पूरब: सागर अथाह सूरज खेने वाला भगा आता है ले कर दिन-नाव ।
3.
मैं देखता हूं कि वह बोट खेने वाला आदमी अचनाक पुलिस में बदल जाता है।
4.
कितनी सरलता से तट से विलग होती है नाव और कितनी सरलता से खेने वाला उसे आगे बढ़ाता है।
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कितनी सरलता से तट से विलग होती है नाव और कितनी सरलता से खेने वाला उसे आगे बढ़ाता है।
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कितनी सरलता से तट से विलग होती है नाव और कितनी सरलता से खेने वाला उसे आगे बढ़ाता है।
7.
पता चला यह शख्स केवल रेट तय करता है, नाव खेने वाला दूसरा मल्लाह है वह आ रहा है।
8.
नैनीताल में नाव खेने वाला खड़क सिंह खनी नैनसिंह के सम्पर्क में आकर क्रांतिकारी बन गया और बाद में सुप्रसिद्ध नेता व पत्रकार बना।
9.
“कितनी सरलता से तट से विलग होती है नाव और कितनी सरलता से खेने वाला उसे आगे बढ़ाता है”...काश! जीवन नौका भी इसी तरह खेवनहार के हवाले कर सकें......................!!!!!!
10.
कैसे वाराणसी के घाट पर नाव खेने वाला नायक शुरू के कुछ वक्त हंसी-मजाक में आपका मनोरंजन करता है और उसके बाद ऐसे खुलासे होते हैं कि उसके लिए मन में श्रद्धा पैदा होती चली जाती है।