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वायु देव वाक्य

उच्चारण: [ vaayu dev ]
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • देवी अंजना ने मतंग ऋषि द्वारा बताई गई विधि से वायु देव को प्रसन्न करने हेतु संयम, धैर्य, श्रद्धा व विश्वास के साथ तप आरंभ किया।
  • कहा जाता है कि यहां प्रतिमा की स्थापना गुरु बृहस्पति और वायु देव ने की थी इसलिए इस स्थान का नाम गुरुवायुपुर पड़ा जो बाद में गुरुवायूर कहलाया।
  • कोन है? सामने आये नहीं तो मै श्राप देने वाली हूँ…तभी वायु देव प्रकट हुए और बोले: क्षमा देवी!क्षमा देवी! मै वायु देवता हूँ..
  • कहा जाता है कि यहां प्रतिमा की स्थापना गुरु बृहस्पति और वायु देव ने की थी इसलिए इस स्थान का नाम गुरुवायुपुर पड़ा जो बाद में गुरुवायूर कहलाया।
  • वैदिक ज्योतिष स्वाति नक्षत्र को बहुत सीं अच्छी विशेषताओं के साथ भी जोड़ता है जिसका मुख्य कारण इस नक्षत्र पर वायु देव तथा देवी सरस्वती का प्रभाव माना जाता है।
  • इस प्रकार के उदाहरण रामायण काल से ही चलते आये है जब अंजना को वायु देव ने हनुमान जैसा पुत्र प्रदान किया वो भी तब जब अंजना अविवाहित थी.
  • पाण्डु एवं कुन्ती ने इस वरदान का प्रयोग किया एवं [[यम | धर्मराज]], [[वायु देव | वायु]] एवं [[इन्द्र]] देवता का आवाहन किया।
  • ' ' महामुनि मतंग ने उन्हें वृषभाचल जाकर भगवान वेंकटेश्वर के चरणों में प्रणाम कर के आकश गंगा नामक तीर्थ में स्नान कर, जल ग्रहण कर वायु देव को प्रसन्न करने को कहा।
  • इस फल को खाने से अंजना भी गर्भवती हो गई और चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को अंजना के घर वायु देव के वरदान के फलरूप में रूद्र के ग्यारहवें अवतार हनुमान जी का जन्म हु आ.
  • वायु देव सविता है, और व्योम सावित्री है और जहां पर वायु है वहां व्योम है व जहां आकाश है वहां वायु स्थित है तथा यह वे जुड़वां स्रोत हैं जो एक जोड़ी बनाते हैं. ‘
  • वायु देव के स्वाति नक्षत्र के अधिपति देवता होने के कारण इस नक्षत्र पर वायु देव का प्रबल प्रभाव रहता है तथा वायु देव के चरित्र की बहुत सीं विश्षताएं स्वाति नक्षत्र के माध्यम से प्रदर्शित होतीं हैं।
  • वायु देव के स्वाति नक्षत्र के अधिपति देवता होने के कारण इस नक्षत्र पर वायु देव का प्रबल प्रभाव रहता है तथा वायु देव के चरित्र की बहुत सीं विश्षताएं स्वाति नक्षत्र के माध्यम से प्रदर्शित होतीं हैं।
  • वायु देव के स्वाति नक्षत्र के अधिपति देवता होने के कारण इस नक्षत्र पर वायु देव का प्रबल प्रभाव रहता है तथा वायु देव के चरित्र की बहुत सीं विश्षताएं स्वाति नक्षत्र के माध्यम से प्रदर्शित होतीं हैं।
  • लोगों ने उनके गुणों के आधार पर नाम रख दिए थे जैसे सूर्य के निकटम ग्रह से आये लोगों को सूर्य देव, वायु नियंत्रित करने वाले को वायु देव, अग्नि देव, इन्द्र देव इत्यादि.
  • वायु के देवता माने जाने वाले वायु देव अथवा पवन देव को वैदिक ज्योतिष के अनुसार स्वाति नक्षत्र का अधिपति देवता माना जाता है तथा जैसा कि हम पहले ही देख चुके हैं कि वायु का स्वाति नक्षत्र के साथ प्रगाढ़ संबंध है।
  • रामप्यारी के बोनस सवाल का उत्तर: युधिष्ठिर-कुंती + धर्मं देव भीम-कुंती + वायु देव अर्जुन-कुंती + इन्द्र देव नकुल और सहदेव-माद्री + दोनों जुड़वाँ अश्विन बंधु (दोनों भाइयों से एक एक पुत्र)
  • वायु देव को स्वर्ग लोक में निवास करने वाले पांच मुख्य देवताओं में से एक माना जाता है तथा वायु देव को पंच तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु तथा आकाश तत्व में से वायु तत्व के अधिपति देव माना जाता है।
  • वायु देव को स्वर्ग लोक में निवास करने वाले पांच मुख्य देवताओं में से एक माना जाता है तथा वायु देव को पंच तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु तथा आकाश तत्व में से वायु तत्व के अधिपति देव माना जाता है।
  • किन्तु दिति क्रोधित नहीं हुई, मेरा भ्रूण अमर है बोलीं, तुमने सात बालक किये एक के, इनमे एक ब्रह्मलोक जाएगा | एक इन्द्रलोक में जाएगा, एक वायु देव बन जग में चलायमान रहेगा, चार दिशाओं के बाकी चारों, स्वामी होंगे यह हो जाएगा ||
  • युधिष्ठिर-कुंती + धर्मं देव भीम-कुंती + वायु देव अर्जुन-कुंती + इन्द्र देव नकुल और सहदेव-माद्री + दोनों जुड़वाँ अश्विन बंधु (दोनों भाइयों से एक एक पुत्र) वैसे ओफ्फिसीयाली रज्सितर्द पिता श्री पाण्डु जी थे इब करांगे रिजल्ट का इन्तजार...
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वायु देव sentences in Hindi. What are the example sentences for वायु देव? वायु देव English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.