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दंत्य वाक्य

उच्चारण: [ dentey ]
"दंत्य" अंग्रेज़ी में"दंत्य" का अर्थ
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • इसी प्रकार के सहस्वन दंत्य, तालव्य एवं कंठ्य स्पर्श वर्गो में भी अल्पप्राणसघोष ध्वनि के साथ होते हैं जिन्हें क्रमशः [ट् ', च्', क् '] चिन्हों द्वारा चिन्हितकिया जा सकता है.
  • इसी प्रकार के सहस्वन दंत्य, तालव्य एवं कंठ्य स्पर्श वर्गो में भी अल्पप्राणसघोष ध्वनि के साथ होते हैं जिन्हें क्रमशः [ट् ', च्', क् '] चिन्हों द्वारा चिन्हितकिया जा सकता है.
  • नर्म श्लेषकीय ऊतकों में दुर्घटनावश लगनेवाली चोटों की संख्या को कम करने के लिये एक दंत चिकित्सक कोई दंत्य कार्य करने से पूर्व पेट्रोलियम जेली की एक रक्षात्मक परत चढ़ा सकता है.
  • नर्म श्लेषकीय ऊतकों में दुर्घटनावश लगनेवाली चोटों की संख्या को कम करने के लिये एक दंत चिकित्सक कोई दंत्य कार्य करने से पूर्व पेट्रोलियम जेली की एक रक्षात्मक परत चढ़ा सकता है.
  • ये ध्वनियां हैं-फ़ द्वयोष्ठ्य संघर्षी व्यंजन स्वनिम / ङ्/,ज़ जो कि दंत्य ध्वनि स का ही सघोष रूप है /ॅ/ और कंठ्य ध्वनियां ख़ /द्/ अघोष कंठ्य संघर्षी, और इसी का सघोष ध्वनि रूप ग़।
  • ये ध्वनियां हैं-फ़ द्वयोष्ठ्य संघर्षी व्यंजन स्वनिम / ङ्/,ज़ जो कि दंत्य ध्वनि स का ही सघोष रूप है /ॅ/ और कंठ्य ध्वनियां ख़ /द्/ अघोष कंठ्य संघर्षी, और इसी का सघोष ध्वनि रूप ग़।
  • चौबीस घंटे रूटीन टाइप के शल्य चिकित्साओं के साथ आपातकालीन ऑपरेशन जैसे-सामान्य शल्य चिकित्सा, प्रसव विज्ञान एवं स्त्री रोग विज्ञान, अस्थि-सुधार विज्ञान, कान-नाक-गला, नेत्र और दंत्य आदि के लिए भी ऑपरेशन कक्ष उपलब्ध है ।
  • स्वर विज्ञान में तमिल अपने ' ट ', ' न ' और ' अई ' प्रथम दो के दंत्य, वर्त्स और मूर्धन्य तथा तीसरे वर्त्स, मूर्धन्य और पार्श्व अवस्थिति के तीन तरफ़ा विभेद के लिए उल्लेखनीय है।
  • ये ध्वनियां हैं-फ़ द्वयोष्ठ्य संघर्षी व्यंजन स्वनिम / ङ् /, ज़ जो कि दंत्य ध्वनि स का ही सघोष रूप है / ॅ / और कंठ्य ध्वनियां ख़ / द् / अघोष कंठ्य संघर्षी, और इसी का सघोष ध्वनि रूप ग़।
  • यहाँ क् त् आदि अघोष वर्ण न तो ग् द् आदि सघोषों में परिवर्तित हुए मिलते, न थ घ् आदि महाप्राण वर्ण ह् में परिवर्तित हुए मिलते, न थ् घ् आदि महाप्राण वर्ण हृ में परिवर्तित हुए और न दंत्य न् के स्थान पर मूर्धन्य ण दिखाई देता।
  • यहाँ क् त् आदि अघोष वर्ण न तो ग् द् आदि सघोषों में परिवर्तित हुए मिलते, न थ घ् आदि महाप्राण वर्ण ह् में परिवर्तित हुए मिलते, न थ् घ् आदि महाप्राण वर्ण हृ में परिवर्तित हुए और न दंत्य न् के स्थान पर मूर्धन्य ण दिखाई देता।
  • दांत का एक नुकीला किनारा लगना, दुर्घटनावश चबा लेना (विशिष्ट रूप से यह तीक्ष्ण श्वानीय दांत या प्रज्ञा दंत के साथ आम हो सकता है), तीक्ष्ण, अपघर्षक या अत्यधिक नमकीन भोजन, अच्छी तरह न लगाई गई कृत्रिम दंतावली, दंत्य पट्टिका या टूथब्रश से होने वाले घाव मुंह की श्लेषकीय पंक्ति को चोट पहुंचा सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप छाला हो सकता है.
  • दांत का एक नुकीला किनारा लगना, दुर्घटनावश चबा लेना (विशिष्ट रूप से यह तीक्ष्ण श्वानीय दांत या प्रज्ञा दंत के साथ आम हो सकता है), तीक्ष्ण, अपघर्षक या अत्यधिक नमकीन भोजन, अच्छी तरह न लगाई गई कृत्रिम दंतावली, दंत्य पट्टिका या टूथब्रश से होने वाले घाव मुंह की श्लेषकीय पंक्ति को चोट पहुंचा सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप छाला हो सकता है.
