यथार्थ अनुभव वाक्य
उच्चारण: [ yethaareth anubhev ]
"यथार्थ अनुभव" अंग्रेज़ी मेंउदाहरण वाक्य
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- जब तक मनुष्य पाप करने से नहीं डरेगा और पुण्य कर्म में उसकी प्रबृत्ति नहीं होगी तब तक सुख-शान्ति का यथार्थ अनुभव नहीं होगा।
- क्योंकि उस अन्वेषण के बिना, उस यथार्थ अनुभव के अभाव में हमारी सारी समस्याएं और उनके हल हमें और अधिक तबाही की ओर ले जायेंगे |
- एक पुलिस अधिकारी के रूप में कितना वो आपके यथार्थ अनुभव का हिस्सा था, और कितना एक रचनाकार के रूप में?-दोनों का मिलाजुला परिणाम है.
- इनके अतिरिक्त मीमांसा के प्रसिद्ध आचार्य प्रभाकर के अनुयायी अर्थपत्ति, भाट्टमतानुयायी अनुपलब्धि, पौराणिक सांभविका और ऐतिह्यका तथा तांत्रिक चंष्टिका को भी यथार्थ अनुभव के भेद मानते हैं।
- इनके अतिरिक्त मीमांसा के प्रसिद्ध आचार्य प्रभाकर के अनुयायी अर्थपत्ति, भाट्टमतानुयायी अनुपलब्धि, पौराणिक सांभविका और ऐतिह्यका तथा तांत्रिक चंष्टिका को भी यथार्थ अनुभव के भेद मानते हैं।
- गौतम ने, प्रमा-यथार्थ अनुभव और प्रमाण, उस यथार्थ अनुभव का कारण याने साधन, इनमें अन्तर नहीं किया, इसीलिए उन्होंने प्रत्यक्ष प्रमाण को ही प्रत्यक्ष प्रमाण कर दिया है।
- त्याग होने पर आस्तिकता आ जाती है, तब त्याग प्रेम में बदल जाता है और आस्तिकता का यथार्थ अनुभव होने पर प्रेम ही ज्ञान में बदल जाता है ।
- 1 । सुं.: वाह-वाह बहुत अच्छा गीत गाया, जैसे मेरे कान में अमृत की धारा की वर्षा हुई, सखी सुरपुर सुख आज मुझे यथार्थ अनुभव होता है।
- गौतम ने, प्रमा-यथार्थ अनुभव और प्रमाण, उस यथार्थ अनुभव का कारण याने साधन, इनमें अन्तर नहीं किया, इसीलिए उन्होंने प्रत्यक्ष प्रमाण को ही प्रत्यक्ष प्रमाण कर दिया है।
- जो लोग उसका यथार्थ अनुभव न कर केवल विषयों की प्राप्ति समझते हैं वे ही लोग विषयों के नाश या अभाव में भगवान् प्र पक्षपात तथा अन्याय और कृपालु न होने का आरोप लगा देते हैं।
- एक दिन जब उसने पाया कि उसकी ज़ेब में सिर्फ़ एक सौ नब्बे रुपए बचे रह गए थे तो एकाएक ही उसकी आंखों के सामने विकराल गरीबी झेलते परिवार का चित्र यथार्थ अनुभव की तरह चमक गया था।
- आदरणीय मनोज जी-बहुत ही सार्थक चर्चा प्रस्तुति-अनोखे विचार लगाकर और अन्य कई ज्ञानदायक लिंक लगाकर आप ने इस चर्चा में जान डाल दी-निम्न बहुत ही यथार्थ अनुभव आप का-कर्मंयेवाधिकारास्ते माँ फलेषु कदाचन सा-बधाई हो-
- लेकिन सिगमंड फ्रायड ने इसे विवादित बना दिया, जिसने पाया कि जहां पिटना और पिटाई किया जाना कामुक रूचि है, वहां यह बचपन में ही विकसित होता है, और सजा के यथार्थ अनुभव से इसका बहुत नगण्य संबंध है.
- [36] लेकिन सिगमंड फ्रायड ने इसे विवादित बना दिया, जिसने पाया कि जहां पिटना और पिटाई किया जाना कामुक रूचि है, वहां यह बचपन में ही विकसित होता है, और सजा के यथार्थ अनुभव से इसका बहुत नगण्य संबंध है.
