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शालिवाहन शक वाक्य

उच्चारण: [ shaalivaahen shek ]
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • आरम्भ भारत के राष्ट्रीय पंचांग “ श्री शालिवाहन शक सम्वत ” से हुआ।
  • हिन्दू नववर्ष के पहले दिन शालिवाहन शक की शुरुआत इसी दिन से होती है।
  • विश्व के यावन्मात्र संवत्सरों में शालिवाहन शक और विक्रम संवत्सर, दोनों सर्वोत्कृष्ट हैं।
  • इस विजय के प्रतीक रूप में शालिवाहन शक का प्रारंभ इसी दिन से होता है।
  • इस विजय के प्रतीक रूप में शालिवाहन शक का प्रारंभ इसी दिन से होता है।
  • प्रस्तुत है आज के मुहूर्त शुभ विक्रम संवत-2069, शालिवाहन शक संवत-1934, संवत्सर का नाम-
  • शालिवाहन शक के वर्ष का प्रारंभ, वर्ष-प्रतिपदा जो मार्च में आती है, उसी से होता है।
  • विक्रम संवत् का काल-मान और शालिवाहन शक का काल-मान, दोनों नर्मदा के किनारे सुनाई देते हैं और बदलते हैं।
  • मल मास ढूंढने की विधि शालिवाहन शक को 12 से गुणा कर गुणनफल को 19 से भाग दिया जाता है।
  • शालिवाहन शक कका आरंभ भी इसी शुभ दिन से होता है-इसलिए वर्ष प्रतिपदा-नव वर्ष के आरंभ का शुभ स्मरण कराने वाले दिन के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
  • इसका नियम यह है कि वर्ष के शालिवाहन शक के वर्ष में 78 बढ़ाए जाऐं और इस योग को ईसवी सन् का वर्ष मानकर, आगे ग्रेगोरो पंचांग के अनुसार लीप वर्ष रखा जाय।
  • तीसरा तथ्य भी इस के साथ जोडना आवश्यक है, वह यह है, कि, भारतीय शालिवाहन शक का वर्ष गुडी पडवा (वर्ष प्रतिपदा, युगादि) से ही माना जाता है।
  • भारतीय नागरिक जी, स्वतंत्रता के कुछ समय बाद, सरकार की कलैंडर निर्णायक कमेटी में बडे विद्वानों ने मिलकर ही श्री शालिवाहन शक सम्वत को उस समय भारत में प्रचलित अन्य सभी सम्वतों से अधिक आधुनिक, सुविधाजनक और वैज्ञानिक पाया था, इसीलिये ऐसा किया गया
  • @ भारतीय नागरिक जी, स्वतंत्रता के कुछ समय बाद, सरकार की कलैंडर निर्णायक कमेटी में बडे विद्वानों ने मिलकर ही श्री शालिवाहन शक सम्वत को उस समय भारत में प्रचलित अन्य सभी सम्वतों से अधिक आधुनिक, सुविधाजनक और वैज्ञानिक पाया था, इसीलिये ऐसा किया गया था।
  • शालिवाहन शक वर्ष 1885, 1822, 1886 और 1922 में 78 बढ़ाने से क्रमानुसार 1963, 1900, 1964 और 2000 आते हैं इन ग्रेगोरी वर्षों के सामान्य लीप की जो व्यवस्था ऊपर बतलाई गई है, वही व्यवस्था अनुक्रम से शालिवाहन शक वर्ष 1885, 1822, 1886 और 1922 है।
  • शालिवाहन शक वर्ष 1885, 1822, 1886 और 1922 में 78 बढ़ाने से क्रमानुसार 1963, 1900, 1964 और 2000 आते हैं इन ग्रेगोरी वर्षों के सामान्य लीप की जो व्यवस्था ऊपर बतलाई गई है, वही व्यवस्था अनुक्रम से शालिवाहन शक वर्ष 1885, 1822, 1886 और 1922 है।
  • @ भारतीय नागरिक जी, स्वतंत्रता के कुछ समय बाद, सरकार की कलैंडर निर्णायक कमेटी में बडे विद्वानों ने मिलकर ही श्री शालिवाहन शक सम्वत को उस समय भारत में प्रचलित अन्य सभी सम्वतों से अधिक आधुनिक, सुविधाजनक और वैज्ञानिक पाया था, इसीलिये ऐसा किया गया था।
  • ब्रह्मा द्वार सृष्टि का सृजन, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का राज्याभिषेक, मां दुर्गा की उपासना की नवरात्र व्रत का प्रारंभ, युगाब्द या युधिष्ठिर संवत्द्ध का आरम्भ, उज्जयिनी सम्राट-विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत का प्रारंभ, शालिवाहन शक संवत् (भारत सरकार का राष्ट्रीय पंचांगद्ध) महषि दयानन्द द्वारा आर्य समाज की स्थापना, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगवार का जन्म दिन।
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शालिवाहन शक sentences in Hindi. What are the example sentences for शालिवाहन शक? शालिवाहन शक English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.