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द्रेष्काण वाक्य

उच्चारण: [ deresekaan ]
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  • अगर द्रेष्काण का स्वामी उच्च राशि में होता है तो इसका मतलब है व्यक्ति दिव्य पितृलोक में सुख प्राप्त करके आया है।
  • यदि चन्द्र सम द्रेष्काण में हो तो शुभाशुभ दोनों प्रकार के फल मिलते हैं और आर्थिक क्षेत्र में कई उतार-चढ़ाव देखने पड़ते हैं।
  • 7. द्रेष्काण लग्नेश एवं जन्म लग्नेश का परस्पर जैसा सम्बन्ध होता है जातक का वैसा ही सम्बन्ध अपने भाई-बहिनों से होता है।
  • तपस्वी योग: यदि जन्मपत्रिका में दशम भाव का स्वामी गुरु के द्रेष्काण, नवमांश या त्रिंशांश में हो तो जातक तपस्वी होता है।
  • माना जन्म कुण्डली में कोई ग्रह वृष राशि में अंश पर स्थित है तो द्रेष्काण कुण्डली में भी वह ग्रह वृष कुण्डली में जाएगा. &
  • इसके अलावा द्रेष्काण कुंडली के आधार पर अंगों का विभाजन करके शरीर का कौन सा अंग रोग से पीड़ित है यह बतलाया जाता है।
  • प्रथम द्रेष्काण उसी राशि का, दूसरा द्रेष्काण उससे पंचम राशि का और तीसरा द्रेष्काण पंचम से पंचम अर्थात् नवम राशि का होता है।
  • प्रथम द्रेष्काण उसी राशि का, दूसरा द्रेष्काण उससे पंचम राशि का और तीसरा द्रेष्काण पंचम से पंचम अर्थात् नवम राशि का होता है।
  • प्रथम द्रेष्काण उसी राशि का, दूसरा द्रेष्काण उससे पंचम राशि का और तीसरा द्रेष्काण पंचम से पंचम अर्थात् नवम राशि का होता है।
  • 8. द्रेष्काण लग्नेश शत्रु या नीच राशि में हो तो उस राशि के तुल्य शरीर पर चोट, घाव आदि का चिन्ह होता है।
  • इसी तरह द्रेष्काण का विचार गोष्ठी स्वामी यदि शनि या बुध हो, तो इसका अर्थ है कि जातक पूर्व जन्म में नरक लोक में था।
  • जन्म कुण्डली में 20 से 30 अंश के मध्य कोई ग्रह स्थित है तो द्रेष्काण कुण्डली में वह ग्रह अपनी राशि से नवम राशि में जाएगा.
  • ५ ०. एक सौ उन्नीस युक्तियां ज्योतिष में काम आती है, बारह भाव, बारह राशिया, अट्ठाइस नक्षत्र द्रेष्काण आदि ही ११ ९ युक्तियां हैं।
  • द्रेष्काण कुन्डली मे जब शनि को चन्द्रमा देखता है, या चन्द्रमा शनि के द्वारा देखा जाता है, तो उच्च कोटि का संत बना देता है.
  • 8-लग्न से 22 वें द्रेष्काण का स्वामी या अष्टमभाव का स्वामी नवम भाव में चन्द्र हो तो काशीतीर्थ बुध $ शुक्र हो तो द्वारिका में मृत्यु हो।
  • वराहमिहिर ' ' बृहतजातक '' में लिखते हैं कि बली ग्रह के द्रेष्काण पति की अवस्था को देखकर जातक के पूर्व लोक के स्थानादि का भी पता जाना जा सकता है।
  • द्वितीय द्रेष्काण में जन्म लेने वाला जातक दृढ़निश्चयी, श्रेष्ठजनों एवं साधु-सन्तों की सेवा करने वाला, परोपकारी, दृढ़ संकल्प शक्ति से युक्त, अत्यन्त पराक्रमी एवं परिश्रमी होता है।
  • यदि चन्द्रमा शत्रु द्रेष्काण में हो या पाप ग्रहों से युत या दृष्ट हो तो जातक रोगी, व्यवसाय में असफल, धन सम्पदा एव सुख साधनों से परेशान रहता है।
  • जन्म कुण्डली में 0 से 10 अंश के बीच में कोई ग्रह है तो वह द्रेष्काण कुण्डली में उसी राशि में लिखा जाएगा जिस राशि में वह जन्म कुण्डली में है.
  • इन दोनों में से जो बलवान हो यानी अपनी राशि या मित्र राशि में और चन्द्रमा या शुक्र के द्रेष्काण में हो तो व्यक्ति की आत्मा पितृलोक से धरती पर आई है।
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द्रेष्काण sentences in Hindi. What are the example sentences for द्रेष्काण? द्रेष्काण English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.