English - Hindi मोबाइल
साइन इन साइन अप करें

जुरअत वाक्य

उच्चारण: [ jurat ]
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • यक़ीनन यह इंसान का दीन और मज़हब होता है जो उसे यह जुरअत और शुजाअत अता करता है कि वह बातिल की चट्टानों से टकराने में ख़ुद को आहनी महसूस करता है।
  • ख़ुदा की याद ही थी जिस ने दुखों बल्कि जुमला मुश्किलात व मसायब में तकलीफ़ बर्दाश्त करने का न सिर्फ़ हौसला दिया बल्कि उन को नेमत समझ कर शुक्र अदा करने की जुरअत अता की।
  • जब यह फ़ौज दुश्मन के सामने पड़ाव डाल कर उतर पड़ी, तो उन की मुख्तलिफ़ (विभिन्न) टोलियों ने इन पर छापे मारने शुरु कर दिये जिन्हें यह अपनी जुरअत व हिम्मत से रोकते रहे।
  • यहाँ के कवियों में “ मीर ”, “ मीर हसन ”, “ सौदा ”, “ इंशा ”, “ मुसहफ़ी ”, “ जुरअत ”, के पश्चात “ आतिश ” (1847 ई.
  • अलबत्ता सहाबा के अलावा तारीख़ में चन्द नाम ऐसे नज़र आते हैं जिन्हों ने ऐसा दअवा करने की जुरअत की जैसे इबराहीम इब्ने हिशाम, मक़ातिल इब्ने सुलैमान, क़तादह, सिब्त इब्ने जौज़ी और मोहम्मद इब्ने हदरीसे शाफ़ेई वग़ैरा।
  • मगर अमीरुल मोमिनीन (अ 0 स 0) ने उस के मकसद को भांप कर ऐसा जवाब दिया कि जिस से उस की ज़बान में गिरह लग जाए और किसी के सामने उसे पेश करने की जुरअत न कर सके।
  • बिल्ली के गले में घंटी बाँधने की जुरअत वह क्यों करे? लगभग दो-ढाई महीने बगल के पीले मकान में किराएदार की हैसियत से आ बसने वाले मुस्टंडों के दो-दो हाथ करने की सामर्थ्य किसी अशरीरी प्रेतात्मा में ही हो सकती थी।
  • बादशाह के खौफ से उसे जुरअत न हुई कि वो उस लड़के को सड़क पर से उठाकर सामने वाली दुकान के पटरे पर लिटा दे-बेसाजो बर्ग अफराद को उठाने के लिए हुकूमत के अरबाबे हल्लो अक्द ने आहनी गाडियां मुहय्या कर रखी हैं।
  • बादशाह के खौफ से उसे जुरअत न हुई कि वो उस लड़के को सड़क पर से उठाकर सामने वाली दुकान के पटरे पर लिटा दे-बेसाजो बर्ग अफराद को उठाने के लिए हुकूमत के अरबाबे हल्लो अक्द ने आहनी गाडियां मुहय्या कर रखी हैं।
  • लेकिन पुरोहित क्लास से वह इस क़द्र डरते हैं कि अपने ख़्यालात को वह आज़ादाना तौर पर ज़ाहिर करने की अख़्लाक़ी जुरअत नहीं रखते इसका नतीजा सिवाये इसके और क्या निकाला जा सकता है कि वेद उनको बजाये दयानतदार बनाने के रियाकार बना रहे हैं।
  • लोग जुरअत कभी दिखाते नहीं आइनों से नज़र मिलाते नहीं जानते हैं खरे न उतरेंगे इसलिए ख़ुद को आजमाते नहीं खौफ तारी है इस कदर ग़म का अब ख़ुशी में भी मुस्कुराते नहीं याद रखते हैं अपने हर ग़म को हम किसी दोस्त को भुलाते नहीं
  • मेरे साए से डरो तुम मेरी गुरबत से डरो अपनी जुरअत की क़सम अब मेरी जुरअत से डरो तुम लताफ़त हो अगर मेरी लताफ़त से डरो मेरे वादों से डरो मेरी मुहब्बत से डरो अब मैं अल्ताफो-इनायत का सज़ावार नहीं मैं वफ़ादार नहीं हाँ मैं वफ़ादार नहीं
  • मेरे साए से डरो तुम मेरी गुरबत से डरो अपनी जुरअत की क़सम अब मेरी जुरअत से डरो तुम लताफ़त हो अगर मेरी लताफ़त से डरो मेरे वादों से डरो मेरी मुहब्बत से डरो अब मैं अल्ताफो-इनायत का सज़ावार नहीं मैं वफ़ादार नहीं हाँ मैं वफ़ादार नहीं
  • ऐसी सूरत में वह वालदैन अक़्लमंद समझे जाते हैं जो अपनी औलाद के मुस्तक़बिल की ख़ातिर इन ख़ामियों को मामूली व छोटा समझते हुए उन्हे नज़र अंदाज़ कर देते हैं और उनकी हिम्मत बढ़ाते हुए उनके अंदर जुरअत और कुछ करने के हौसले को ज़िन्दा रखते हैं।
  • इन हालात में उन के सामने शमशीर बकफ़ (हाथ में तलवार ले कर) खड़े होने की जुरअत वही कर सकता था जो उन के दिल के हाल से वाक़िफ़ (अवगत) और उन के ईमान की हक़ीक़त (वास्तविकता) से आशना (परिचित) हो।
  • चुनांचे उन्हों ने बे लौस जज़्बए खिदमत से मुतअस्सिर हो कर जंगी मुहिम्मात में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और तमाम मुहिमों और मअरिकों में हज़रत के दस्त व बाज़ू साबित हुए और हिम्मत व जुरअत के वह जौहर दिखाए कि तमाम अरब पर उन की शुजाअत की धाक बन गई।
  • जब तक कोई मर्दे मुसलमान किसी ऐसी ज़लील (दुष्ट) हरकत का मुर्तकिब (कर्ता) नहीं होता कि जो ज़ाहिर (प्रकट) हो जाय, तो उस के तज़्किरे (चर्चे) से आंखें नीची करनी पड़ें और जिस से ज़लील आदमियों की जुरअत (हिम्मत) बढ़े।
  • और कुछ आदमी अल्लाह के बारे में झगड़ते हैं यूं कि न इल्म न अक़्ल और न कोई रौशन किताब (3) {20} (3) तो जो कहेंगे, जिहालत और नादानी होगी और अल्लाह की शान में इस तरह की जुरअत और मुंह खोलना अत्यन्त बेजा और गुमराही है.
  • फ़ाहिशा ” यानी हया के ख़िलाफ़ खुली जुरअत का शब्द जब मअरिफ़ह होकर आए तो उससे ज़िना और लिवातत मुराद होती है और अगर नकरह ग़ैर मौसूफ़ह होकर लाया जाए तो उससे सारे गुनाह मुराद होते हैं और जब मौसूफ़ होकर आए तो उससे शौहर की नाफ़रमानी और उससे लड़ना झगड़ना मुराद होता है.
  • बहर हाल उस के जंग से रोकने और क़दम क़दम पर रुकावटें ख़डी करने के बावजूद अहले कूफ़ा जूक दर जूक़ उठ खड़े हुए और हज़रत की सिपाह में शामिल हो कर जंग में पूरा हिस्सा लिया और अहले बसरा को ऐसी शिकस्त दी कि वह फिर फितना अगंज़ी के लिये खड़े होने की जुरअत न कर सके।
  • अधिक वाक्य:   1  2  3

जुरअत sentences in Hindi. What are the example sentences for जुरअत? जुरअत English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.