आस्तिक दर्शन वाक्य
उच्चारण: [ aasetik dershen ]
उदाहरण वाक्य
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- आस्तिक दर्शन (षड्दर्शन) भारतीय दर्शन परम्परा में उन दर्शनों को कहा जाता है जो वेदों को प्रमाण मानते थे।
- वैदिक या आस्तिक दर्शन के समान चार्वाक अथवा जैन-बोद्ध दर्शनों द्वारा चेतन-अचेतन रूप में तत्वों का विवेचन किया गया है।
- वैदिक या आस्तिक दर्शन के समान चार्वाक अथवा जैन-बोद्ध दर्शनों द्वारा चेतन-अचेतन रूप में तत्वों का विवेचन किया गया है।
- आस्तिक दर्शन उसके अस्तित्व को सर्वतोभावेन स्वीकार करते हैं, जबकि दूसरे नहीं, इस्सी आधार पर उनका यह नाम-भेद हो गया है।
- चार्वाक के नास्तिक दर्शन के बारे में जो भी थोड़ा बहुत जानते हो वह सब आस्तिक दर्शन ग्रंथो की देन है।
- आस्तिक दर्शन उसके अस्तित्व को सर्वतोभावेन स्वीकार करते हैं, जबकि दूसरे नहीं, इस्सी आधार पर उनका यह नाम-भेद हो गया है।
- भारत की बौद्धिक परंपरा में सिर्फ चार्वाक को ही नास्तिक दर्शन माना गया है और इसके अलावा शेष सभी दर्शन आस्तिक दर्शन ही हैं।
- भारत की बौद्धिक परंपरा में सिर्फ चार्वाक को ही नास्तिक दर्शन माना गया है और इसके अलावा शेष सभी दर्शन आस्तिक दर्शन ही हैं।
- भारत का आस्तिक दर्शन न्याय, वैशेषिक, साख्य, योग, पूर्व मीमांसा और उत्तरमीमांसा (वेदांत) में बाँटा गया है ।
- क्यूंकि दीक्षित जी खुद स्वतंत्र विचारक की बात उठा रहे थे और वैदिक परंपरा और आस्तिक दर्शन में बंधे नज़र आ रहे थे.
- उसके विपरीत न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा और वेदान्त आस्तिक दर्शन सम्प्रदाय माने जाते हैं क्योंकि वे वेदों को प्रमाण मानते हैं।
- षड्दर्शन में सांख्य दर्शन को रखना और भारतीय दर्शन की सुदीर्ध परम्परा में इसे आस्तिक दर्शन मानना भी सांख्य की वैदिकता का स्पष्ट उद्घोष ही है।
- अलौकिक अदृष्ट का खण्डन करते हुए चार्वाक स्वर्ग आदि परलोक के साधन में अदृष्ट की भूमिका को निरस्त करता है तथा इस प्रकार आस्तिक दर्शन के मूल पर ही कुठाराघात कर देता है।
- अलौकिक अदृष्ट का खण्डन करते हुए चार्वाक स्वर्ग आदि परलोक के साधन में अदृष्ट की भूमिका को निरस्त करता है तथा इस प्रकार आस्तिक दर्शन के मूल पर ही कुठाराघात कर देता है।
- अदृष्ट एवं ईश्वर का निषेध यहाँ यदि आस्तिक दर्शन यह कहे कि परलोक स्वर्ग आदि को सिद्ध करने वाला व्यापार अदृष्ट या धर्म एवं अधर्म है जिससे स्वर्ग की सिद्धि होती है तो यह चार्वाक को स्वीकार्य नहीं है।
- यहां एक प्रश्न स्वाभाविक है कि नास्तिक दर्शन होने के बावजूद जैन और बौद्ध दर्शन क्यों दुनिया-भर में फैले? वेदांत के अलावा सांख्य, मींमासा आदि आस्तिक दर्शन क्यों अपने ग्रंथों से बाहर न आ सके.
- ऐसा होने का कारण क्या है? आस्तिक किसे कहते हैं? आस्तिक दर्शन किन्हें कहा जाता है? नास्तिक किसे कहते हैं? कर्मकाण्ड पर आधारित दर्शन कौन सा है? वेद के ज्ञान-काण्ड पर आधारित दर्शन कौन सा है?
- ' ' ' अदृष्ट एवं ईश्वर का निषेध '' ' यहाँ यदि आस्तिक दर्शन यह कहे कि परलोक स्वर्ग आदि को सिद्ध करने वाला व्यापार अदृष्ट या धर्म एवं अधर्म है जिससे स्वर्ग की सिद्धि होती है तो यह चार्वाक को स्वीकार्य नहीं है।
- महर्षि वैदिक वाइब्रेशन तकनीक के तहत हुए शोध के अनुसार वेद, उपवेद, वेदांग, आस्तिक दर्शन, वैदिक साहित्य, संहिता, पुराण व स्मृति को मिला कर वेद परिवार की 40 शाखाओं से मिलकर जीव की कोशिका और शरीर बना है।
- तभी तो एक विचारक ने भारतीय आस्तिक दर्शन पर एक महत्वपूर्ण वाक्य लिखा है-ष्ज्ीम क्ववत व िइसपेे पे ंसूंले वचमदण्ष् यदि वर्ष में दो चार दिन अन्न त्यागकर, छोटा-मोटा कर्मकांड कर व्रत करने से पाप और दोष कट जाते तो देश में जेल, कचहरी, कोर्ट, न्यायाधीश आदि की व्यवस्था क्यों होती।
आस्तिक दर्शन sentences in Hindi. What are the example sentences for आस्तिक दर्शन? आस्तिक दर्शन English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.