संपृक्ति वाक्य
उच्चारण: [ senperiketi ]
"संपृक्ति" अंग्रेज़ी मेंउदाहरण वाक्य
मोबाइल
- कैंसर वार्ड, पहला घेरा, गुलाग, लाल चक्र जैसे उपन्यास ग्रंथ हों अथवा “ मैत्र्योना का घर ”, “ हम कभी गलती नहीं करते ” जैसी लंबी कहानियाँ-सोल्झेनित्सिन के लेखन में प्रत्येक कहा-अनकहा शब्द, ध्वनि, रिक्त स्थान, विभिन्न विराम-चिन्ह तक अत्यंत गहरे अर्थों से संपृक्ति हैं।
- इस प्रकार लेखक ने यह प्रतिपादित किया है कि हिंदी काव्य नाटकों में विशेष रूप से स्वातंत्र्योत्तर काल में सामाजिक संपृक्ति, दायित्व चेतना, वैज्ञानिक बोध, नारी मुक्ति, जनचेतना, शोषितों की पक्षधरता, कुशासन के प्रति विद्रोह, परंपरा और मूल्यांे के पुनर्परीक्षण तथा इतिहास चेतना की कार्य कारण प्रक्रिया पर पुनर्विचार जैसी प्रवृत्तियों के माध्यम से युगबोध को व्यापक अभिव्यक्ति का अवसर मिला है।
- इस कृति में हिंदी के महत्वपूर्ण काव्य नाटकों के स्वरूप, उनमें निहित युगबोध, उनकी विशिष्ट रचनात्मक भूमिका और मंचन की संभावनाओं के विविध आयामों पर विशद विवेचन किया गया है और यह प्रतिपादित किया गया है कि स्वातंत्र्योत्तर हिंदी काव्य नाटकों में कथ्य और शिल्प की अन्यान्य नूतन सरणियों के साथ युगचेतना की गहन संपृक्ति और दायित्वपूर्ण सरोकारों पर विशेष बल दिया गया है।
- इस कृति में हिंदी के महत्वपूर्ण काव्य नाटकों के स्वरूप, उनमें निहित युगबोध, उनकी विशिष्ट रचनात्मक भूमिका और मंचन की संभावनाओं के विविध आयामों पर विशद विवेचन किया गया है और यह प्रतिपादित किया गया है कि स्वातंत्र्योत्तर हिंदी काव्य नाटकों में कथ्य और शिल्प की अन्यान्य नूतन सरणियों के साथ युगचेतना की गहन संपृक्ति और दायित्वपूर्ण सरोकारों पर विशेष बल दिया गया है।
- ' ' (वही, पृ. 63-69) मतलब इन कविताओं में आत्मीयता नहीं है और परिवेश से संपृक्ति भी नहीं है और टूटना एक मुहावरा भर है-एक रेहटोरिक को तोड़कर दूसरा रेहटोरिक गढ़ना-वास्तविक कर्मक्षेत्र की संवेदना से व्यवस्था को तोड़कर विद्रोही बनना और मुहावरों से युग को तोड़कर आततायी कहलाने का जो अंतर है, उसे आत्महत्या के विरुद्ध की कविताएं साथ-साथ व्यक्त करती हैं।
- इस प्रकार लेखक ने यह प्रतिपादित किया है कि हिंदी काव्य नाटकों में विशेष रूप से स्वातंत्र्योत्तर काल में सामाजिक संपृक्ति, दायित्व चेतना, वैज्ञानिक बोध, नारी मुक्ति, जनचेतना, शोषितों की पक्षधरता, कुशासन के प्रति विद्रोह, परंपरा और मूल्यों के पुनर्परीक्षण तथा इतिहास चेतना की कार्य कारण प्रक्रिया पर पुनर्विचार जैसी प्रवृत्तियों के माध्यम से युगबोध को व्यापक अभिव्यक्ति का अवसर मिला है।
- किसी भी कृति का मूल्याँकन करते हुए वह देखते हैं कि प्रस्तुत रचना में-जीवन के किस रूप को प्रधानता दी गई है, किस वर्ग का जीवन उसमें प्रतिबिंबित हुआ है, क्या उसमें शोषक वर्गों के विरूद्ध श्रमिक जनता के हित मुखरित हुये हैं या नहीं, रचनाकार की अपने समय के जीवन से कितनी गहरी एवं व्यापक संपृक्ति है, उनका लेखन जीवन की क्रियाशीलता, जीवन-सौंदय, जीवन-बोध, जीवन की संश्लिष्टता, जीवन की विविधता तथा जीवन की भाषा की तलाश का पर्याय है।
- किसी भी कृति का मूल्याँकन करते हुए वह देखते हैं कि प्रस्तुत रचना में-जीवन के किस रूप को प्रधानता दी गई है, किस वर्ग का जीवन उसमें प्रतिबिंबित हुआ है, क्या उसमें शोषक वर्गों के विरूद्ध श्रमिक जनता के हित मुखरित हुये हैं या नहीं, रचनाकार की अपने समय के जीवन से कितनी गहरी एवं व्यापक संपृक्ति है, उनका लेखन जीवन की क्रियाशीलता, जीवन-सौंदय, जीवन-बोध, जीवन की संश्लिष्टता, जीवन की विविधता तथा जीवन की भाषा की तलाश का पर्याय है।
संपृक्ति sentences in Hindi. What are the example sentences for संपृक्ति? संपृक्ति English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.