Usually these are staged between Diwali to Baisakhi , when the excessive cold puts a stop to farming activities and people crave for some form of entertainment . इन लोकनाट्यों का आयोजन दीवाली से बैशाखी के मध्य में रहता है.इस काल में सर्दी की अधिकता के कारण वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यापारिक एवं श्रम संबंधी कार्यों में एक विराम सा आ जाता है . समय काटने के एक माधऋ-ऊण्श्छ्ष्-यम के रूप में भी लोक इनऋ-ऊण्श्छ्ष्-हें अपनाता आया है .