नगर निगम अधिनियम की धारा-114 के अन्तर्गत नगर निगम वाराणसी के 41 अनिवार्य कर्तव्य एवं धारा-115 के अन्तर्गत 43 स्वविवेकानुसार कर्तव्य निहित किया गया है।
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मुझे शायद ये पोस्ट लिखनी ही नहीं चाहिये थी| अब रिक्त स्थान की पूर्ति अपनी सोच और हमारी उस समय की मानसिकता के हिसाब से स्वविवेकानुसार भर लें और पढ़ें।
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मुझे शायद ये पोस्ट लिखनी ही नहीं चाहिये थी | अब रिक्त स्थान की पूर्ति अपनी सोच और हमारी उस समय की मानसिकता के हिसाब से स्वविवेकानुसार भर लें और पढ़ें।
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किसी भी ब्लॉग-पोस्ट पर की गयी टिप्पणियाँ उस ब्लॉग मालिक के हवाले हो जाती हैं और वह उनके साथ दुर्भाग्यवश ” मार दिया जाय या छोड़ दिया जाय ' ' की ही तर्ज पर छाप दिया जाय या छोड़ दिया (रिजेक्ट) जाय जैसा जो भी सलूक करना चाहे स्वविवेकानुसार कर सकता है-आशय यह कि किसी भी ब्लॉग पोस्ट पर टिप्पणी करने के बाद टिप्पणीकर्ता का न तो कोई अधिकार रह जाता है और न ही कोई भूमिका, टिप्पणी करने के बाद टिप्पणी पर उसका कोई बस नहीं है.