सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि ऐसे मामलों में यदि राज्यपाल स्वविवेकाधिकार से फैसला नहीं ले सकेगा तो कानून व्यवस्था पूरी तरह बैठ जाएगी क्योंकि ऐसे म मंत्रिमण्डल साफतौर पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से मना कर देगा जिसमें प्रथमदृष्टया मामला बनता है और लोकतंत्र ध्वस्त हो जाएगा।