हेतु या इनाम वाक्य
उच्चारण: [ hetu yaa inaam ]
"हेतु या इनाम" अंग्रेज़ी मेंउदाहरण वाक्य
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- आपराधिक प्रकरण सं0 76 / 2005 राज्य विरूद्ध चन्दाराम-53-44इस प्रकार से अभिलेख पर उपलब्ध अभियोजन पक्ष की समग्र साक्ष्य, मामला के घटनाक्रम, साक्षियों व अभियुक्त के आचरण एवं परिस्थितियों को देखने से यहां सिर्फ यही निष्कर्ष निकलता है कि अभियुक्त चन्दाराम ने परिवादी लाभुराम से उसके जिप्सम के टेªक्टर सरकापार नाका से निकाल देने के लिये उससे दिनांक 1.7.2004 को बतौर रिश्वत तीन हजार रू0 मांग कर हेतु या इनाम के रूप में प्राप्त किए, इस कारण इसके विरूद्ध अधिनियम की धारा 7 के अपराध का आरोप युक्तियुक्त सन्देह से परे सिद्ध होता है।
- " आया अभियुक्त मोहनलाल ग्रामसेवक, ग्राम पंचायत, केशरपुरा ने व सहअभियक्त सीतादेवी सरपंच ग्राम पंचायत, केशरपुरा ने आपराधिक षडयन्त्र रचकर दिनांक 9-11-2000 को लोकसेवक के पद पर रहते हुये परिवादी ओमप्रकाश मेवाड़ा के व्यवसायिक भूखण्ड की एन ओ सी देने की एवज में दस हजार रूपये रिश्वत राशि अभियुक्ता सीतादेवी सरपंच, केशरपुरा के लिये एवं अभियुक्ता सीतादेवी ने भ्रष्ट एवं अवैध तरीके से वैध पारिश्रमिक से भिन्न हेतु या इनाम के रूप में उत्कोचस्वरूप अभियुक्त मोहनलाल, ग्रामसेवक एवं पदेन सचिव, ग्राम पंचायत, केशरपुरा के मारफत प्राप्त कर दोनों अभियुक्तगण ने आपराधिक अवचार किया।
- " आया अभियुक्त ने दिनांक 27-8-2004 को सी. ओ. जेतारण, जिला पाली के पद पर लोक सेवक की हैसियत से पदस्थापित रहते हुये परिवादी सुरेन्द्र वैष्णव से उसके मामा पी. बी. रामचन्द्र के खिलाफ दर्ज मुकदमा संख्या 96/2004 अर्न्तगत धारा 498-ए, 406,323 भारतीय दण्ड संहिता में उसके खिलाफ धारा 376 भारतीय दण्ड संहिता का मुकदमा दर्ज करने की धमकी देकर पचास हजार रूपये रिश्वत राशि की मांग कर इस प्रयोजनार्थ हेतु या इनाम के रूप में भ्रष्ट एवं अवैध तरीके से 18,000/-रूपये की रिश्वत राशि दिनांक 29-8-2004 को रिश्वतस्वरूप प्राप्त कर आपराधिक दुराचरण किया?
