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शकील बदायूनी वाक्य

उच्चारण: [ shekil bedaayuni ]
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • @ चन्द्रमौलेशवर जी बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय चन्द्रमौलेशवर जी आपने मेरी रचना को किसी न किसी रूप से शकील बदायूनी साहब की चंद पंक्तियों से जोड़कर एक तरह से मुझे यह प्रमाण पत्र दे दिया है कि मुझे भी कुछ लिखना आता है।
  • जीवन के दर्शन को अपने कागज के कैनवास पर लिपिबद्द करने वाले मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूनी का अपनी जिन्दगी के प्रति नजरिया उनके शायरी में झलकता है | शकील साहब अपने जीवन दर्शन को कुछ इस तरह बया करते है |
  • जिन दिनों शायर दबे कुचले वगरे और समाज की कुरीतियों पर अपनी कलम चला रहे थे, उन दिनों शकील बदायूनी ने स्वंय को इस परंपरा से अलग रखकर ऐसे गीतों की रचना की जो ज्यादा रोमांटिक नहीं होते हुए भी दिल की गहराइयों को छू जाते थे ।
  • हम वतन के नौजवाँ है हम से जो टकरायेगा वो हमारी ठोकरों से ख़ाक में मिल जायेगा वक़्त के तूफ़ान में बह जाएंगे ज़ुल्मो-सितम आसमां पर ये तिरंगा उम्र भर लहरायेगा जो सबक बापू ने सिखलाया भुला सकते नहीं सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं … रचनाकार: शकील बदायूनी
  • इनमें से एक तो है मशहूर होली गीत “होली आयी रे कन्हाई रंग छलके सुना दे ज़रा बांसुरी”, जिसे हम 'ओल्ड इज़ गोल्ड' में पिछले साल सुनवाया था, और इस साल भी होली के अवसर पर शकील बदायूनी के बेटे जावेद बदायूनी से की गई बातचीत पर केन्द्रित 'शनिवार विशेष' में सुनवाया था।
  • इनमें से एक तो है मशहूर होली गीत “ होली आयी रे कन्हाई रंग छलके सुना दे ज़रा बांसुरी ”, जिसे हम ' ओल्ड इज़ गोल्ड ' में पिछले साल सुनवाया था, और इस साल भी होली के अवसर पर शकील बदायूनी के बेटे जावेद बदायूनी से की गई बातचीत पर केन्द्रित ' शनिवार विशेष ' में सुनवाया था।
  • हम बस “ शकील बदायूनी ”, “ मज़रूह सुल्तानपुरी ”, “ राहत इंदौरी ”, “ नीरज ”, “ निदा फ़ाज़ली ”, “ बशीर बद्र ” का नाम हीं जानते है, लेकिन इनके साथ मंच पर “ खुमार ” साहब ने भी अपना जादू बिखेरा है और मेरी मानिए तो इनका जादू बाकियों के जादू से एक रत्ती भी कम नहीं होता था।
  • शकील साहब अपनी रोजी रोटी के लिए दिल्ली में आपूर्ति विभाग में आपूर्ति अधिकारी के रूप में नौकरी करनी शुरू कर दी उसके साथ ही उन्होंने अपनी शायरी को बदस्तूर जारी रखा | शकील बदायूनी की शायरी दिन ब दिन परवान चढने लगी और वो उस वक्त मुशायरो के जान (दिल) हुआ करते थे उनकी शायरी से मुशायरो में एक अजीब शमा बंध जाया करती थी |
  • ' दर्द के गीत '' अफसाना लिख रही हूँ दिले बेकरार का '' कि अपार सफलता से शकील बदायूनी फ़िल्मी दुनिया में कामयाबी के शिखर पर पहुच गये | उसके बाद शकील साहब ने कभी ता उम्र पीछे मुड़कर नही देखा उसके बाद वो सुपर हिट गीतों से फ़िल्मी दुनिया को सजाते रहे | '' रूह को तडपा रही है उनकी याद दर्द बन कर छा रही है उनकी याद ||
  • इस लिए उन्होंने शकील के लिए घर पर ही उर्दू. फारसी. हिन्दी और अरबी पढ़ाने के लिए आवश्यक व्यवस्था कर दी थी लेकिन शायरी और मुशायरे के शहर लखनउ ने उन्हें एक शायर ही बना दिया और वो शकीलअहमद से शकील बदायूंनी हो गए 1 दूर के एक रिश्तेदार और उस जमाने के मशहूर शायर जिया उल कादिरी से शकील बदायूनी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उनकी शागिर्दी कबूल कर ली और फिर उन्हीं की शागिर्दी मे शायरी के गुर सीखे।
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शकील बदायूनी sentences in Hindi. What are the example sentences for शकील बदायूनी? शकील बदायूनी English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.