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परिषद का वाक्य

उच्चारण: [ perised kaa ]
"परिषद का" अंग्रेज़ी में
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • Bihar 's Agriculture Minister Ghulam Sarwar had to replace a notification nominating Subhash as a member of the Gopalganj Agriculture Marketing Board with one appointing Sadhu in his place .
    बिहार के कृषि मंत्री गुलम सरवर को वह अधिसूचना बदलनी पड़ी जिसमें सुभाष को गोपालगंज कृषि विपणन परिषद का सदस्य नामांकित किया गया था .
  • These are of two types. First those which co-ordinates between parliament and government like on resignation of government on No-confidence proposal.
    इनके दो प्रकार है प्रथम वे जो संसद तथा मंत्रिपरिषद के मध्य संयोजन का कार्य करती है यथा अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर परिषद का त्यागपत्र दे देना
  • In the case of the legislature at the Centre , the erstwhile Indian Legislative Council was replaced by a bicameral legislature consisting of a Council of State -LRB- Upper House -RRB- and a Legislative Assembly -LRB- Lower House -RRB- .
    केंद्रीय विधान परिषद का स्थान राज्य परिषद ( उच्च सदन ) तथा विधान सभा ( निम्न सदन ) वाले द्विसदनीय विधानमंडल ने ले लिया .
  • They are of two types first they who do the main jobs of the constitution and cabinet and second the people who give in their resignation when a bye law is passed against them.
    इनके दो प्रकार है प्रथम वे जो संसद तथा मंत्रिपरिषद के मध्य संयोजन का कार्य करती है यथा अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर परिषद का त्यागपत्र दे देना
  • After he had been on the Town Council as an elected member for ten years , Badruddin was asked to join the Bombay Legislative Council , which was the law-making body for Bombay Presidency .
    दस वर्ष तक नगर परिषद का निर्वाचित सदस्य रहने के बाद बदरूद्दीन को बंबई विधान परिषद में शामिल होने को कहा गया जो उन दिनों बंबई प्रसिडेंसी कानून बनाने वाला अंग था .
  • Also , the Parliament has been empowered to abolish or create a Legislative Council in a State by a simple procedure not involving an amendment of the Constitution .
    इसके अतिरिक़्त , संसद को किसी राज़्य में विधान परिषद का साधारण प्रक्रिया द्वारा उत्पादन या सृजन करने की शक़्ति प्राप्त है जिसके लिए संविधान में संशोधन करना अपेक्षित नहीं है .
  • He added that it was the duty of the Legislative Council to lay down sound principles of collective responsibility , and if the final decision in all matters was left to the Governor , then the Council was , in effect , abandoning its responsibility .
    उन्होंने यह भी कहा कि सामूहिक उत्तरदायित्व के ठोस सिद्धांत निर्धारित करना विधान परिषद का कर्तव्य था और यदि सभी मामलों में अंतिम निर्णय गवर्नर पर छोड़ दिया गया तो वास्तव में परिषद अपने उत्तरदायित्व का परित्याग कर रही होगी .
  • Much as he would have liked to continue as a member of the Town Council also , Badruddin found that he could not do both . He could not attend the meetings of both bodies without neglecting the legal business of his clients .
    नगर परिषद का भी सदसऋ-ऊण्श्छ्ष्-य बने रहने की प्रबल इचऋ-ऊण्श्छ्ष्-छा के बावजूद बदरूद्दीन ने पाया कि वह दोनों कार्य नहीं कर सकते थे1 वह अपने मुवकऋ-ऊण्श्छ्ष्-किलों के कानूनी मामलों की उपेक्षा किये बिना दोनों संसऋ-ऊण्श्छ्ष्-थाओं की बैठकों में भाग नहीं ले सकते थे .
  • Swami 's impeccable integrity and simple ways and the fact that he was a contemporary of the likes of Atal Bihari Vajpayee and Lal Krishna Advani stood him in good stead , outweighing the fact that the only administrative experience he has had was in running for the Uttar Pradesh Legislative Council .
