निम्बार्क संप्रदाय वाक्य
उच्चारण: [ nimebaarek senperdaay ]
उदाहरण वाक्य
मोबाइल
- भगवान् कृष्ण के प्रति अनुरक्त होकर वृंदावन में उन्होंने निम्बार्क संप्रदाय में दीक्षा ली और अपने परिवार का मोह भी इन्होंने उस भक्ति के कारण त्याग दिया।
- भगवान् कृष्ण के प्रति अनुरक्त होकर वृंदावन में उन्होंने निम्बार्क संप्रदाय में दीक्षा ली और अपने परिवार का मोह भी इन्होंने उस भक्ति के कारण त्याग दिया।
- उन्होंने बताया कि निम्बार्क संप्रदाय के आचार्य चतुर चिंतामणि देवाचार्य नागा जी महाराज ने आज से 531 साल पहले ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा का शुभारंभ किया था।
- मंदिर में विभाग द्वारा नियुक्त तीन पुजारी विधिवत निम्बार्क संप्रदाय के अनुसार पूजा पाठ कर रहे हैं और इसके रखरखाव में किसी प्रकार की बाधा नहीं आ रही है।
- 16वीं शताब्दी में महाप्रभु वल्लभाचार्य, गोस्वामी विट्ठलनाथ, चैतन्य मत केसरी चैतन्य महाप्रभु, रूप गोस्वामी, सनातन गोस्वामी, नारायण भट्ट, निम्बार्क संप्रदाय के चतुरानागा आदि ने ब्रज यात्रा की थी।
- अन्य वैष्णव सप्रदायों की भांति निम्बार्क संप्रदाय का भीप्रमुख प्रसार वृन्दावन में हुआ (मुगल काल में) जहाँ हरिव्यास-देवाचार्यजी ने संप्रदाय के पीठों का सुनियोजित पुनर्गठन कर बारह शिष्यों कोसंप्रदाय के प्रसार का कार्य सौंपा.
- हिन्दू धर्म · इस्लाम धर्म · जैन धर्म · बौद्ध धर्म · पारसी धर्म · ईसाई धर्म · सिक्ख धर्म · यहूदी धर्म · वैदिक धर्म · निम्बार्क संप्रदाय · वैष्णव सम्प्रदाय · वल्लभ संप्रदाय ·
- [[निम्बार्क संप्रदाय | निम्बार्क]], [[माध्व सम्प्रदाय | माध्व]], [[गौड़ीय सम्प्रदाय | गौड़ीय]], [[रामानुज]], शंकर कार्ष्णि, उदासीन आदि समस्त धर्माचार्यो, में बलदेव जी की मान्यताएं हैं।
- पुष्टि मार्ग / शुद्धाद्वैत सम्प्रदाय के सूरदास (सूरसागर), नंददास, निम्बार्क संप्रदाय के श्री भट्ट, चैतन्य सम्प्रदाय के गदाधर भट्ट, राधावल्लभ सम्प्रदाय के हित हरिवंश (श्रीकृष्ण की बाँसुरी के अवतार) एवं सम्प्रदाय-निरपेक्ष कवियों में रसखान, मीराबाई आदि प्रमुख कृष्णभक्त कवियों ने ब्रजभाषा के साहित्यिक विकास में अमूल्य योगदान दिया।
- पुष्टि मार्ग / शुद्धाद्वैत सम्प्रदाय के सूरदास (सूरसागर), नंददास, निम्बार्क संप्रदाय के श्री भट्ट, चैतन्य सम्प्रदाय के गदाधर भट्ट, राधावल्लभ सम्प्रदाय के हित हरिवंश (श्रीकृष्ण की बाँसुरी के अवतार) एवं सम्प्रदाय-निरपेक्ष कवियों में रसखान, मीराबाई आदि प्रमुख कृष्णभक्त कवियों ने ब्रजभाषा के साहित्यिक विकास में अमूल्य योगदान दिया।
- निम्बार्क संप्रदाय में मुखिया व झेला का क्रम कब से चला आ रहा है, यह तो शोध का विष्य है किंतु निबार्क कोट में समाज गायन में मुखियाओं की परंपरा इस प्रकार रही है-श्रीरमन दास, गोपाल दास, गोकुल दास, पूरन दास, प्रेमदास, गोविंद दास, रूप किशोर दास, रसिक दास व वृंदावन बिहारी।
- प्रभु आदिवाराह 9260 भगवान राम 4035 वि 0 पू 0, भक्त प्रहलाद 9254 वि 0 पू 0, श्री नारदजी 9000 वि 0 पू 0, उद्धवजी 3100 वि 0 पू 0, वज्रनाभ 3042 वि 0 पू 0, तथा निम्बार्क संप्रदाय, बल्लभ संप्रदाय गौड़ीय संप्रदाय, राधा बल्लभ, राधा रमण, संप्रदायों के आचार्यों ने ब्रज यात्रायें की है इनमें माथुरों की अपनी ब्रजयात्रा लठामार सब से पुरातन थी जो अब साधु संतो द्वारा की जाती है ।
- अधिक वाक्य: 1 2
निम्बार्क संप्रदाय sentences in Hindi. What are the example sentences for निम्बार्क संप्रदाय? निम्बार्क संप्रदाय English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.