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गणपाठ वाक्य

उच्चारण: [ ganepaath ]
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • व्याकरण नियमों की रचना में सहायक गणपाठ की शैली पाणिनि के हाथों में सांस्कृतिक सामग्री का भण्डार बन गई।
  • अष्टाध्यायी के अतिरिक्त उसी से संबंधित गणपाठ और धातुपाठ नामक दो प्रकरण भी निश्चित रूप से पाणिनि निर्मित थे।
  • व्याकरण नियमों की रचना में सहायक गणपाठ की शैली पाणिनि के हाथों में सांस्कृतिक सामग्री का भण्डार बन गई।
  • अष्टाध्यायी के अतिरिक्त उसी से संबंधित गणपाठ और धातुपाठ नामक दो प्रकरण भी निश्चित रूप से पाणिनि निर्मित थे।
  • अष्टाध्यायी के अतिरिक्त उसी से संबंधित गणपाठ और धातुपाठ नामक दो प्रकरण भी निश्चित रूप से पाणिनि निर्मित थे।
  • इस ग्रंथ की एक विशेषता यह भी है इसमें गणपाठ दिया हुआ है जो प्राचीन वृत्तिग्रंथों में नहीं मिलता।
  • गणपाठ (सं.) [सं-पु.] (व्याकरण) एक नियम के अंतर्गत आने वाले शब्दों का समूह।
  • बीसियों सूत्रों के साथ लगे हुए गणों में गोत्रों के अनेक नाम पाणिनि के “ गणपाठ ” नामक परिशिष्ट ग्रंथ में हैं।
  • वर्तमान उणादि सूत्रों के पाणिनिकृत होने में संदेह है और उन्हें अष्टाध्यायी के गणपाठ के समान अभिन्न अंग नहीं माना जा सकता।
  • वर्तमान उणादि सूत्रों के पाणिनिकृत होने में संदेह है और उन्हें अष्टाध्यायी के गणपाठ के समान अभिन्न अंग नहीं माना जा सकता।
  • वर्तमान उणादि सूत्रों के पाणिनिकृत होने में संदेह है और उन्हें अष्टाध्यायी के गणपाठ के समान अभिन्न अंग नहीं माना जा सकता।
  • उनकी परंपरा आज तक अक्षुण्ण चली आती है, यद्यपि गणपाठ में कुछ नए शब्द भी पुरानी सूचियों में कालांतर में जोड़ दिए गए हैं।
  • गणपाठ की इस विशेषता के कारण नए-नए शब्द पाणिनि-शास्त्र के अनुशासन में आते रहे हैं और भी यह एक जीता-जागता शास्त्र बना हुआ है।
  • उनकी परंपरा आज तक अक्षुण्ण चली आती है, यद्यपि गणपाठ में कुछ नए शब्द भी पुरानी सूचियों में कालांतर में जोड़ दिए गए हैं।
  • इन कबीलों के बहुत से नाम पाणिनि के गणपाठ में मिलते हैं, जैसे अफरीदी और मोहमद जिन्हें पाणिनि ने आप्रीत और मधुमंत कहा है।
  • इन कबीलों के बहुत से नाम पाणिनि के गणपाठ में मिलते हैं, जैसे अफरीदी और मोहमद जिन्हें पाणिनि ने आप्रीत और मधुमंत कहा है।
  • गणपाठ संबंधी स्वतंत्र ग्रंथों में वर्धमान (12 वीं शताब्दी) का गणरत्नमहोदधि और भट्ट यज्ञेश्वर रचित गणरत्नावली (ई. 1874) प्रसिद्ध हैं।
  • इन कबीलों के बहुत से नाम पाणिनि के गणपाठ में मिलते हैं, जैसे अफरीदी और मोहमद जिन्हें पाणिनि ने आप्रीत और मधुमंत कहा है।
  • उनकी परंपरा आज तक अक्षुण्ण चली आती है, यद्यपि गणपाठ में कुछ नए शब्द भी पुरानी सूचियों में कालांतर में जोड़ दिए गए हैं।
  • परिशिष्ट में गणपाठ एवं धातुपाठ देकर ग्रन्थ की उपादेयता और बढ़ा दी गई है. 'अष्टाध्यायी' की प्रमुख विशेषताएँ हैं: (१) वाक्य को भाषा की मूल इकाई मानना.
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गणपाठ sentences in Hindi. What are the example sentences for गणपाठ? गणपाठ English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.