    स्वामी की निष्पाप प्रतिबद्धता और इस तथ्य के चलते , कि वे अटल बिहारी वाजपेयी और ललकृष्ण आड़वाणी के समकालीन हैं , उनका पलड़ भारी हो गया और यह तथ्य भी छिप गया कि उनका एकमात्र प्रशासनिक अनुभव उत्तर प्रदेश विधान परिषद का संचालन करना है .
  • Students were being expelled from colleges for no other crime than the temerity to sing patriotic songs ; to provide for their education he and some other educationists formulated and put into operation a scheme for national education and set up a Council of which the celebrated philosopher-yogi , Aurobindo Ghosh , became the first Principal .
    ऐसे छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के लिए रवीन्द्रनाथ और कुछ अन्य शिक्षाविद एकजुट हुए और उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा योजना को लागू करने के लिए एक परिषद का गठन किया और सुपरिचित दार्शनिक और योगी श्री अरविंद इसके प्रथम प्राचार्य बने .
  • Where prime minister take the leader to ministry their cabinet take the position of decision taker.
    प्रधानमंत्री सरकार संसदीय सरकार का ही प्रकार है जिसमे प्रधानमंत्री मंत्रि परिषद का नेतृत्व करता है वह कैबिनेट की निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है वह कैबिनेट से अधिक शक्तिशाली है उसके निर्णय ही कैबिनेट के निर्णय है देश की सामान्य नीतियाँ कैबिनेट द्वारा निर्धारित नहीं होती है यह कार्य प्रधानमंत्री अपने निकट सहयोगी चाहे वो मंत्रि परिषद के सद्स्य ना हो की सहायता से करता है जैसे कि इंदिरा गाँधी अपने किचन कैबिनेट की सहायता से करती थी
  • Prime ministers is the head of cabinet and decides everything under suggession of cabinet. He along with cabinet minister decides to bring new rules / work in the country
    प्रधानमंत्री सरकार संसदीय सरकार का ही प्रकार है जिसमे प्रधानमंत्री मंत्रि परिषद का नेतृत्व करता है वह कैबिनेट की निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है वह कैबिनेट से अधिक शक्तिशाली है उसके निर्णय ही कैबिनेट के निर्णय है देश की सामान्य नीतियाँ कैबिनेट द्वारा निर्धारित नहीं होती है यह कार्य प्रधानमंत्री अपने निकट सहयोगी चाहे वो मंत्रि परिषद के सद्स्य ना हो की सहायता से करता है जैसे कि इंदिरा गाँधी अपने किचन कैबिनेट की सहायता से करती थी
  • Government of a Prime Minister is same as that of a parliamentary government. The Prime minister heads the Cabinet of ministers, and affects all decisions made therein. His decision is taken as the decision of the whole cabinet. The Prime minster can take decisions and work in association with the cabinet, or with any of his colleagues, even if he is not part of the cabinet. For example, Indira Gandhi took aid from her kitchen cabinet.
    प्रधानमंत्री सरकार संसदीय सरकार का ही प्रकार है जिसमे प्रधानमंत्री मंत्रि परिषद का नेतृत्व करता है वह कैबिनेट की निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है वह कैबिनेट से अधिक शक्तिशाली है उसके निर्णय ही कैबिनेट के निर्णय है देश की सामान्य नीतियाँ कैबिनेट द्वारा निर्धारित नहीं होती है यह कार्य प्रधानमंत्री अपने निकट सहयोगी चाहे वो मंत्रि परिषद के सद्स्य ना हो की सहायता से करता है जैसे कि इंदिरा गाँधी अपने किचन कैबिनेट की सहायता से करती थी
  • Prime minister government is type of parliamentary government in which prime minister lead the cabinet. He influence the decision making power of cabinet. He is powerful than cabinet, his decision is the decision of cabinet. The general policies of country is not decided by cabinet, prime minister do this work with the assistance of his close companion whether he is a minster or not for example Indira Gandhi worked with the help of her kitchen cabinet.