  • नासिक्य-देवनागरी वर्णमाला में हमें प्रत्येक स्पर्श अथवा स्पर्श-संघर्षीव्यंजन वर्ग के अंत में एक नासिक्य व्यंजन वर्ण भी मिलता है जैसे कंठ्य ध्वनियोंके साथ अ कंठ्य नासिक्य ध्वनि [ब्] है तो मूर्धन्य ध्वनियों के साथ ण, मूर्धन्यनासिक्य [न्] है, तालव्य ध्वनियों के साथ ञ, तालव्य नासिक्य [ण्] है, और दंत्यएवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य के साथ न एवं म, क्रमशः दंत्य नासिक्य [न्] एवं द्वयोष्ठ्यनासिक्य/म्/लिखा जाता है.
  • नासिक्य-देवनागरी वर्णमाला में हमें प्रत्येक स्पर्श अथवा स्पर्श-संघर्षीव्यंजन वर्ग के अंत में एक नासिक्य व्यंजन वर्ण भी मिलता है जैसे कंठ्य ध्वनियोंके साथ अ कंठ्य नासिक्य ध्वनि [ब्] है तो मूर्धन्य ध्वनियों के साथ ण, मूर्धन्यनासिक्य [न्] है, तालव्य ध्वनियों के साथ ञ, तालव्य नासिक्य [ण्] है, और दंत्यएवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य के साथ न एवं म, क्रमशः दंत्य नासिक्य [न्] एवं द्वयोष्ठ्यनासिक्य/म्/लिखा जाता है.
  • नासिक्य-देवनागरी वर्णमाला में हमें प्रत्येक स्पर्श अथवा स्पर्श-संघर्षी व्यंजन वर्ग के अंत में एक नासिक्य व्यंजन वर्ण भी मिलता है जैसे कंठ्य ध्वनियों के साथ अ कंठ्य नासिक्य ध्वनि [ब्] है तो मूर्धन्य ध्वनियों के साथ ण, मूर्धन्य नासिक्य [न्] है, तालव्य ध्वनियों के साथ ञ, तालव्य नासिक्य [ण्] है, और दंत्य एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य के साथ न एवं म, क्रमशः दंत्य नासिक्य [न्] एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य /म्/ लिखा जाता है।
  • नासिक्य-देवनागरी वर्णमाला में हमें प्रत्येक स्पर्श अथवा स्पर्श-संघर्षी व्यंजन वर्ग के अंत में एक नासिक्य व्यंजन वर्ण भी मिलता है जैसे कंठ्य ध्वनियों के साथ अ कंठ्य नासिक्य ध्वनि [ब्] है तो मूर्धन्य ध्वनियों के साथ ण, मूर्धन्य नासिक्य [न्] है, तालव्य ध्वनियों के साथ ञ, तालव्य नासिक्य [ण्] है, और दंत्य एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य के साथ न एवं म, क्रमशः दंत्य नासिक्य [न्] एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य /म्/ लिखा जाता है।
  • नासिक्य-देवनागरी वर्णमाला में हमें प्रत्येक स्पर्श अथवा स्पर्श-संघर्षी व्यंजन वर्ग के अंत में एक नासिक्य व्यंजन वर्ण भी मिलता है जैसे कंठ्य ध्वनियों के साथ अ कंठ्य नासिक्य ध्वनि 1 है तो मूर्धन्य ध्वनियों के साथ ण, मूर्धन्य नासिक्य 2 है, तालव्य ध्वनियों के साथ ञ, तालव्य नासिक्य 3 है, और दंत्य एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य के साथ न एवं म, क्रमशः दंत्य नासिक्य 4 एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य /म्/ लिखा जाता है।
  • नासिक्य-देवनागरी वर्णमाला में हमें प्रत्येक स्पर्श अथवा स्पर्श-संघर्षी व्यंजन वर्ग के अंत में एक नासिक्य व्यंजन वर्ण भी मिलता है जैसे कंठ्य ध्वनियों के साथ अ कंठ्य नासिक्य ध्वनि 1 है तो मूर्धन्य ध्वनियों के साथ ण, मूर्धन्य नासिक्य 2 है, तालव्य ध्वनियों के साथ ञ, तालव्य नासिक्य 3 है, और दंत्य एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य के साथ न एवं म, क्रमशः दंत्य नासिक्य 4 एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य /म्/ लिखा जाता है।
  • नासिक्य-देवनागरी वर्णमाला में हमें प्रत्येक स्पर्श अथवा स्पर्श-संघर्षी व्यंजन वर्ग के अंत में एक नासिक्य व्यंजन वर्ण भी मिलता है जैसे कंठ्य ध्वनियों के साथ अ कंठ्य नासिक्य ध्वनि [ब्] है तो मूर्धन्य ध्वनियों के साथ ण, मूर्धन्य नासिक्य [न्] है, तालव्य ध्वनियों के साथ ञ, तालव्य नासिक्य [ण्] है, और दंत्य एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य के साथ न एवं म, क्रमशः दंत्य नासिक्य [न्] एवं द्वयोष्ठ्य नासिक्य / म् / लिखा जाता है।
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