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चेतन तत्त्व वाक्य

उच्चारण: [ cheten tettev ]
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • तत्त्व दृष्टि से मृत्यु के बाद सभी तत्त्व, प्रकाश और चेतन तत्त्व भी, अपने-अपने स्रोत में चले जाते हैं.
  • जो इस सृष्टि की रचना, स्थिति और प्रलय करता है उस सर्वव् यापी, सर्वज्ञ, चेतन तत्त्व को “ ईश् वर ” कहते हैं।
  • भारत का सनातन तत्त्वज्ञान दर्शन (चेतन तत्त्व सहित अन्य तत्त्वों की जानकारी) कहता है कि जो भी है इस जन्म में है और इसी क्षण में है.
  • विकाससिद्धान्त को स्वीकार करते हुए भी अधिकांश दर्शन नित्य चेतन तत्त्व मानते हैं और उसकी भावना (आचार्य शुक्ल प्रायः इस शब्द का प्रयोग कल्पना के अर्थ में करते हैं।
  • मैं यह कहूँ कि मुझे जान पड़ता है कि चेतन तत्त्व को मानने से कुछ ची $ जें समझी जा सकती हैं जो अन्यथा नहीं समझी जा सकतीं ; काव्य के लिए यह आधार काफ़ी है।
  • सब प्राणियों में एक चेतन तत्त्व होता है जिसका न तो जन् म होता है और न ही उसकी मृत् यु होती है अर्थात् वह अनादि और अमर होता है जिसका रूप-रंग या आकार नहीं होता।
  • भारत ऋषि प्रध ान राष्ट्र था ; ऋषि अर्थात जिन्होंने जड़ से ऊपर एक चेतन तत्त्व का साक्षातकार किया था उनका उद्देश्य शरीर की सीमा में अपने आपको बांधने की प्रबृत्ति से मनुष्य को मुक्त करना रहा।
  • अतः अर्जुन तुम तीनों गुणों से मुक्त हो ; उन हर्ष शोक, सुख दुख आदि द्वन्द्वों से मुक्त होकर, सांसारिक उपभोग की वस्तुओं में न उलझकर चेतन तत्त्व में स्थित होकर आत्मा का दर्शन करो।
  • बस, आत्मा के साथी के लिए जो प्रत्येक चेतन तत्त्व में प्यास और चाह है, उसी का नाम प्रेम है और यह प्यास तब तक तृप्त नहीं बनेगी, जब तक उस मन के मीत से आत्म-सम्बन्ध स्थापित नहीं हो पाता।
  • बस, आत्मा के साथी के लिए जो प्रत्येक चेतन तत्त्व में प्यास और चाह है, उसी का नाम प्रेम है और यह प्यास तब तक तृप्त नहीं बनेगी, जब तक उस मन के मीत से आत्म-सम्बन्ध स्थापित नहीं हो पाता।
  • देखने वाले उनके जिस हाड़-माँस के शरीर को देख पाते हैं, वह इस स्तर के कार्य कर नहीं सकता तथा शरीर के माध्यम से जो चेतन तत्त्व इतना सब कर रहा है, उसे देखना-अनुभव कर पाना हर एक के बस की बात भी नहीं है।
  • इस जगत कि यह प्रक्रिया उस परमेश्वर के सानिध्य से ही सम्भव है क्युकी जगत तो जड़ होने के कारण स्वयम चेष्टा नहीं कर सकता वो तो परमपिता परमेश्वर सबके आधार वैश्वानर अनादी अनंत प्रभु से प्रेरणा लेकर ही सक्रिय रहता है इस बात को प्रत्यक्ष इस विचित्र जगत में हर जगह देखा जा सकता है कि कोई भी जड़ स्वतः कार्य नही करता चेतन तत्त्व के बिना.
  • महर्षि पिप्पलद कहते हैं जीव की उत्पति एवं प्रजा कि वृद्धि की इच्छा रखने वाले प्रजापति ब्रह्मा जी ने एक रयि और एक प्राण नाम के युगल की रचना की तथा उनके द्वारा प्रजा उत्पन्न कराई गई प्राण का कार्य गति प्रदान करना था वह गति उत्पन्न करने वाला चेतन तत्त्व बना तथा रयि ने उसे धारण किया और धारण करके विविध रूप देकर प्रकृति का निर्माण किया संसार के समस्त पदार्थ रयि से ही हु ए.
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चेतन तत्त्व sentences in Hindi. What are the example sentences for चेतन तत्त्व? चेतन तत्त्व English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.