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प्रियादास वाक्य

उच्चारण: [ periyaadaas ]
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  • यदि मीरां भी रैदास की शिष्या होती तो प्रियादास इसका उल्लेख करना कभी नहीं भूलते ।
  • प्रियादास जी ने भक्तमाल की भक्तिरस बोधिनी टीका में इस घटना का इस प्रकार वर्णन किया है-
  • इस पर्त्रव्यवहार का उल्लेख न तो प्रियादास की टीका में मिलता है और न ही रघुराजकृत भक्तमाल में।
  • प्रियादास की प्रसिद्ध टीका में 214 पद्य दिए गए हैं और आचार्य शुक्ल इसमें 316 छंद मानते हैं।
  • इस पर्त्रव्यवहार का उल्लेख न तो प्रियादास की टीका में मिलता है और न ही रघुराजकृत भक्तमाल में ।
  • इनका प्रसिद्ध ग्रंथ भक्तमाल संवत् 1642 के पीछे बना और संवत् 1769 में प्रियादास जी ने उसकी टीका लिखी।
  • प्रियादास कृत ' भक्तमाल' की टीका के अनुसार चित्तौड़ की 'झालारानी' उनकी शिष्या थीं, जो महाराणा सांगा की पत्नी थीं।
  • नागा जी महाराज की ब्रज यात्रा के संबंध में भक्तमाल में टीकाकार प्रियादास जी में विस्तार से वर्णन किया गया है।
  • इनके प्रसिद्ध ग्रंथ ' भक्तमाल ' की टीका प्रियादास जी ने संवत् 1769 में, सौ वर्ष बाद, लिखी थी।
  • प्रियादास ने उनका जन्म वैश्य कुल में माना जाता है और संत नाभादास ने उन्हे संत ज्ञानेश्वर का शिष्य बतलाया है।
  • भक्तमाल के प्रियादास की टीका से पता चलता है कि जीवन के वसंत काल में तुलसी पत्नी के प्रेम में सराबोर थे।
  • भक्तमाल के प्रियादास की टीका से पता चलता है कि जीवन के वसंत काल में तुलसी पत्नी के प्रेम में सराबोर थे।
  • भक्तमाल के प्रियादास की टीका से पता चलता है कि जीवन के वसंत काल में तुलसी पत्नी के प्रेम में सराबोर थे।
  • प्रियादास कृत ' भक्तमाल ' की टीका के अनुसार चित्तौड़ की ' झालारानी ' उनकी शिष्या थीं, जो महाराणा सांगा की पत्नी थीं।
  • सं0 1769 वि0 में लिखित प्रियादास की टीका में वही भाव विशदीकृत है और ब्राह्मण तथा उसको दो कन्याओं को कहानी की सन्दर्भित किया गया है।
  • टीप-अनेक भक्त माल की प्रतियां देखने से प्रतीत हुआ कि इस मूल छप्पय नाभादास जी पर प्रियादास जी ने अपनी टीका का कवित्त नहीं लिखा।
  • कबीर ने संतनि में रविदास संत ' कहकर उनका महत्त्व स्वीकार किया इसके अतिरिक्त नाभादास, प्रियादास, मीराबाई आदि ने रैदास का ससम्मान स्मरण किया है।
  • इस कथा का उल्लेख सर्वप्रथम प्रियादास के कवित्तों में मिलता है-' वृन्दावन आई जीव गुसाई जू सो मिल झिली, तिया मुख देखबे का पन लै छुटायौ
  • प्रियादास, वैष्णवदास, लालदास, बालकराम, रूपकला, मलूकदास, आदि अनेक विद्वानों ने इस ग्रंथ पर विविध टीकाएँ प्रस्तुत कर प्रस्तुत ग्रंथ की महिमा को स्वीकार किया है।
  • अपने दोनों प्रिय भक्तों की एक साथ सेवा करने का अवसर उन्हें फिर कब मिलता? प्रियादास जी ने भक्तमाल की टीका में सूत्र रूप में इस घटना का उल्लेख इस प्रकार किया है-
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प्रियादास sentences in Hindi. What are the example sentences for प्रियादास? प्रियादास English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.