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तैत्तिरीय ब्राह्मण वाक्य

उच्चारण: [ taitetiriy beraahemn ]
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • इन गोटियों की संख्या पाँच होती थी, ऐसा अनुमान तैत्तिरीय ब्राह्मण (1।7।10) तथा अष्टाध्यायी से भलीभाँति लगाया जा सकता है।
  • इन गोटियों की संख्या पाँच होती थी, ऐसा अनुमान तैत्तिरीय ब्राह्मण (1।7।10) तथा अष्टाध्यायी से भलीभाँति लगाया जा सकता है।
  • तैत्तिरीय ब्राह्मण में कृतिका नक्षत्र में सात आहुतियों का प्रावधान है! इस नक्षत्र पर अग्निदेव का स्वामित्व है!
  • ऐतरेय ब्राह्मण, कौषीतकि ब्राह्मण और तैत्तिरीय ब्राह्मण प्रभृति अन्य ब्राह्मण-ग्रन्थों की प्रसिद्धि भी प्रवचनकर्ता आचार्यो के नाम पर है।
  • प्राचीन हिंदू वांग्मय में वर्ण व्यवस्था का जिक्र तो है, लेकिन जाति व्यवस्था का नहीं तैत्तिरीय ब्राह्मण (३.
  • तैत्तिरीय संहिता, तैत्तिरीय ब्राह्मण तथा और ब्राह्मणों में शूद्रों की वही स्थिति बतायी गयी है जो वेदों में कही गयी है।
  • तैत्तिरीय ब्राह्मण १. ३. २. ५ में वाक् को वाज का प्रसव (उत्पत्तिहेतु) कहा गया है ।
  • [57] ' तैत्तिरीय ब्राह्मण [58] में ऐसा आया है कि पितर इससे आगे तीसरे लोक में निवास करते हैं।
  • तैत्तिरीय ब्राह्मण (३. १ २. ९. २) में कहा गया हैं-” सर्वं तेजः सामरूप्य हे शाश्वत।
  • शतपथ ब्राह्मण और तैत्तिरीय ब्राह्मण नामक ग्रंथ में बताया गया है कि कुछ स्थितियों में यह दोष अपने आप समाप्त हो जाता है।
  • तैत्तिरीय ब्राह्मण में लिखा है कि “मुखं वा एतन्नक्षाणां यत्कृत्तिका एताह वै प्राच्यै दिशो न च्यवंते” अर्थात् कृत्तिका सब नक्षत्रों में प्रथम है।
  • तैत्तिरीय ब्राह्मण १. ३. २. ७ में वाजपेय के यजन से सब वाकों के अवरुद्ध हो जाने का कथन है ।
  • मैत्रायणी संहिता [21] एवं तैत्तिरीय ब्राह्मण [22] का कथन है कि देवों ने कुरुक्षेत्र में सत्र का सम्पादन किया था।
  • तैत्तिरीय ब्राह्मण ” में सोम द्वारा ‘ सीता-सावित्री ' ऋषिका को तीन वेद देने का वर्णन विस्तारपूर्वक आता है-तं त्रयो वेदा अन्वसृज्यन्त।
  • शतपथ ब्राह्मण (श्लोक १४.४.२.२३, ४.४.४.१३), तैत्तिरीय ब्राह्मण (३.९.१४) में क्षत्रियों को संरक्षण और व्यवस्था कायम करने के कारण सभी वर्णों में श्रेष्ठ बताया गया हैं ।
  • तैत्तिरीय ब्राह्मण [7] में आया है कि कुरु-पांचाल शिशिर-काल में पूर्व की ओर गये, पश्चिम में वे ग्रीष्म ऋतु में गये जो सबसे बुरी ऋतु है।
  • तैत्तिरीय ब्राह्मण ३. २. ५. १ ० व शतपथ ब्राह्मण १. १. ४. १ ९ इत्यादि के अनुसार इषीका वर्षवृद्ध है।
  • ज्योतिष के महाग्रंथों शतपथ ब्राह्मण और तैत्तिरीय ब्राह्मण में मूल नक्षत्रों के विषय में तथा इनके वेदोक्त मंत्रों द्वारा उपचार के विषय में विस्तार से वर्णन मिलता है।
  • तैत्तिरीय ब्राह्मण में कहा है कि उगते, अस्त होते तथा मध्यान्ह में ऊपर जाते आदित्य यानी सूर्य का ध्यान करते हुए विद्वान मनुष्य सम्पूर्ण कल्याण को प्राप्त होता है।
  • तैत्तिरीय संहिता [266] एवं तैत्तिरीय ब्राह्मण [267] से प्रकट होता है कि पिता, पितामह एवं प्रपितामह तीन स्व-सम्बन्धी पूर्वपुरुषों का श्राद्ध किया जाता है।
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तैत्तिरीय ब्राह्मण sentences in Hindi. What are the example sentences for तैत्तिरीय ब्राह्मण? तैत्तिरीय ब्राह्मण English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.