श्री वसुनंदी जी मुनिराज वाक्य
उच्चारण: [ sheri vesunendi ji muniraaj ]
उदाहरण वाक्य
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- ार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के परम पुनीत सानिध्य में महाधवला महाग्रंथ की मंगलकारी वाचना ०३ जनवरी से २६ जनवरी २०१२ तक श्री दिगम्बर जैन मंदिर कृष्णा नगर दिल्ली में चल रही है. पूज्य गुरुदेव एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ अनेकों आयोजन को कराते हुए दिल्ली महानगर में श्रावकों को धर्म ध्यान में तल्लीन करा रहे हैं.
- कार्यक्रम में पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज, मुनि श्री ज्ञानानंद जी एवं मुनिश्री सर्वानन्द जी मुनिराज की पिच्छि परिवर्तन भी संपन्न हुआ जिसमे मुनि श्री सर्वानन्द जी की पुरानी पिच्छि श्री निकुंज जैन संगम विहार, मुनिश्री ज्ञानानंद जी की श्री संजय जैन'कागजी' लक्ष्मी नगर और पूज्य एलाचार्य श्री की श्री राजकमल अनीता जैन ग्रीन पार्क को प्राप्त हुई.
- कार्यक्रम में “की ऑफ़ नोलेज” प्रतियोगिता का भी विमोचन हुआ जिसे भरकर फरवरी अंत तक देना होगा और 7 मार्च को उसका परिणाम घोषणा होगी. अंत में पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ने अपने उद्बोधन में सभा को संबोधन देते हुआ कहा कि इस वाचना का प्रारंभ जिनवानी की गोधी में बोधी से हुआ था और अंत संविधान के साथ हो रहा है.
- इस सुअवसर पर पूज्य आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज व एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के साथ साथ उपाध्याय प्रज्ञ सागर जी, आर्यिका श्री विद्याश्री व विधाश्री माताजी, ऐलक श्री विज्ञान सागर जी, विमुक्त सागरजी, क्षुल्लक श्री विशंक सागरजी, विभंजन सागरजी, सुखानंद जी आदि साधू संतो के दर्शन प्राप्त हो सकते हैं. Ankit Jain [email protected] >
- कार्यक्रम में “की ऑफ़ नोलेज” प्रतियोगिता का भी विमोचन हुआ जिसे भरकर फरवरी अंत तक देना होगा और 7 मार्च को उसका परिणाम घोषणा होगी. अंत में पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ने अपने उद्बोधन में सभा को संबोधन देते हुआ कहा कि इस वाचना का प्रारंभ जिनवानी की गोधी में बोधी से हुआ था और अंत संविधान के साथ हो रहा है.
- जैन समाज सर्व श्रेष्ठ जैनाचार्य श्वेत पिच्छि धारक श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रभावक, तपस्या शिरोमणि, अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ सानिध्य में ०२ से १२ सितम्बर तक अतिशय क्षेत्र हस्तिनापुर में स्थित श्री आदिवीर विद्याश्री संस्थान के पर्यावरण से सम्पूर्ण वातावरण में आयोजित होगा जिसमे लगभग सम्पूर्ण उत्तर भारत से शिविरार्थियों के आने की सूचना प्राप्त हो रही है.
- सम्मेद शिखरजी के अतिरिक्त देश के विभिन्न राज्यों, नगरों,गाँव,आदि में भी भगवन पार्श्वनाथ निर्वाण लाडू बड़े ही धूम धाम से चदय जाता है.परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के भी पवन सानिध्य में ०५ अगस्त को प्रातः श्रीजी के अभिषेक के पश्चात् कलिकुंड पार्श्वनाथ विघ्न हरता विधान संगीतमय रूप से आयोजित होगा व २३ किलो का प्रथम निर्वाण लाडू भी चढ़ाया जायेगा.
- ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुआ शंकर नगर में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर, शंकर नगर की जैन समाज लगभग 2 साल से योग्य गुरु की राह देख रहा था जिसके कारण से पंचकल्याणक प्रतिष्ठा संपन्न न हो पा रही थी.06 नवम्बर 2011 को पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का संघ सहित पदार्पण मात्र 01 सप्ताह के लिए हुआ लेकिन गुरु की चर्या [...]
