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बसेरे से दूर वाक्य

उच्चारण: [ beser s dur ]
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • ऐसा ही कुछ होता है जब एक अप्रवासी भारतीय अपने घर जाता है, बिल्कुल अपनों के बीच! बसेरे से दूर बैठे-बैठे न जाने वह कौन सी डोर है जो खींचती रहती है बार-बार अपनी ओर?
  • यह चार खण्डों में है: ‘ क्या भूलूँ क्या याद करूँ ', ‘ नीड़ का निर्माण फिर ', ‘ बसेरे से दूर ' और ‘ दशद्वार ' से ‘ सोपान ' तक।
  • हर एक लगा है अपनी दे-ले में। ' और यही 'दे-ले' आपको क्या भूलूँ क्या याद करूँ से लेकर नीड़ का फिर-फिर निर्माण करती हुए बसेरे से दूर ले जाकर दश-द्वारों वाले सोपान पर ठहरती है।
  • हर एक लगा है अपनी दे-ले में। ' और यही ' दे-ले ' आपको क्या भूलूँ क्या याद करूँ से लेकर नीड़ का फिर-फिर निर्माण करती हुए बसेरे से दूर ले जाकर दश-द्वारों वाले सोपान पर ठहरती है।
  • उनकी सत्य की स्वीकारोक्ति ही उनको एक महान इंसान बनाती है, जो उनकी आत्मकथा की प्रथम तीनों श्रृंखला (क्या भूलूँ क्या याद करूँ, नीड़ का निर्माण फिर और बसेरे से दूर) में मिलता है...
  • किताबखाना, किताबखाना, किताबनामा, किताबमाला, किताब कोना, किताबी कोना, किताबी दुनिया, किताबें, किताबें, पुस्तक, पुस्तक चर्चा, पुस्तकमाला, पुस्तक समीक्षा, समीक्षा, बसेरे से दूर यह, हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा के तीसरे भाग 'बसेरे से दूर' की, समीक्षा है।
  • उनकी आत्म कथा के चार खण्ड प्रकाशित हो चुके हैं-क्या भूलूँ क्या याद करूँ (1969), ‘ नीड़ का निर्माण फिर (1970) ' बसेरे से दूर (1977) ', दशद्वार से सोपान तक (1985) ।
  • बच्चन जी अपने जीवनी के चौथे भाग में बताते हैं कि वे ' बसेरे से दूर ' को लिखते समय टूटे-गिरेपन की हालत से गुजर रहा थे और इस परिस्थिति को संभलने के लिये उन्होने किपलिंग की ‘ If ' शीर्षक कविता का सहारा लिया था।
  • इनके नाम हैं-‘ क्या भूलूँ क्या याद करूँ ' (जन्म 1936 तक), ‘ नीड़ का निर्माण फिर ' (1951 तक), ‘ बसेरे से दूर ' (1955 तक) और ‘ दशद्वार से सोपान तक ' (1985 तक).
  • काव्य रचनाओं के साथ-साथ उनके जिस साहित्यिक रूप ने इस उक्ति को प्रमाणित किया वह है उनकी आत्मकथा एं-“ नीड़ का निर्माण फिर ”, “ बसेरे से दूर ” “ क्या भूलूं क्या याद करू ” एवं “ दसद्वार से सोपान तक । “
  • ऐसा ही कुछ होता है जब एक अप्रवासी भारतीय अपने घर जाता है, बिल्कुल अपनों के बीच! बसेरे से दूर बैठे-बैठे न जाने वह कौन सी डोर है जो खींचती रहती है बार-बार अपनी ओर? मुझे अपनी हाल की भारत यात्रा में ऐसा ही कुछ अनुभव हु आ.
  • डॉक्टर हरिवंशराय बच्चन के बारे में जिन्हे अधिक जानकारी प्राप्त करनी हो उनके लिये मै यही कह सकता हूं कि चार खंडों में प्रस्तुत उनकी आत्मकथा से बढकर दूसरा कोई अन्य उपाय नही हो सकता-क्या भूलूं क्या याद करूं, नीड का निर्माण फिर, बसेरे से दूर तथा दशद्वार से सोपान तक ।
  • आइरिस, और अंग्रेजीछटी पोस्ट: इन्दिरा जी से मित्रता,सातवीं पोस्ट: मांस, मदिरा से परहेजआठवीं पोस्ट: पन्त जी और निराला जीनवीं पोस्ट: नियमभाग-३: बसेरे से दूर यह पोस्ट: इलाहाबाद से दूरअगली पोस्ट: भाग-४ दशद्वार से सोपान तकबसेरे से दूर, बच्चन जी की आत्म कथा का तीसरा भाग है यह तब लिखी गयी जब वह इलाहाबाद से दूर चले गये।
  • राहुल सांकृत्यायन की पांच खंडों में प्रकाशित आत्मकथा ‘ मेरी जीवन यात्रा ' यशपाल की आत्मकथा ‘ सिंहावलोकन ' (तीन खंड), हरिवंशराय बच्चन की चार खंडों (क्या भूलूं क्या याद करूं, नीड़ का निर्माण फिर, बसेरे से दूर, दशद्वार से सोपान तक) में प्रकाशित आत्मकथा, डा. रामविलास शर्मा की ‘ आत्मकथा ‘ अपनी धरती अपने लोग ', नरेश मेहता की आत्मकथा ‘
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बसेरे से दूर sentences in Hindi. What are the example sentences for बसेरे से दूर? बसेरे से दूर English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.