- उक्त विवेचन से अभियुक्तगण अभियुक्त मोहनलाल ग्रामसेवक, ग्राम पंचायत, केशरपुरा ने दिनांक 9-11-2000 को लोकसेवक के पद पर रहते हुये परिवादी ओमप्रकाश मेवाड़ा के व्यवसायिक भूखण्ड की एन ओ सी देने की एवज में दस हजार रूपये रिश्वत राशि अभियुक्ता सीतादेवी सरपंच, केशरपुरा के लिये एवं अभियुक्ता सीतादेवी ने भ्रष्ट एवं अवैध तरीके से वैध पारिश्रमिक से भिन्न हेतु या इनाम के रूप में उत्कोचस्वरूप अभियुक्त मोहनलाल, ग्रामसेवक एवं पदेन सचिव, ग्राम पंचायत, केशरपुरा के मारफत प्राप्त करना अभियोजन की ओर से प्रस्तुत की गई साक्ष्य से सन्देह से परे साबित नहीं हुआ है।
- " आया अभियुक्त चिरंजीलाल ने कनिष्ठ अभियन्ता, अजमेर विद्युत वितरण निगम लि. जायल के पद पर लोकसेवक की हैसियत से कार्य करते हुये परिवादी भगवतीप्रसाद से उसके ग्राम डेह स्थित आईस फेक्टरी के बिजली के बिल के ऐस्टीमेट की राशि लेप्स करवाने व बन्द फेक्टरी के बिजली बिल की राशि कम करवाने की एवज में हेतु या इनाम के रूप में रिश्वत की राशि की मांग कर दिनांक 29.32003 को 1300/-रूपये एवं दिनांक 21.4.2003 को सह अभियुक्त रतनसिंह के मारफत भ्रष्ट एवं अवैध तरीके से 1700/-रूपये आपराधिक षडयन्त्र रचकर प्राप्त कर आपराधिक अवचार किया।
- " आया अभियुक्त ने दिनांक 15-12-2003 को जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय, पाली में कनिष्ठ लिपिक के पद पर लोकसेवक की हैसियत से पदस्थापित रहते हुये परिवादी श्रवणसिंह से उसकी माता श्रीमती भॅवरकॅवर की सहायता पेन्शन का चैक बनवाने के लिये हेतु या इनाम के रूप में वैध पारिश्रमिक से भिन्न 1000/-रूपये परितोषण की मांग की और इस प्रयोजनार्थ 200/-रूपये परिवादी श्रवणसिंह से प्राप्त किये एवं दिनांक 9-1-2004 को शेष आठ सौ रूपये की मांग करते हुये दिनांक 12-2-2004 को परिवादी से आठ सौ रूपये रिश्वत राशि मांग कर प्राप्त कर आपराधिक दुराचरण किया?
- इस न्यायालय के समक्ष निर्धारण हेतु प्रश्न यह है कि " क्या प्रकरण के अभियुक्त पदमसिंह ने एक लोक सेवक के रूप में ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी, बाली के कार्यालय में संस्थापन शाखा प्रभारी (व0लि0) के पद पर रहते हुये दिनांक 2.9.2004 को परिवादी शैलेन्द्र सोलंकी से जिला शिक्षा अधिकारी (पाली) द्वारा अगस्त, 2004 में जारी स्थानान्तरण आदेश को रद्द करवाने की एवज में तीन हजार रूपये की मांग कर उस प्रयोजनार्थ हेतु या इनाम के रूप में भ्रष्ट एवं अवैध तरीका से दिनांक 3.9.2004 को दो हजार रूपये रिश्वत राशि प्राप्त कर आपराधिक अवचार कारित किया?
- अभियोजन कहानी अनुसार अभियुक्त चन्दाराम के विरूद्ध उक्त अधिनियम की धारा 7 और 13 (1) (डी) (2) के अपराधों के आरोप हैं कि आपराधिक प्रकरण सं0 76/2005 राज्य विरूद्ध चन्दाराम-2-इसने सहायक खनि अभियन्ता, खान एवं भू-विज्ञान विभाग, बाड़मेर में सरकापार नाका पर नाकेदार के पद पर लोक सेवक की हैसियत से कार्य करते हुये परिवादी लाभुराम माली से 100/-रू. प्रति टेªक्टर ट्रिप के हिसाब से रिश्वत राशि की मांग कर दिनाँक 1.7.2004 को इस प्रयोजनार्थ हेतु या इनाम के रूप में तीन हजार रू0 रिश्वत राशि भ्रष्ट एवं अवैध तरीका से प्राप्त कर आपराधिक दुराचरण (अवचार) किया।
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