चतुर्भुजदास वाक्य
उच्चारण: [ cheturebhujedaas ]
उदाहरण वाक्य
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- वृंदावन ने इनकी स्तुति और वंदना में ' हितजी की सहस्रनामावली ' और चतुर्भुजदास ने ' हितजू को मंगल ' लिखा है।
- चतुर्भुजदास ने उस वक्त शंका की कि सूरदास ने भगवद्यश तो बहुत गाया, लेकिन वल्लभाचार्य का यशगान क्यों नहीं किया.
- चतुर्भुजदास कृत ' मधुमालती कथा ' नागरीप्रचारिणी सभा को मिली है जिसका निर्माणकाल ज्ञात नहीं और जो अत्यंत भ्रष्ट गद्य में है।
- चतुर्भुजदास ने इस समय शंका की कि सूरदास ने भगवद्यश तो बहुत गाया, परन्तु आचार्य वल्लभ का यशगान क्यों नहीं किया।
- प्राप्त जानकारी के अनुसार 52 वर्षीय शिक्षक चिम्मनलाल पुत्र चतुर्भुजदास गुप्ता आज सुबह शौच करने के लिए खुले मैदान में जा रहे थे।
- इस प्रकार श्री प्रबोधानन्द जी का उल्लेख करनेवाले श्री हरिराम व्यास, श्रीकृष्णचंद्र गोस्वामी, स्वामी चतुर्भुजदास एवं भगवत् मुदित जी की स्थिति संवत्१५४९ से १६३५ के मध्य रही.
- आरती के बाद गोसाई जी रामदास, कुंभनदास, गोविंदस्वामी और चतुर्भुजदास के साथ सूरदास के नज़दीक पहुंचे और अचेत पड़े सूरदास को चैतन्य होते हुए देखा.
- आरती के उपरान्त गोसाई जी रामदास, कुम्भनदास, गोविंदस्वामी और चतुर्भुजदास के साथ सूरदास के निकट पहुँचे और सूरदास को, जो अचेत पड़े हुए थे, चैतन्य होते हुए देखा।
- आरती के उपरान्त गोसाई जी रामदास, कुम्भनदास, गोविंदस्वामी और चतुर्भुजदास के साथ सूरदास के निकट पहुँचे और सूरदास को, जो अचेत पड़े हुए थे, चैतन्य होते हुए देखा।
- विट्ठलनाथ अपने पिता के चार शिष्य कुंभनदास, सूरदास, परमानंद दास और कृष्णदास तथा अपने चार शिष्य चतुर्भुजदास, गोविन्द स्वामी, छीतस्वामी और नंददास को मिलाकर इन्होंने ' अष्टछाप ' की स्थापना की।
- आप अष्टछाप के कवियों कुम्भनदास (१४६८ ई.-१५८२ ई.), सूरदास (१४७८ ई.-१५८० ई.), कृष्णदास (१४९५ ई.-१५७५ ई.), परमानन्ददास (१४९१ ई.-१५८३ ई.), गोविन्ददास (१५०५ ई.-१५८५ ई.), छीतस्वामी (१४८१ ई.-१५८५ ई.), नन्ददास (१५३३ ई.-१५८६ ई.) और चतुर्भुजदास से अवश्य ही परिचित होंगे।
- आ प अष्टछाप के कवियों कुम्भनदास (१४६८ ई.-१५८२ ई.), सूरदास (१४७८ ई.-१५८० ई.), कृष्णदास (१४९५ ई.-१५७५ ई.), परमानन्ददास (१४९१ ई.-१५८३ ई.), गोविन्ददास (१५०५ ई.-१५८५ ई.), छीतस्वामी (१४८१ ई.-१५८५ ई.), नन्ददास (१५३३ ई.-१५८६ ई.) और चतुर्भुजदास से अवश्य ही परिचित होंगे।
- परन्तु गोस्वामी विट्ठलनाथ के पूछने पर उन्होंने कहा था कि वास्तव में उनके डेढ़ ही पुत्र हैं क्योंकि पाँच लोकासक्त हैं, एक चतुर्भुजदास भक्त हैं और आधे कृष्णदास हैं, क्योंकि वे भी गोवर्धन नाथ जी की गायों की सेवा करते हैं।
- गुसाँई विट्ठलनाथजी ने महाप्रभु के चार शिष्यों कुंभनदास, सूरदास, कृष्णदास और परमानंददास तथा अपने चार शिष्यों गोविन्दस्वामी, छीतस्वामी, चतुर्भुजदास और नंददास को सम्मिलित कर 'अष्टछाप' की स्थापना की तथा इन्हे ठाकुर जी के सम्मुख अलग-अलग दर्शनों के समय कीर्तन करने का दायित्त्व सौंपा।
- परन्तु गोस्वामी विट्ठलनाथ के पूछने पर उन्होंने कहा था कि वास्तव में उनके डेढ़ ही पुत्र हैं क्योंकि पाँच लोकासक्त हैं, एक चतुर्भुजदास भक्त हैं और आधे कृष्णदास हैं, क्योंकि वे भी गोवर्धन नाथ जी की गायों की सेवा करते हैं।
- गुसाँई विट्ठलनाथजी ने महाप्रभु के चार शिष्यों कुंभनदास, सूरदास, कृष्णदास और परमानंददास तथा अपने चार शिष्यों गोविन्दस्वामी, छीतस्वामी, चतुर्भुजदास और नंददास को सम्मिलित कर ' अष्टछाप ' की स्थापना की तथा इन्हे ठाकुर जी के सम्मुख अलग-अलग दर्शनों के समय कीर्तन करने का दायित्त्व सौंपा।
- उसके चरित्र में राधावल्लभीय भक्त कवियों ने वृन्दावनदास, सेवकजी, चतुर्भुजदास, ध्रुवदास आदि कवियों के पद तथा ' ब्रजप्रेमानन्द सागर ', ' राधा लाड़सागर ') मातृत्व के चित्रण में वात्सल्य की उसी व्यंजना का यत्न किया है जो अष्टछापी कवियों ने यशोदा के चरित्र के द्वारा की है।
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चतुर्भुजदास sentences in Hindi. What are the example sentences for चतुर्भुजदास? चतुर्भुजदास English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.