| 21. | जीवन की कोंपल फूटती , बढ़ती, हरीतिमा लिए हवा से
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| 22. | कि उसके दुःख को सहलाने निकल आएगी लाल कोंपल
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| 23. | सुबह चमकती दूब की कोंपल दोपहरी की छाँव लगे
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| 24. | फिर भी कोंपल जन्म लेना चाहता है
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| 25. | कोई कोंपल में से झाँकती कली दिखती है तो ,
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| 26. | तरु-तरु पल्लव नए , नई कोंपल उठि आईं,
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| 27. | पुराने पत्ते सा , गिर गया साल कोंपल फूटी
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| 28. | कल्प-तरु के , नये कोंपल थे उगे।
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| 29. | प्रणय बोध की मधुरिम गरिमा , लहराती कोंपल हरीतिमा .
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| 30. | मेरे और मेरे कोंपल होने के बीच की जगह . ..
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