केश आदि थे।
- प्रलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची सबूत 11ग / 1 से प्रश्नगत वाहन के बीमा प्रमाण पत्र की छाया प्रति कागज संख्या 11ग/2 व 3, पंजीयन प्रमाण पत्र की छाया प्रति कागज संख्या 11ग/4 एवं अशर्फी लाल के चालन लाइसेंस की छाया प्रति कागज संख्या 11ग/5 प्रस्तुत किया गया है।
- पत्रावली पर कागज संख्या 16ग / 13 के रूप में अशर्फी लाल पुत्र सन्त लाल के चालन लाइसेन्स की छाया प्रति उपलब्ध है, जिसके परिशीलन से यह स्पष्ट होता है कि उक्त चालन लाइसेन्स दिनांक 24.4.2003 से 23.4.2023 तक की अवधि हेतु प्रश्नगत प्रकार के वाहनों के चलाने हेतु वैध है।
- राम दास ने अपनी उक्त भूमिधरी की भूमि सं. 4 रकबा 18 बिस्वा का बैनामा दि. 25.01.1968 को अशर्फी लाल व हीरा लाल के पक्ष में कर दिया था, जो उप निबन्धक के बही संख्या 8 जिल्द 1444 के पेज संख्या 333 से 346 पर दि. 28.01.2969 को पंजीकृत है।
- लिखित तहरीर प्रदर्श क-1 व अपने बयान में वादी मुकदमा अशर्फी लाल ने मृतक को अपना भतीजा बताया है, जबकि पी. डब्ल्यू-3 श्रीमती मीना देवी जो मृतक की मां है, ने अपने बयान के पेज 5 पर यह कहा है कि अशर्फी लाल उसके पति के चाचा के लडके हैं।
- लिखित तहरीर प्रदर्श क-1 व अपने बयान में वादी मुकदमा अशर्फी लाल ने मृतक को अपना भतीजा बताया है, जबकि पी. डब्ल्यू-3 श्रीमती मीना देवी जो मृतक की मां है, ने अपने बयान के पेज 5 पर यह कहा है कि अशर्फी लाल उसके पति के चाचा के लडके हैं।
- थाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रदर्श क-2ए पी. डब्ल्यू-1े अशर्फी लाल के प्रथम लिखित तहरीर प्रदर्श क-1 के आधार पर थाने के हेड मोहर्रिर पी. डब्ल्यू-5 रामलाल कैथल के द्वारा दिनांक 21-11-05 को अपरान्ह 17.15 बजे दर्ज किया गया और इसका खुलासा थाने की जी. डी. प्रदर्श क-3 में किया गया।
- जबकि वाद बिन्दु संख्या 3 के निष्कर्ष से यह साबित हो चुका है कि दुर्घटना के समय प्रश्नगत वाहन के चालक अशर्फी लाल के पास वाहन को चलाने हेतु वैध एवं प्रभावी लाइसेंस था, जो दुर्घटना के समय वाहन को वाहन स्वामी के नियोजन काल एवं नियंत्रण तथा दिशा निर्देशन में चला रहा था।
- सर्वश्री अलिकेस सविता, चेतन स्वरूप सविता, चमन प्रकाश सविता, जितेन्द्र सविता, डा 0 ज्ञान सिंह, अखिलेश सविता, डा 0 आर 0 जे 0 वर्मा, अशर्फी लाल, शमशेर सिंह ठाकुर, राधेगोविन्द स्वरूप, उमा ठाकुर एवं कर्पूरी जन कल्याण समिति के सदस्यों ने भी कर्पूरी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण किया और मुख्य अतिथि का सम्मान किया।
- अपने बयान के पृष्ठ-2 पर पी. डब्ल्यू-2 ने यह कहा है कि लाला बनिया व उसके लडके के द्वारा उसके लडके पर 25-30 हलार रूपये की चोरी का इल्जाम लगाने वाली बात उसने सुना था और उसके लडके ने उससे उसका हाथ दगवाने वाली बात बताया था और इसी बात पर उसके लडके व बहू ने फांसी लगा लिया था, किन्तु यह बात उसने अशर्फी लाल को नहीं बताया था।
- पी. डब्ल्यू-2 ने वादी मुकदमा अशर्फी लाल को अपने बयान के पृष्ठ-2 में मात्र वकील और अपना पडोसी बताया है और आगे यह कहा है कि वह बेहोश था इसलिए नहीं बता सकता कि अशर्फी लाल किसी कागज या तहरीर पर उसका दस्तखत बनवाये थे या नहीं और मुख्य बयान में ही पृष्ठ संख्या-3 पर पी. डब्ल्यू-2 पुनः कहता है कि प्रदर्श क-2 पर उसका हस्ताक्षर कब लिया गया उसे ध्यान नहीं।
- पी. डब्ल्यू-2 ने वादी मुकदमा अशर्फी लाल को अपने बयान के पृष्ठ-2 में मात्र वकील और अपना पडोसी बताया है और आगे यह कहा है कि वह बेहोश था इसलिए नहीं बता सकता कि अशर्फी लाल किसी कागज या तहरीर पर उसका दस्तखत बनवाये थे या नहीं और मुख्य बयान में ही पृष्ठ संख्या-3 पर पी. डब्ल्यू-2 पुनः कहता है कि प्रदर्श क-2 पर उसका हस्ताक्षर कब लिया गया उसे ध्यान नहीं।
- पत्रावली में एक दूसरी लिखित तहरीर प्रदर्श क-2 भी दाखिल है, जो भी अशर्फी लाल गुप्ता के द्वारा दिनांक 21-11-04 को ही तैयार की गयी, किन्तु इस पर मृतक के पिता रघुनाथ प्रसाद गुप्ता का हस्ताक्षर कराया गया और इसके अनुसार रघुनाथ प्रसाद गुप्ता का पुत्र श्याम लाल उर्फ पिण्टू उम्र लगभग 21 वर्ष गया प्रसाद उर्फ लाला व अशोक कुमार उर्फ मुन्ना निवासी दुर्गागंज थाना रानीगंज जनपद प्रतापगढ के यहां ड्राईवर था।
- पीडब्ल्यू-1 ता पी. डब्ल्यू-3 के बयान से जैसा कि पूर्व ही उल्लिखित किया जा चुका है यह साबित है कि पी. डब्ल्यू-1 वादी मुकदमा अशर्फी लाल मृतक श्याम लाल का करीबी रिश्तेदार है और रिश्ते में उसका चाचा लगता है और ऐसे करीबी रिश्तेदार के लिए यह नहीं माना जा सकता है कि उसे अपने भतीजे के नाम के संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखाते समय कन्फ्यूजन की कोई स्थिति रहे और उसे घटना के शामिल अन्य अभियुक्तगण की ही कोई जानकारी न रहे।
- संक्षेप में अभियोजन कथानक के अनुसार वादी अशर्फी लाल गुप्ता निवासी ग्राम सराय जोधराय थाना मउआइमा ने थाने में लिखित तहरीर दी कि आज दिनांक 21-11-04 दिन रविवार समय 12. 00 बजे दोपहर को उसका भतीजा सुभाष चन्द्र गुप्ता पुत्र रघुनाथ गुप्ता उम्र करीब 21 वर्ष व पत्नी जिसकी उम्र 19 वर्ष है अपने घर में साडी का गले में फंदा लगाकर छत के हुक में फंसाकर आत्म हत्या कर लिये हैं उसका भतीजा लाला वनिया ग्राम दुर्गागंज थाना रानीगंज, जिला प्रतापगढ के यहां जीप पर ड्राईवरी करता था।
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