भोगांश वाक्य
उच्चारण: [ bhogaaanesh ]
"भोगांश" अंग्रेज़ी मेंउदाहरण वाक्य
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- ग्रह का जो भोगांश है उसे 2 से गुणा करें और जो संख्या प्राप्त हो उसे 12 से भाग दें.
- दोनों ग्रहों के भोगांश का अंतर, दोनों ग्रहों के दीप्तांश के योग के आधे से कम होना चाहि ए.
- सूर्य का भोगांश जब जन्म भोगांशों के बराबर आता है (राशि को छोड़कर अंश-कला में) तो मास प्रवेश होता है।
- इस योग के लिए जरूरी है-तीव्र गति, कम भोगांश वाला ग्रह मंद गति, अधिक भोगांश वाले ग्रह से पीछे हो।
- इस योग के लिए जरूरी है-तीव्र गति, कम भोगांश वाला ग्रह मंद गति, अधिक भोगांश वाले ग्रह से पीछे हो।
- पुनः ख, ख1 और सूर्य एक रेखा में आये अर्थात् बुध और सूर्य के भोगांश समान हुए अर्थात् बुध की दोबारा अन्तर्युति हुई।
- -त्र धूम: सूर्य के भोगांश $ 133020 त्र पथ: 360-धूम त्र परिधि: पथ $ 1800 त्र इंद्रचाप:
- अब हम मान लेते हैं कि शनि का भोगांश 11 अंश 22 कला है तथा मंगल का भोगांश 9 अंश 15 कला है.
- अब हम मान लेते हैं कि शनि का भोगांश 11 अंश 22 कला है तथा मंगल का भोगांश 9 अंश 15 कला है.
- ग्रह के भोगांश के आधार पर गणना करने पर माना 3 शेष बचता है तो इसमें 1 जोड़ने पर 4 संख्या प्राप्त होती है.
- इसके उपरांत ग्रहों के भोगांश निकाले जाते हैं, सभी ग्रहों के बल, पंचवर्गीय बल, मुंथा दशा आदि की गणना की जाती है।
- पुनः ख, ख 1 और सूर्य एक रेखा में आये अर्थात् बुध और सूर्य के भोगांश समान हुए अर्थात् बुध की दोबारा अन्तर्युति हुई।
- यदि विषुवसंपात के स्थान पर आकाशगंगा के विषुवद् तथा खगोलीय विषुवद का संपातबिंदु लें तथा क्रांतिवृत्त के ध्रुव के स्थान पर आकाशगंगा के विषुवद्वृत्त का ध्रुव लें तो हमें आकाशगंगीय भोगांश तथा विक्षेप प्राप्त होंगे।
- मुद्दा दशा और योगिनी दशा की गणना पराशरी गणना के जैसी है लेकिन पात्यायनी दशा की गणना इनसे भिन्न है, इस दशा में वर्ष कुण्डली में ग्रहों के भोगांश के आधार पर दशा क्रम निश्चित किया जाता है.
- जब कोई आन्तरिक ग्रह (बुध और शुक्र) सूर्य और पृथ्वी के मध्य में हो अर्थात् ग्रह के एक ओर सूर्य और दूसरी ओर पृथ्वी हो तथा सूर्य व ग्रह दोनों के भोगांश समान हो, वह उस ग्रह की अन्तर्युति होती है।
- यह योग निम्न होते हैं-इत्थशाल योग इशराफ योग नक्त योग कंबूल योग रद्द योग मणऊ योग खल्लासार योग इत्थशाल योग: इत्थशाल योग का निर्माण तब होता है जब तीव्र गति और कम भोगांश वाला ग्रह मंद गति और अधिक भोगांश वाले ग्रह से पीछे हो।
- यह योग निम्न होते हैं-इत्थशाल योग इशराफ योग नक्त योग कंबूल योग रद्द योग मणऊ योग खल्लासार योग इत्थशाल योग: इत्थशाल योग का निर्माण तब होता है जब तीव्र गति और कम भोगांश वाला ग्रह मंद गति और अधिक भोगांश वाले ग्रह से पीछे हो।
- यदि तारा के ऊपर क्रांतिवृत्त के ध्रुव से एक समकोणवृत्त खींचे तो वह जहाँ क्रांतिवृत से लगेगा यहाँ तक वसंतसंपात से लेकर घड़ी की सूई की विरुद्ध दिशा में क्रांतिवृत्त के चाप के अंशों का भोगांश तथा कटानबिंदु से तारा तक समकोणवृत्त के चाप के अंशों को विक्षेप कहेंगे।
- त्र परिधि: 133040 ' $ 1800 = 313040 ' त्र इंद्र चापः 3600-313040 ' = 47020 ' त्र शिखि: 49020 ' $ 160040 ' = 630 ये संवेदनशील बिंदु, जिनकी गणना सूर्य के भोगांश के आधार पर की गई, इन ग्रहों के उपग्रह माने गए हैं।
- (क) अन्तर्युति या निकृष्ट युति (Inferior Conjunction) जब कोई आन्तरिक ग्रह (बुध और शुक्र) सूर्य और पृथ्वी के मध्य में हो अर्थात् ग्रह के एक ओर सूर्य और दूसरी ओर पृथ्वी हो तथा सूर्य व ग्रह दोनों के भोगांश समान हो, वह उस ग्रह की अन्तर्युति होती है।
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भोगांश sentences in Hindi. What are the example sentences for भोगांश? भोगांश English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.