गुरू अमरदास वाक्य
उच्चारण: [ gauru amerdaas ]
उदाहरण वाक्य
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- एक बार गुरू अमरदास साहिब जी ने बीबी अमरो जी (गुरू अंगद साहिब की पुत्रीी) से गुरू नानक साहिब के शबद सुने।
- उनका कहना है कि इस बात के प्रमाण अधिक हैं कि गुरू अमरदास ने कुछ ज़मीन ख़रीदी और कुछ आसपास के लोगों ने दे दी.
- उनका कहना है कि इस बात के प्रमाण अधिक हैं कि गुरू अमरदास ने कुछ ज़मीन ख़रीदी और कुछ आसपास के लोगों ने दे दी.
- गुरू अमरदास साहिब जी ने उन्हें हर पहलू में गुरू बनने के योग्य पाया एवं 1 सितम्बर १५७४ को उन्हें ÷चतुर्थ नानक ' के रूप में स्थापित किया।
- गुरू अमरदास साहिब जी ने उन्हें हर पहलू में गुरू बनने के योग्य पाया एवं 1 सितम्बर १५७४ को उन्हें ÷चतुर्थ नानक ' के रूप में स्थापित किया।
- यहां भी वे अपनी रोजी रोटी के लिए उबले चने बेचने लगे एवं साथ ही साथ गुरू अमरदास साहिब जी द्वारा धार्मिक संगतों में भी भाग लेने लगे।
- यहां भी वे अपनी रोजी रोटी के लिए उबले चने बेचने लगे एवं साथ ही साथ गुरू अमरदास साहिब जी द्वारा धार्मिक संगतों में भी भाग लेने लगे।
- यहां भी वे अपनी रोजी रोटी के लिए उबले चने बेचने लगे एवं साथ ही साथ गुरू अमरदास साहिब जी द्वारा धार्मिक संगतों में भी भाग लेने लगे।
- गुरू अमरदास साहिब जी ने गोइन्दवाल साहिब में बाउली का निर्माण किया जिसमें 84 सीढियां थी एवं सिख इतिहास में पहली बार गोइन्दवाल साहिब को सिख श्रद्धालू केन्द्र बनाया।
- गुरू अमरदास साहिब जी ने गोइन्दवाल साहिब में बाउली का निर्माण किया जिसमें 84 सीढियां थी एवं सिख इतिहास में पहली बार गोइन्दवाल साहिब को सिख श्रद्धालू केन्द्र बनाया।
- गुरू अमरदास साहिब जी ने गोइन्दवाल साहिब में बाउली का निर्माण किया जिसमें ८४ सीढियां थी एवं सिख इतिहास में पहली बार गोइन्दवाल साहिब को सिख श्रद्धालू केन्द्र बनाया।
- गुरू अमरदास साहिब जी ने गोइन्दवाल साहिब में बाउली का निर्माण किया जिसमें ८४ सीढियां थी एवं सिख इतिहास में पहली बार गोइन्दवाल साहिब को सिख श्रद्धालू केन्द्र बनाया।
- गुरू अमरदास साहिब को देहांत 95 वर्ष की आयु में भादों सुदी 14 (पहला आसु) सम्वत 1631 (सितम्बर 1, 1574) को गुरू रामदास साहिब जी को गुरूपद सौंपने के पश्चात गाईन्दवाल साहिब में हुआ था।
- ' ईसर आ दलिदर जा, दलिदर दी जड़ चुल्ले पा ' | आग. तिल और इन बोलों के पीछे कुछ आध्यात्मिक कारण भी हैं | श्री गुरू अमरदास महाराज जी गुरबाणी में कहते हैं-
- गुरू अमरदास साहिब को देहांत 95 वर्ष की आयु में भादों सुदी 14 (पहला आसु) सम्वत 1631 (सितम्बर 1, 1574) को गुरू रामदास साहिब जी को गुरूपद सौंपने के पश्चात गाईन्दवाल साहिब में हुआ था।
- गुरू अमरदास साहिब को देहांत ९५ वर्ष की आयु में भादों सुदी १४ (पहला आसु) सम्वत १६३१ (सितम्बर १, १५७४) को गुरू रामदास साहिब जी को गुरूपद सौंपने के पश्चात गाईन्दवाल साहिब, जो कि अमृतसर के निकट है, में हुआ था।
- गुरू अमरदास साहिब को देहांत ९५ वर्ष की आयु में भादों सुदी १४ (पहला आसु) सम्वत १६३१ (सितम्बर १, १५७४) को गुरू रामदास साहिब जी को गुरूपद सौंपने के पश्चात गाईन्दवाल साहिब, जो कि अमृतसर के निकट है, में हुआ था।
- पहले इसमें एक पवित्र तालाब (अमृत सरोवर) बनाने की योजना गुरू अमरदास साहिब द्वारा बनाई गई थी, जो तीसरे नानक कहे जाते हैं परन्तु गुरू रामदास साहिब ने इसे बाबा बुद्ध जी के पर्यवेक्षण में निष् पादित किया.
- 69 वर्षीय भाई गुरमेज सिंह ने अब तक श्री सुखमणि साहिब, श्री गुरू तेगबहादुर की बाणी, श्री गुरू अमरदास की बाणी, नित नेम, आसा दी वार एवं भगतों की बाणी को ब्रेल लिपि में प्रकाशित करवाकर दृष्टिहीनों को नायाब तोहफा दिया है।
- पहले इसमें एक पवित्र तालाब (अमृत सरोवर) बनाने की योजना गुरू अमरदास साहिब द्वारा बनाई गई थी, जो तीसरे नानक कहे जाते हैं परन्तु गुरू रामदास साहिब ने इसे बाबा बुद्ध जी के पर्यवेक्षण में निष्पादित किया.सरोवर का निर्माण कार्य और साथ ही शहर का निर्माण 1570 में शुरू हुआ.
गुरू अमरदास sentences in Hindi. What are the example sentences for गुरू अमरदास? गुरू अमरदास English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.