- ऐसे ही पूज्य श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज ससंघ के पावन सानिध्य व पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के पावन कर कमलों द्वारा भव्य कल्याणकारी द्वय दिगम्बर जैनेश्वरी दीक्षाएं ० १ अप्रैल को कमल सिनेमा पार्क, ग्रीन पार्क दिल्ली में सुबह ८ बजे से १ ० बजे के दौरान समारोह के मध्य पूज्य ऐलक श्री ज्ञानानंद जी एवं ऐलक श्री सर्वानन्द जी महाराज को प्रदान की जाएगी.
- अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का धर्माराधना के साथ हस्तिनापुर में चातुर्मास चल रहा है जिसका निष्ठापन १० नवम्बर को हस्तिनापुर वार्षिक मेला के अवसर पर किया जायेगा. चातुर्मास कलश वितरण और पिच्छि परिवर्तन का कार्यक्रम दोपहर १ बजे से प्रारंभ होगा.सांस्कृतिक कार्यक्रम,अतिथि सम्मान,चातुर्मास कलश ड्रा तथा गुरु मुख से मंगल प्रवचन सुनने का भी लाभ प्राप्त होगा.पूज्य गुरुदेव की पिछिका प्राप्त करने के लिए व्रतों को धारण करना होता है.
- पूज्य एलाचार्य श्री के संघस्थ ब्र. आशीष भैया ने बताया कि पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ दिल्ली से फाल्गुन अष्टाह्निका संपन्न कर लगभग २५० कि.मी. विहार कर उत्तर प्रदेश स्थित बदायूं में श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा ०२ अप्रैल से ०८ अप्रैल २०१२ तक संपन्न कराएँगे.बदायूं से विहार कर शौरिपुर-बटेश्वर,कम्पिलाजी, अहिक्षेत्र आदि तीर्थों कि वंदना करते हुए टूंडला (फिरोजाबाद) पहुचेंगे जहाँ मई माह में टूंडला चौराहा में नवनिर्मित श्री मज्जिनेन्द्र मानस्तंभ की पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव संभावित संपन्न होंगी.
- ंदी जी मुनिराज ससंघ के परम पुनीत पवन सानिध्य में 03 जनवरी से 26 जनवरी तक चारों अनुयोग वाचना श्री दिगम्बर जैन मंदिर में आयोजित हुई. महाधवला (भाग 1) जैसे महा सिद्धान्तिक ग्रन्थ की वाचना सुनने का लाभ मात्र गुरुमुख से ही संभव जो इस वर्ष दिल्ली को पहली बार दिगम्बर संत एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के श्रीमुख से सुनकर लाभान्वित हुए.इस वाचना का विधिवत शुभारम्भ 03 जनवरी को मंगल कलश स्थापना,दीप प्रज्ज्वलन,मंगलाचरण आदि कार्यक्रमों के साथ हुआ और
- श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर, शंकर नगर की जैन समाज लगभग 2 साल से योग्य गुरु की राह देख रहा था जिसके कारण से पंचकल्याणक प्रतिष्ठा संपन्न न हो पा रही थी.06 नवम्बर 2011 को पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का संघ सहित पदार्पण मात्र 01 सप्ताह के लिए हुआ लेकिन गुरु की चर्या और सरलता को देखते हुए सम्पूर्ण समाज ने उनके सानिध्य में दिल्ली का ऐतिहासिक पंचकल्याणक करवाने की ठान ली.सबकी सहमति और गुरु निर्देश से श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा 24 फरवरी से 29 फरवरी 2012 तक संपन्न कराना तय हुआ.
- अंतिम चरण पूज्य गुरुदेव के चातुर्मास हेतू अतिशय क्षेत्र जम्बूस्वामी जी बोलखेडा, जेवर, मेरठ, हस्तिनापुर,सरधना,ग्रीन पार्क (दिल्ली),तिजारा, फिरोजाबाद आदि नगरों के साथ साथ धर्म जागृति संसथान, दिल्ली प्रदेश द्वारा दिल्ली में चातुर्मास हेतू श्रीफल चढ़ाये गए.अंत में पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज द्वारा मंगल कल्याणकारी अमृतवाणी सुन सबने स्वयं को धन्य माना और चातुर्मास हेतू बस एक ही संकेत दिया की जहा भी चातुर्मास होगा पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज की अनुमति व आज्ञा से होगा.सबको वात्सल्य पूर्वक आशीर्वाद देकर अपनी वाणी को विराम दिया और पूजन व आरती के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ.
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