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प्रस्थानत्रयी वाक्य

उच्चारण: [ persethaanetreyi ]
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  • वल्लभाचार्य के भाष्य के पश्चात् पाँच सौ वर्षों तक संस्कृत में प्रस्थानत्रयी पर कोई भाष्य नहीं लिखा गया।
  • इस प्रकार रामभद्राचार्य ने प्रस्थानत्रयी पर संस्कृत टीकाओं की परंपरा को पांच सौ वर्षों के बाद पुनर्जीवित किया।
  • ऐसा लगता है कि ये अपने मत के समर्थन के लिये प्रस्थानत्रयी की अपेक्षा पुराणों पर अधिक निर्भर हैं।
  • ऐसा लगता है कि ये अपने मत के समर्थन के लिये प्रस्थानत्रयी की अपेक्षा पुराणों पर अधिक निर्भर हैं।
  • ऐसा लगता है कि ये अपने मत के समर्थन के लिये प्रस्थानत्रयी की अपेक्षा पुराणों पर अधिक निर्भर हैं।
  • जिस प्रस्थानत्रयी के साथ कबीर को जोड़ने का प्रयास किया जाता है उसमें असहमतिमूलक चिंतन का सर्वथा अभाव था.
  • प्रस्थानत्रयी के टीकाकारों में शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, वल्लभाचार्य, मध्वाचार्य एवं रामानंदाचार्य के नाम मुख्य रूप से उल्लेखनीय है।
  • वल्लभ-सम्प्रदाय में तो उसे प्रस्थानत्रयी के साथ सम्मिलित करके ' प्रस्थानचतुष्टय ' नाम से भक्ति-धर्म का आकार माना गया है।
  • ानस पर हिन्दी टीका, अष्टाध्यायी पर काव्यात्मक संस्कृत टीका, और प्रस्थानत्रयी (ब्रह्मसूत्र, भगवद्गीता और प्रधान उपनिषदों) पर संस्कृत भाष्य सम्मिलित हैं।
  • इसके बाद शंकर ने गुरु आज्ञा से प्रस्थानत्रयी ब्रह्मसूत्र, एकादशोपनिषद् और श्रीमद्भगवद्गीता पर भाष्य लिखकर श्रुतिसम्मत अद्वैत सिद्धांत का प्रतिपादन किया।
  • और इस पर श्री अनुराग शर्मा (स्मार्ट इण्डियन) ने प्रस्थानत्रयी से उसके समकक्ष सूत्र निकाल कर रखा (यह भग्वद्गीता का अन्तिम श्लोक है):
  • ानस पर हिन्दी टीका, अष्टाध्यायी पर काव्यात्मक संस्कृत टीका, और प्रस्थानत्रयी (ब्रह्मसूत्र, भगवद्गीता और प्रधान उपनिषदों) पर संस्कृत भाष्य सम्मिलित हैं।
  • “हरिद्वार से आये आचार्य चंद्र दत्त सुवेदी ने कहा कि प्रस्थानत्रयी पर सबसे पहले भाष्य आचार्य शंकर ने लिखा और अब वल्लभाचार्य के छह सौ
  • “हरिद्वार से आये आचार्य चंद्र दत्त सुवेदी ने कहा कि प्रस्थानत्रयी पर सबसे पहले भाष्य आचार्य शंकर ने लिखा और अब वल्लभाचार्य के छह सौ
  • भगवत्पाद श्री शंकराचार्य ने प्रस्थानत्रयी के भाष्य के अतिरिक्त ऐसे बहुत से ग्रन्थों का प्रणयन किया जिन्हें औपनिषद अवान्तर वाक्यों की कोटि में रखा जा सकता है।
  • वैदिक धर्म के मौलिक सिद्धान्तों को तीन प्रमुख ग्रन्थ प्रमाणित करते हैं जो प्रस्थानत्रयी के नाम से विख्यात हैं, ये हैं-उपनिषद्, ब्रह्मसूत्र और श्रीमद्भगवद्गीता ।
  • भगवत्पाद श्री शंकराचार्य ने प्रस्थानत्रयी के भाष्य के अतिरिक्त ऐसे बहुत से ग्रन्थों का प्रणयन किया जिन्हें औपनिषद अवान्तर वाक्यों की कोटि में रखा जा सकता है।
  • वैदिक धर्म के मौलिक सिद्धान्तों को तीन प्रमुख ग्रन्थ प्रमाणित करते हैं जो प्रस्थानत्रयी के नाम से विख्यात हैं, ये हैं-उपनिषद्, ब्रह्मसूत्र और श्रीमद्भगवद्गीता ।
  • जिस तरह वेदान्त दर्शन की प्रस्थानत्रयी में गीता का इतना महत्त्व है कि प्राय: सभी आचार्यों ने इस पर भाष्य रचे और अपने मत को गीतानुसार बताने का प्रयास किया।
  • अभिगमन तिथि: जुलाई १२, २०११. “हरिद्वार से आये आचार्य चंद्र दत्त सुवेदी ने कहा कि प्रस्थानत्रयी पर सबसे पहले भाष्य आचार्य शंकर ने लिखा और अब वल्लभाचार्य के छह सौ
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प्रस्थानत्रयी sentences in Hindi. What are the example sentences for प्रस्थानत्रयी? प्रस्थानत्रयी English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.