    प्रधानमंत्री सरकार संसदीय सरकार का ही प्रकार है जिसमे प्रधानमंत्री मंत्रि परिषद का नेतृत्व करता है वह कैबिनेट की निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है वह कैबिनेट से अधिक शक्तिशाली है उसके निर्णय ही कैबिनेट के निर्णय है देश की सामान्य नीतियाँ कैबिनेट द्वारा निर्धारित नहीं होती है यह कार्य प्रधानमंत्री अपने निकट सहयोगी चाहे वो मंत्रि परिषद के सद्स्य ना हो की सहायता से करता है जैसे कि इंदिरा गाँधी अपने किचन कैबिनेट की सहायता से करती थी
  • According to 74 as for the ministry leadership is necessity for prime minister presence in this position all minister must sacrifice their post.
    अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
  • According to 74 as for the ministry leadership is necessity for prime minister presence in this position all minister must sacrifice their post.
    अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
  • .Articel 74 inform about minister constituting prime minister of country. On event of prime ministers death or resignation misisters also have to resign. prime minsiter finalises ministers and later appoited by president. Role of minister is also finalized by PM(Prime Minister), PM is the bridge between president and council of ministers
    अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
  • .Articel 74 inform about minister constituting prime minister of country. On event of prime ministers death or resignation misisters also have to resign. prime minsiter finalises ministers and later appoited by president. Role of minister is also finalized by PM(Prime Minister), PM is the bridge between president and council of ministers
    अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
  • Annexure 74 considers it compulsory for the Prime Minister to preside over and manage the cabinet.In case of his resignation or death, the cabinet is considered to be dissolved. The rime Minister holds the ultimate power to appoint the cabinet, The President appoints the cabinet according to the say of teh Prime Minister. He solely decides the portfolios of the ministers. He gives orders to all government institutions and the final decisions also rest with him.He is the central figure between the President and the cabinet of ministers. He is the speaker and leads debates and discussions. He can debate any topic raised in the parliament. He can check the work of any ministry. These are the reasons why he is considered the most important political figure in the country.
    अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
  • Annexure 74 considers it compulsory for the Prime Minister to preside over and manage the cabinet.In case of his resignation or death, the cabinet is considered to be dissolved. The rime Minister holds the ultimate power to appoint the cabinet, The President appoints the cabinet according to the say of teh Prime Minister. He solely decides the portfolios of the ministers. He gives orders to all government institutions and the final decisions also rest with him.He is the central figure between the President and the cabinet of ministers. He is the speaker and leads debates and discussions. He can debate any topic raised in the parliament. He can check the work of any ministry. These are the reasons why he is considered the most important political figure in the country.
    अनु 74 स्पष्ट रूप से मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता तथा संचालन हेतु प्रधानम्ंत्री की उपस्तिथि आवश्यक मानता है उसकी मृत्यु या त्यागपत्र की द्शा मे समस्त परिषद को पद छोडना पडता है वह अकेले ही मंत्री परिषद का गठन करता है राष्ट्रपति मंत्री गण की नियुक्ति उस की सलाह से ही करता है मंत्री गण के विभाग का निर्धारण भी वही करता है कैबिनेट के कार्य का निर्धारण भी वही करता है देश के प्रशासन को निर्देश भी वही देता है सभी नीतिगत निर्णय वही लेता है राष्ट्रपति तथा मंत्री परिषद के मध्य संपर्क सूत्र भी वही है परिषद का प्रधान प्रवक्ता भी वही है परिषद के नाम से लडी जाने वाली संसदीय बहसॉ का नेतृत्व करता है संसद मे परिषद के पक्ष मे लडी जा रही किसी भी बहस मे वह भाग ले सकता है मन्त्री गण के मध्य समन्वय भी वही करता है वह किसी भी मंत्रालय से कोई भी सूचना मंगवा सकता है इन सब कारणॉ के चलते प्रधानम्ंत्री को देश का सबसे मह्त्वपूर्ण राजनैतिक व्यक्तित्व माना जाता है
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परिषद का sentences in Hindi. What are the example sentences for परिषद का? परिषद का English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.