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शब्दकोश > हिंदी शब्दकोश > "आदिकारण" अर्थ

आदिकारण का अर्थ

उदाहरण वाक्य
21.ब्रह्मा , विष्णु , शिव आदि सभी देवता , असुर , गन्धर्व , सर्प पक्षी आदि तथा इन्द्रादि देवता , ब्रह्मा , दक्ष , कश्यप सभी के आदिकारण भगवान् आदित्य ही हैं।

22.जो विश्वके आदिकारण , विश्वके रक्षक , विश्वका भक्षण ( संहार ) करनेवाले तथा सम्पूर्ण काम्यवस्तुओंके दाता हैं , तीनों अवस्थाओंसे अतीत उन भगवान् विष्णुका सदा ध्यान करनेवाला मनुष्य मुक्त हो जाता है ।

23.भावार्थ : मेरी उत्पत्ति को अर्थात् लीला से प्रकट होने को न देवता लोग जानते हैं और न महर्षिजन ही जानते हैं, क्योंकि मैं सब प्रकार से देवताओं का और महर्षियों का भी आदिकारण हूँ॥2॥

24.( ५ - ) आदि- कारण -जिन पदार्थों के प्रभाव से वात आदि दोषों में विकृतियां होती हैं तथा वे वातादि दोष , जो शारीरिक धातुओं को विकृत करते हैं , दोनों ही हेतु ( कारण ) या निदान ( आदिकारण ) कहलाते हैं।

25.अर्थ देवर्षिगण कहते हैं - जो सदात्मस्वरूप , सबके आदिकारण , मायारहित तथा सोऽहमस्मि ( वह परमात्मा मैं हूँ ) - इस अचिन्त्य बोध से सम्पन्न हैं ; जिनका आदि , मध्य और अन्त नहीं है , उन एक- अद्वितीय एकदन्तधारी भगवान् गणेश की हम शरण लेते हैं।

26.अहमादिर्हि देवानां महर्षीणां च सर्वशः ॥ भावार्थ : मेरी उत्पत्ति को अर्थात् लीला से प्रकट होने को न देवता लोग जानते हैं और न महर्षिजन ही जानते हैं , क्योंकि मैं सब प्रकार से देवताओं का और महर्षियों का भी आदिकारण हूँ॥ 2 ॥ यो मामजमनादिं च वेत्ति लोकमहेश्वरम् ।

27.के भी नियामक , अभक्तों के लिये प्रकट होने पर भी भक्तियोग द्वारा प्राप्त करने योग्य, अत्यन्त निकट होने पर भी माया के आवरण के कारण अत्यन्त दूर प्रतीत होने वाले , इन्द्रियों के द्वारा अगम्य तथा अत्यन्त दुर्विज्ञेय, अन्तरहित किंतु सबके आदिकारण एवं सब ओर से परिपूर्ण उन भगवान की मैं स्तुति करता हूँ ॥२१॥

28.व्यक्त ( प्रकृति) ठोस स्वतः गोचर, हर वस्तु की समग्रता के साथ प्रगट पर आधार उसका अव्यक्त ही है संभव स्वरूप जितने अव्यक्त ही आधार उनका कार्य में कारण उपस्थित हर घटना के लइ आधारा होता विशेष कार्य का होता आदिकारण विशिष्ठ उससे ही उत्पन्न या दिखता रहा है व्यक्त से जानना अव्यक्त को ग्यान की प्रथम सीढ़ी रहा है (१३-०३-१०) सत्यम-शिवम्-सुन्दरम ओम राघव अजर - अमर , परमात्मा - गुनातीत निर्गुण शब्द - रूप प्रारूप निश्कल अचिन्त्य ब्रह्म - अचिन्त्य -कार्य जगत भी ! एक बूँद

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