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सारावली वाक्य

उच्चारण: [ saaraaveli ]
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • नीचे मशीनों की सारावली दी गयी है जो मशीनों एवं उनसे सम्बन्धित उपविषयों पर एक विहंगम दृष्टि प्रस्तुत करती है।
  • इसके अतिरिक्त उनके अन्य ग्रंथ हैं-काव्य प्रभाकर (1905/1909), छंद सारावली (1917), अलंकार प्रश्नोत्तरी (1918), हिंदी काव्यालंकार (1918), काव्य प्रबंध (1918),
  • सारावली के अनुसार जब किसी जातक की कुंडली में षडग्रही योग हो तो ऐसा जातक घूमने फिरने वाला खानाबदोष व योद्धा होता है।
  • इसी विषय में आचार्य कल्याण, बर्मा, सारावली में कहते हैं कि ‘‘ इस प्रकार के योगों में तपस्वियों का जन्म होता है।
  • इसी विषय में आचार्य कल्याण, बर्मा, सारावली में कहते हैं कि ‘‘ इस प्रकार के योगों में तपस्वियों का जन्म होता है।
  • सूरसारावली में कवि ने कृष्ण विषयक जिन कथात्मक और सेवा परक पदो का गान किया उन्ही के सार रूप मैं उन्होने सारावली की रचना की।
  • सूरसारावली में कवि ने कृष्ण विषयक जिन कथात्मक और सेवा परक पदो का गान किया उन्ही के सार रूप मैं उन्होने सारावली की रचना की।
  • प्राचीन पाराशरी, जैमिनी, नाड़ी और सारावली जैसे ग्रंथों के बाद जैसे ज् योतिष के विषय में शोध कार्य बन् द ही हो गया है।
  • ज्योतिषशास्त्र के ग्रंथ सारावली में बताया गया है कि जिनकी कुण्डली में सूर्य और चन्द्रमा एक साथ बारहवें घर में होते हैं उन्हें नेत्र रोग होता है।
  • ज्योतिषशास्त्र के ग्रंथ सारावली में बताया गया है कि जिनकी कुण्डली में सूर्य और चन्द्रमा एक साथ बारहवें घर में होते हैं उन्हें नेत्र रोग होता है।
  • सारावली के अनुसार जब किसी जातक की कुंडली में षडग्रही योग हो तो ऐसा जातक घूमने फिरने वाला खानाबदोष, योद्धा और अच्छे आचरण वाला व्यक्ति होता है।
  • *ब्लाग मठ सारावली: भाग-1 एवम भाग-2 *ब्लाग मठों की विस्तृत जानकारी देता हुआ ये अनुपम और अनोखा ग्रंथ है जो दो भागों में छपा है.
  • विभिन्न प्रमुख ज्योतिषीय ग्रन्थों वृहत पराशर होरा-शास्त्र, वृहतजातक, जातक तत्व, होरा सार, सारावली, मानसागरी, जातक परिजात आदि विभिन्न-विभिन्न धन योगों का विवरण प्राप्त होता है।
  • सारावली के अनुसार लग्न या चंद्र में जो बलवान हो उससे दशम राशि, दशम भाव में स्थित ग्रह तथा दृष्टियोग के अनुसार मनुष्य की आजीविका का विचार किया जाता है।
  • ज्योतिष में स्त्री के व्यक्तित्व और चरित्र पर विशद् प्रकाश डाला है। सारावली के ग्रंथकार कल्याण वर्मा के अनुसार स्त्री की कुंडली में अष्टम भाव से वैधव्य, लग्न से शरीर, सप्तम
  • सारावली में सर्प योग का उल्लेख मिलता है जहां कहा गया है कि कंेद्र में शुभ ग्रह हों, तो माला योग और अशुभ ग्रह हों, तो सर्प योग बनता है।
  • पुष्टि के लिए फलदीपिका, वृहद्पराशर, होरासार, मानसागरी, रत्नावली, सारावली, भारतीय ज्योतिष, भारतीय ज्योतिष का इतिहास आदि अनेकों महाग्रंथों से इस वक्तव्य की पुष्टि की जा सकती है।
  • ज्योतिष शास्त्र के प्राचीन ग्रंथों जैसे गौरीजातकम्, वृहत्पराशरहोराशास्त्र, जैमिनीसूत्रम् वृहज्जातक, सारावली, सर्वार्थचिन्तामणि, जातकाभरणम्, आदि में ‘ कालसर्पयोग ' नाम से किसी भी ज्योतिषीय योग का उल्लेख नहीं मिलता है।
  • शत्रुमारक राजयोग-सारावली ग्रन्थ के अनुसार यदि लग्नेश लग्न में स्वराशि या मित्र राशि का हो, तथा वह मित्र ग्रह से दृष्ट हो अथवा लग्न में शुभ ग्रह हों तो यह योग बनता है।
  • 2. सारावली के वियोनिजन्माध्याय में उल्लिखित ऊपर वर्णित कुंडली चतुर्दशी युक्त अमावस्या की प्रतीत होती है, क्योंकि चंद्र सूर्य से पीछे 12 वीं राशि-स्थान में 348 अंश (डिग्री) की दूरी पर स्थित है।
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सारावली sentences in Hindi. What are the example sentences for सारावली? सारावली English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.