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मुहम्मद अली जिन्नाह वाक्य

उच्चारण: [ muhemmed ali jinenaah ]
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  • संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता को मौलिक अधिकार के रूप में स्थापित किया गया जबकि पाकिस्तान में मुहम्मद अली जिन्नाह और लियाक़त अली के मर जाने के बाद ऐसा कोई नहीं बचा जो धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को सहेज कर रख सकता.
  • गांधीजी ने फार्मूला पेश किया था कि मुहम्मद अली जिन्नाह को हम देश का राष्ट्रपति बना देते हैं, अथवा प्रधानमन्त्री बना देते हैं, दोनों पदों में से जो उसे पसंद हो, और हिंदुस्तान अखंड रहने दिया जा ए.
  • चियौट के एक मोटे मुसलमान ने, जो मुस्लिम लीग का सरगर्म कारकुन रह चुका था और दिन में 15-16 मर्तबा नहाया करता था, यकलख़्त यह आदत तर्क कर दी उसका नाम मुहम्मद अली था, चुनांचे उसने एक दिन अपने जंगल में एलान कर दिया कि वह क़ायदे-आज़म मुहम्मद अली जिन्नाह है;
  • चियौट के एक मोटे मुसलमान ने, जो मुस्लिम लीग का सरगर्म कारकुन रह चुका था और दिन में 15-16 मर्तबा नहाया करता था, यकलख़्त यह आदत तर्क कर दी उसका नाम मुहम्मद अली था, चुनांचे उसने एक दिन अपने जंगल में एलान कर दिया कि वह क़ायदे-आज़म मुहम्मद अली जिन्नाह है;
  • चियौट के एक मोटे मुसलमान ने, जो मुस्लिम लीग का सरगर्म कारकुन रह चुका था और दिन में 15-16 मर्तबा नहाया करता था, यकलख़्त यह आदत तर्क कर दी उसका नाम मुहम्मद अली था, चुनांचे उसने एक दिन अपने जंगल में एलान कर दिया कि वह क़ायदे-आज़म मुहम्मद अली जिन्नाह है;
  • मुस्लिम लीडरान और प्रसिद्ध व्यक्तियों में अशराफ़ तबके के अबुल कलाम आज़ाद, सर सैय्यद अहमद खान, मुहम्मद अली जिन्नाह, अल्लामा इकबाल, वगैरह का ज़िक्र तो होना ही है मगर पसमांदा तबके के अब्दुल कैयूम अंसारी, वीर अब्दुल हमीद, मौलाना अतीकुर्रहमान आरवी, आसिम बिहारी का ज़िक्र कहाँ.
  • यह सच है कि पाकिस्तान की स्थापना मुसलमानों के देश के रूप में की गयी थी लेकिन बँटवारे के बाद पाकिस्तान के संस्थापक, मुहम्मद अली जिन्नाह ने नवस्वतंत्र राष्ट्र पाकिस्तान का संविधान बनाने के लिए बनी सभा में अपने भाषण में 11 अगस्त 1947 को कहा था कि ” पाकिस्तान में आप आज़ाद हैं.
  • देश के कुछ नेताओं ने प्रयत्न किया कि देश का बंटवारा न हो, परंतु गांधी अंग्रेजों की बदनीयती, कांग्रेस की मुस्लिम साम्प्रदायिकता के आगे घुटने टेकने की नीति जिन्नाह और मुस्लिम लीग की आरंभ से ही अनुचित मांगों को मानना मुहम्मद अली जिन्नाह के दुराग्रह के कारण भारत माता का बंटवारा टल न सका।
  • इसी रोशनी में यह भी समझने की कोशिश की जायेगी कि जिस कश्मीरी अवाम ने कभी पाकिस्तान और उसके नेता मुहम्मद अली जिन्नाह को धता बता दी थी और जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राजा की पाकिस्तान के साथ मिलने की कोशिशों को फटकार दिया था, और भारत के साथ विलय के लिए चल रही शेख अब्दुल्ला की कोशिश को अहमियत दी थी, आज वह भारतीय नेताओं से इतना नाराज़ क्यों है.
