शीतपित्त वाक्य
उच्चारण: [ shitepitet ]
"शीतपित्त" अंग्रेज़ी में"शीतपित्त" का अर्थउदाहरण वाक्य
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- अजवायन और शुद्ध गंधक को बराबर मात्रा में मिलाकर, कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर 1 ग्राम मात्रा में शहद के साथ खाने से शीतपित्त खत्म होती है।
- 24. शहद में 1 / 4 भाग केसर मिलाकर या शहद और त्रिफला सामान मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम सेवन से शीतपित्त में लाभ मिलता है।
- शीतपित्त: खून की गर्मी या पित्त के ज्यादा होने से कभी-कभी त्वचा पर लाल-लाल चकत्ते या ददोड़े से निकल आते है जिनमें खुजली होती है।
- शीत पित नीम के दस पत्ते, पांच ग्राम आंवला चूर्ण व पांच ग्राम घी मिलाकर 15 दिन पिलाने से शीतपित्त रोग ठीक हो जाता है।
- शीतपित्त: खून की गर्मी या पित्त के ज्यादा होने से कभी-कभी त्वचा पर लाल-लाल चकत्ते या ददोड़े से निकल आते है जिनमें खुजली होती है।
- शीतपित्त या urticaria की बीमारी में इसमें बराबर की मात्रा में मिश्री मिलाकर 2-2 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम पानी के साथ लें.
- इसके अतिरिक्त शीतपित्त होने पर एक चम्मच देसी घी, 3-4 काली मिर्च खाकर तुरंत एक कप पीपल के पत्तों का रस पी लें.
- यदि आपके बच्चे को अण्डा प्रत्यूर्जा शीतपित्त आँखें चेहरे या मुख की सूजन है तो उसे घनिष्ठ चिकित्सीय निरीक्षण तले केवल फ्लू का टीका दिया जाना चाहिए।
- हल्दी का चूर्ण 1 से 2 ग्राम रोज गाय के मूत्र के साथ या हरिद्राखाण्ड 10 ग्राम रोज कुछ दिन तक खाने से शीतपित्त ठीक हो जाती है।
- त्वचाकीप्रत्यूर्जताएँ प्रायः ददोरे या त्वचा में सूजन और जलन उत्पन्न करती हैं जो कि शीतपित्त और एन्जियोइडिमा से अभिलाक्षणिक एक " स्फोट और लाली" प्रतिक्रिया के रूप में जानी जाती है।
- 13. शीतपित्त: अपामार्ग (चिरचिटा) के पत्तों के रस में कपूर और चन्दन का तेल मिलाकर शरीर पर मालिश करने से शीतपित्त की खुजली और जलन खत्म होती है।
- 13. शीतपित्त: अपामार्ग (चिरचिटा) के पत्तों के रस में कपूर और चन्दन का तेल मिलाकर शरीर पर मालिश करने से शीतपित्त की खुजली और जलन खत्म होती है।
- जिन्हें शीतपित्त का कष्ट हो, शरीर में गर्मी ज्यादा हो, जठर, आंतों अथवा गर्भाशय में उपदंश हो, दस्त लग गए हों उन्हें टमाटर का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अगर शीतपित्त की परेशानी हो तो एक चम्मच देसी घी, एक ग्राम काली मिर्च खाकर इसके पत्तों का एक कप रस पी लें. दस मिनट में ही असर दिखाई देगा.
- इसके अलावा शीतपित्त में, दिल में खून का बहाव सही तरीके से न पहुंच पाना, सांस का सही तरह से न आना जैसे रोगों में भी ये औषधि बहुत अच्छा असर करती है।
- 52 शीतपित्त:-* अदरक का रस और शहद पांच-पांच ग्राम मिलाकर पीने से सारे शरीर पर कण्डों की राख मलकर, कम्बल ओढ़कर सो जाने से शीतपित्त रोग तुरन्त दूर हो जाता है।
- 52 शीतपित्त:-* अदरक का रस और शहद पांच-पांच ग्राम मिलाकर पीने से सारे शरीर पर कण्डों की राख मलकर, कम्बल ओढ़कर सो जाने से शीतपित्त रोग तुरन्त दूर हो जाता है।
- स्ट्राबेरी के अधिक सेवन से बीमार पड़ने वाले व्यक्तियों (सससेप्टिल इण्डीब्युजुअलस) में विषाक्त लक्षण पैदा होने पर तथा छपाकी अथवा शीतपित्त के समान दाने आने पर फ्रागैरिया विस्का औषधि का प्रयोग किया जाता है।
- बड़ी अरनी की जड़ को छाया में सुखाकर चूर्ण बनाकर 1 ग्राम चूर्ण, जीरे के 1 ग्राम चूर्ण के साथ शहद मिलाकर चाटकर खाने से शीतपित्त (पित्त उछलना) में बहुत लाभ होता है।
- अर्टिकेरिया त्वचागत रोगों के सर्वाधिक हठीला तथा दुःसाध्य रोग है, जिसकी उत्पत्ति दूषित आहार-विहार, खानपान, अत्यधिक तेल, चटपटे, मसालेदार खाद्य पदार्थ तथा तेज नमक-मिर्च, अचार, सर्द-गर्म भोजन से यह एलर्जी का रूप लेकर शीतपित्त या अर्टिकेरिया की उत्पत्ति करता है।
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