| 1. | जीभ स्वाद के कूप में , जहां हलाहल काम।
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| 2. | हलाहल का पान स्वयं भगवान शंकर ने किया।
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| 3. | छाया विष हलाहल नभ में उड़ती दोनो पांखें
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| 4. | समुंदर में हलाहल है और संसदीय अमृतमंथन है।
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| 5. | यानी अमृत को छोड़ हलाहल पी रहे हैं।
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| 6. | यहां भी हलाहल विष और अमृत कुंभ निकलेगा।
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| 7. | और , हलाहल विष को पीकर भी मुस्कुराते रहे।
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| 8. | और , हलाहल विष को पीकर भी मुस्कुराते रहे।
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| 9. | किन्तु , सबके मूल में रहता हलाहल है वही,
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| 10. | उपजता मात्र हलाहल , विलुप्त रत्न सभी प्रसाद से
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