  • इसी रोशनी में यह भी समझने की कोशिश की जायेगी कि जिस कश्मीरी अवाम ने कभी पाकिस्तान और उसके नेता मुहम्मद अली जिन्नाह को धता बता दी थी और जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राजा की पाकिस्तान के साथ मिलने की कोशिशों को फटकार दिया था, और भारत के साथ विलय के लिए चल रही शेख अब्दुल्ला की कोशिश को अहमियत दी थी, आज वह भारतीय नेताओं से इतना नाराज़ क्यों है.
  • मुहम्मद अली जिन्नाह के नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने 1940 में भारत के मुसलमानों के लिए पाकिस्तान की शक्ल में पृथक् होमलैण्ड की माँग का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन सावरकर ने तो उससे काफी पहले, 1937 में ही जब वे अहमदाबाद में हिंदू महासभा के 19 वें अधिवेशन में अध्यक्षीय भाषण कर रहे थे, तभी उन्होंने घोषणा कर दी थी कि हिंदू और मुसलमान दो पृथक् राष्ट्र हैं।
  • इसी रोशनी में यह भी समझने की कोशिश की जायेगी कि जिस कश्मीरी अवाम ने कभी पाकिस्तान और उसके नेता मुहम्मद अली जिन्नाह को धता बता दी थी और जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राजा की पाकिस्तान के साथ मिलने की कोशिशों को फटकार दिया था, और भारत के साथ विलय के लिए चल रही शेख अब्दुल्ला की कोशिश को अहमियत दी थी, आज वह भारतीय नेताओं से इतना नाराज़ क्यों है.
  • चियौट के एक मोटे मुसलमान ने, जो मुस्लिम लीग का सरगर्म कारकुन रह चुका था और दिन में पन्द्रह-सोलह मर्तबा नहाया करता था, एकदम यह आदत तर्क कर दी-उसका नाम मुहम्मद अली था, चुनांचे उसने एक दिन अपने जंगले में एलान कर दिया कि वह कायदे-आजम मुहम्मद अली जिन्नाह हे, उसकी देखा-देखी एक सिख पागल मास्टर तारा सिंह बन गया-इससे पहले कि खून-खराबा हो जाए, दोनों को खतरनाक पागल करार देकर अलहदा-अलहदा बंद कर दिया गया।
  • चियौट के एक मोटे मुसलमान ने, जो मुस्लिम लीग का सरगर्म कारकुन रह चुका था और दिन में पंद्रह-सोलह मर्तबा नहाया करता था, एकदम यह आदत तर्क कर दी-उसका नाम मुहम्मद अली था, चुनांचे उसने एक दिन अपने जंगले में एलान कर दिया कि वह क़ायदे-आज़म मुहम्मद अली जिन्नाह है, उसकी देखा-देखी एक सिख पागल मास्टर तारा सिंह बन गया-इससे पहले कि खून-ख़राबा हो जाए, दोनों को ख़तरनाक पागल क़रार देकर अलहदा-अलहदा बंद कर दिया गया।
  • चियौट के एक मोटे मुसलमान ने, जो मुस्लिम लीग का सरगर्म कारकुन रह चुका था और दिन में 15-16 मर्तबा नहाया करता था, यकलख़्त यह आदत तर्क कर दी उसका नाम मुहम्मद अली था, चुनांचे उसने एक दिन अपने जंगल में एलान कर दिया कि वह क़ायदे-आज़म मुहम्मद अली जिन्नाह है ; उसकी देखा-देखी एक सिख पागल मास्टर तारा सिंह बन गया-इससे पहले कि ख़ून-ख़राबा हो जाए, दोनों को ख़तरनाक पागल क़रार देकर अलहदा-अलहदा बंद कर दिया गया.
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