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मध्य सप्तक वाक्य

उच्चारण: [ medhey septek ]
"मध्य सप्तक" का अर्थ
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • स्वर के ऊपर बिन्दु तार सप्तक, स्वर के नीचे बिन्दु मन्द्र सप्तक और बिन्दु रहित स्वर मध्य सप्तक दर्शाते हैं।
  • इस युगल-गीत के गायन में इन महिला ने मध्य सप्तक में चढ़े सुर (ब्लैक-5) से गाना शुरू किया।
  • तार सप्तक ' में तालू, ‘ मध्य सप्तक ' में गला और ‘ मन्द्र सप्तक ' में हृदय पर जोर पड़ता है ।
  • इस प्रकार यदि मध्य सप्तक की प्रथम कुंजी की आवृत्ति 100 हर्ट्ज़ (Hz) है तब तेरहवीं कुंजी की आवृत्ति 200 हर्ट्ज़ होनी चाहिए ।
  • कॉन्ट्राबास, डबल कॉन्ट्राबास एवं हाइपरबास कुछ अन्य विरले बांसुरी रूप हैं जिन्हें मध्य सप्तक से क्रमशः दो, तीन और चार सप्तक नीचे स्वरबद्ध किया गया है.
  • गांधार और निषाद दोनो स्वर कोमल है लेकिन गायक अक्सर दोनों निषाद लेते हैं, शुद्ध निषाद का प्रयोग मध्य सप्तक में होता है और वह भी आरोह में।
  • स्थायी के गीत कीस्वर-रचना अधिकतर मन्द्र तथा मध्य सप्तक में होती है तथा अन्तरा के गीत की स्वररचना अधिकतर मध्य और तार सप्तक के स्वरों में हुआ करती है.
  • गांधार और निषाद दोनो स्वर कोमल है लेकिन गायक अक्सर दोनों निषाद लेते हैं, शुद्ध निषाद का प्रयोग मध्य सप्तक में होता है और वह भी आरोह में।
  • [कृपया उद्धरण जोड़ें] कॉन्ट्राबास, डबल कॉन्ट्राबास एवं हाइपरबास कुछ अन्य विरले बांसुरी रूप हैं जिन्हें मध्य सप्तक से क्रमशः दो, तीन और चार सप्तक नीचे स्वरबद्ध किया गया है.
  • शेष बची मध्य सप्तक की 11 कुंजियों की आवृत्तियाँ मुकर्रर करने का एक सरल, तार्किक और अत्यन्त उपयोगी तरीका अगल-बगल की कुंजियों के बीच आवृत्तियों का समान अनुपात रखना होता है ।
  • अभी समस्या यह है कि मुझे यहाँ यह बताया जा रहा है कि मैं आज तक जिसे मध्य सप्तक का ' सा ' सुनता आ रहा हू वह दरअसल सा नहीं, कोमल ' ध' है ।
  • स्वर · शुद्ध स्वर · शुद्ध तीव्र स्वर · ठाट · सप्तक · नाद · मध्य सप्तक · मन्द्र सप्तक · तार सप्तक · राग · राग यमन · खमाज · क़व्वाली · ख़याल · गीत · पदम
  • भौतिकी के संनाद-विश्लेषण (Harmonics) से हमें ज्ञात होता है कि 13 वीं कुंजी (अगले तार सप्तक की प्रथम कुंजी) की आवृत्ति मध्य सप्तक की प्रथम स्वर की आवृत्ति से दुगुनी होनी चाहिए।
  • राग भूपाली राग परिचय-थाट-कल्याण वर्जित स्वर-म, नि जाति-औडव-औडव वादी-ग संवादी-ध गायन समय-रात्रि का प्रथम प्रहर इस राग का चलन मुख्यत: मन्द्र और मध्य सप्तक के प्रतह्म हिस्से में होती है (पूर्वांग प्रधान राग)।
  • बांस की तुलना में आल्टो बांसुरी के अंश अधिक लिखे जाते हैं. [कृपया उद्धरण जोड़ें] कॉन्ट्राबास, डबल कॉन्ट्राबास एवं हाइपरबास कुछ अन्य विरले बांसुरी रूप हैं जिन्हें मध्य सप्तक से क्रमशः दो, तीन और चार सप्तक नीचे स्वरबद्ध किया गया है.
  • अलंकारों की रचना में-प्रत्येक अलकार मे मध्य सप्तक के {सा} से तार सप्तक के {सां} तक आरोही वर्ण होता है जैसे-“सारेग, रेगम,गमप,मपध,पधनी,धनीसां” व तार सप्तक के {सां} से मध्य सप्तक के {सा} तक अवरोही वर्ण होता है जैसे-“सांनिध,निधप,धपम,पमग,मगरे,गरेसा” ।
  • अलंकारों की रचना में-प्रत्येक अलकार मे मध्य सप्तक के {सा} से तार सप्तक के {सां} तक आरोही वर्ण होता है जैसे-“सारेग, रेगम,गमप,मपध,पधनी,धनीसां” व तार सप्तक के {सां} से मध्य सप्तक के {सा} तक अवरोही वर्ण होता है जैसे-“सांनिध,निधप,धपम,पमग,मगरे,गरेसा” ।
  • अलंकारों की रचना में-प्रत्येक अलंकार मे मध्य सप्तक के (सा) से तार सप्तक के (सां) तक आरोही वर्ण होता है जैसे-“सारेग, रेगम, गमप, मपध, पधनी, धनीसां” व तार सप्तक के (सां) से मध्य सप्तक के (सा) तक अवरोही वर्ण होता है जैसे-“सांनिध, निधप, धपम, पमग, मगरे, गरेसा” ।
  • अलंकारों की रचना में-प्रत्येक अलंकार मे मध्य सप्तक के (सा) से तार सप्तक के (सां) तक आरोही वर्ण होता है जैसे-“सारेग, रेगम, गमप, मपध, पधनी, धनीसां” व तार सप्तक के (सां) से मध्य सप्तक के (सा) तक अवरोही वर्ण होता है जैसे-“सांनिध, निधप, धपम, पमग, मगरे, गरेसा” ।
  • अलंकारों की रचना में-प्रत्येक अलकार मे मध्य सप्तक के {सा} से तार सप्तक के {सां} तक आरोही वर्ण होता है जैसे-“ सारेग, रेगम, गमप, मपध, पधनी, धनीसां ” व तार सप्तक के {सां} से मध्य सप्तक के {सा} तक अवरोही वर्ण होता है जैसे-“ सांनिध, निधप, धपम, पमग, मगरे, गरेसा ” ।
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मध्य सप्तक sentences in Hindi. What are the example sentences for मध्य सप्तक? मध्य सप्तक English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.