१८२७ वाक्य
उच्चारण: [ 1827 ]
उदाहरण वाक्य
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- १२वींसदी में बना, द्रविडियनमंदिर स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण चामुण्डेश्वरीमंदिर को कृष्णराजवोडेयार ने १८२७ में नया रुप दिया।
- १८२७, ५० और १०० सेंटाइम सिक्कों जारी किए गए और १८२८ में १ और २ सेंटाइम जारी किए गए।
- १८२७, ५० और १०० सेंटाइम सिक्कों जारी किए गए और १८२८ में १ और २ सेंटाइम जारी किए गए।
- १८२७ में लिखी गई इस पुस्तक को श्री कामता प्रसाद गुरू ने हिन्दी की सर्वमान्य पुस्तकों में प्रथम स्थान दिया है।
- ट्रैल ने १८२७-२८ में इसका उदघाटन कर इस दुर्गम व शारीरिक कष्टों को आमंत्रित करते पथ को सुगम और आसान बनाया।
- इसके कुल ७९ अंक ही प्रकाशित हो पाए थे कि डेढ़ साल बाद दिसंबर, १८२७ ई को इसका प्रकाशन बंद करना पड़ा।
- १८१६ के बाद अंग्रेज़ों ने इस पर विजय प्राप्त की और अपने आराम के लिए १८२७-१८२८ में लंढोर और मसूरी शहर बसाए।
- सन् १८२७ का अर्थ १८वीं शताब्दी नहीं होता जैसा कि सन् २००९ का अर्थ किसी भी गणित से २०वीं शताब्दी नहीं हो सकता.
- ईसा के जन्म को अधार मानकर उसके जन्म से १८२७ ईसा पूर्व या वर्ष पूर्व के वर्ष को इस प्रकार प्रदर्शित किया जाता है।
- उपरोक्त अन्तर के आधार पर १८२७ ईसा पूर्व के अनुसार विक्रमी संवत, सप्तर्षि संवत, कलियुग संवत और प्राचीन सप्तर्षि आदि में वर्ष आदि निकाले जा सकते है।
- १९०१ से २००१ के दौरान शहरों कि संख्या १८२७ से बढकर ५१६१ हो गयी है जबकि गाँव घटकर ६८५६६५ की तुलना में २००१ में ५९३७३१ रह गए हैं.
- १८२७ में इनकी पहली रचना प्रकाशित हुई, तैमरलेन ऐण्ड अदर पोयम्स (अंग्रेजी: Tamerlane and Other Poems, तैमूर लंग और अन्य कविताएँ), जिसमें उनके नाम की जगह “ए बोस्टनियन” (एक बोस्टन-निवासी) लिखा था।
- वीरवर मंगल पाण्डेय का जन्म १९ जुलाई १८२७ को वर्तमान उत्तर प्रदेश, जो उन दिनों संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के नाम से जाना जाता था, के बलिया जिले में स्थित नागवा गाँव में हुआ था।
- परम आदरणीय महात्मा ज्योतिराव फुले की १८५वीं जन्म-शताब्दी पर सभी माननीय सदस्यों को हार्दिक शुभकामनायें स्वीकार हों | महात्मा ज्योतिवा फुले (अप्रैल ११, १८२७-नवम्बर २६, १८९०) घनाक्षरी-छंद (१) महात्मा ज्योतिवा फुले को नमन-सम्मान दूं, द्वार...
- वीरवर मंगल पाण्डेय हरजोत कोली कलोली का पक्का दोस्त था, वीरवर मंगल पाण्डेय का जन्म १९ जुलाई १८२७ को वर्तमान उत्तर प्रदेश, जो उन दिनों संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के नाम से जाना जाता था, के बलिया जिले में स्थित नागवा गाँव में हुआ था।
- महात्मा ज्योतिबा फुले इनका जन्म ११ अप्रैल १८२७ को महाराष्ट्र के सतारा जिल्हे में हुआ था | उनका असली नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था | वह १९वी सदी की एक बड़े समाजसुधारक, सक्रिय प्रतिभागी तथा विचारक थे | उनके जीवनकाल में उन्हीने शिक्षा, कृषि,जाती प्रथा और समाज में महिलाओ की दर्जे में सकारात्मक नुतनीकरण लाया | उन्हें खुद इन कार्यो में महिलाओ को तथा निचली जाती के लोगो को पढ़ना बड़ा रास आता था |
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