- यथार्थ अनुभव की ही दूसरा नाम ' प्रमा' हैं। 'अयं घट:' (यह घड़ा है) इस प्रमा में हमारे अनुभव का विषय है घट (विशेष्य) जिसमें 'घटत्व' द्वारा सूचित विशेषण की सत्ता वर्तमान रहती है तथा यही घटत्व घट ज्ञान का विशिष्ट चिह्न है।
- सरकारी नौकरी की शुरुआत में मुझे यह नहीं समझ में आता था कि आखिर हिंदी को हिन्दी न कहकर राजभाषा क्यों कहते हैं, जबकि हकीकत में राजकीय कामकाज से तो इसका दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं (मेरे इस कथन से आप असहमत हो सकते हैं परंतु मैं जो यथार्थ अनुभव किया हूँ वही लिख रहा हूँ ।
- जीवन का उद्देश्य मन को नियंत्रित करना नहीं बल्कि उसका सुसंगत विकास करना है, मरने के बाद मोक्ष प्राप्त करना नहीं, बल्कि इस संसार में ही उसका सर्वोत्तम इस्तेमाल करना है, केवल ध्यान में ही नहीं, बल्िक दैनिक जीवन के यथार्थ अनुभव में भी सत्य, शिव और सुन्दर का साक्षात्कार करना है, सामाजिक प्रगति कुछेक की उन्नति पर नहीं, बल्कि बहुतों की समृद्धि पर निर्भर करती है, और आत्मिक जनतंत्र या सार्वभौमिक भ्रातृत्व केवल तभी प्राप्त किया जा सकता है, जब सामाजिक-राजनीतिक और आद्योगिक जीवन में अवसर की समानता हो।
- “जीवन का उद्देश्य मन को नियंत्रित करना नहीं बल्कि उसका सुसंगत विकास करना है, मरने के बाद मोक्ष प्राप्त करना नहीं, बल्कि इस संसार में ही उसका सर्वोत्तम इस्तेमाल करना है, केवल ध्यान में ही नहीं, बल्कि दैनिक जीवन के यथार्थ अनुभव में भी सत्य, शिव और सुंदर का साक्षात्कार करना है, सामाजिक प्रगति कुछेक की उन्नति पर नहीं, बल्कि बहुतों की समृद्धि पर निर्भर करती है, और आत्मिक जनतंत्र या सार्वभौमिक भ्रातृत्व केवल तभी प्राप्त किया जा सकता है, जब सामाजिक-राजनीतिक और औद्योगिक जीवन में अवसर की समानता हो.”
- जीवन का उद्देश्य जीवन का उद्देश्य मन को नियंत्रित करना नहीं बल्कि उसका सुसंगत विकास करना है, मरने के बाद मोक्ष प्राप्त करना नहीं, बल्कि इस संसार में ही उसका सर्वोत्तम इस्तेमाल करना है, केवल ध्यान में ही नहीं, बल्िक दैनिक जीवन के यथार्थ अनुभव में भी सत्य, शिव और सुन्दर का साक्षात्कार करना है, सामाजिक प्रगति कुछेक की उन्नति पर नहीं, बल्कि बहुतों की समृद्धि पर निर्भर करती है, और आत्मिक जनतंत्र या सार्वभौमिक भ्रातृत्व केवल तभी प्राप्त किया जा सकता है, जब सामाजिक-राजनीतिक और आद्योगिक जीवन में अवसर की समानता हो।
- पृष्ठ 124 जीवन का उद्देश्य “जीवन का उद्देश्य मन को नियंत्रित करना नहीं बल्कि उसका सुसंगत विकास करना है, मरने के बाद मोक्ष प्राप्त करना नहीं, बल्कि इस संसार में ही उसका सर्वोत्तम इस्तेमाल करना है, केवल ध्यान में ही नहीं, बल्कि दैनिक जीवन के यथार्थ अनुभव में भी सत्य, शिव और सुंदर का साक्षात्कार करना है, सामाजिक प्रगति कुछेक की उन्नति पर नहीं, बल्कि बहुतों की समृद्धि पर निर्भर करती है, और आत्मिक जनतंत्र या सार्वभौमिक भ्रातृत्व केवल तभी प्राप्त किया जा सकता है, जब सामाजिक-राजनीतिक और औद्योगिक जीवन में अवसर की समानता हो।” स्रोत अज्ञात
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यथार्थ अनुभव sentences in Hindi. What are the example sentences for यथार्थ अनुभव? यथार्थ अनुभव English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.