Thomas Neigh , a Dundee merchant , got a consignment of Indian jute in 1820 , and tried to persuade the local flax spinners to have it spun , but they were sceptical about the outcome . टामस नेह , जो एक डंडी व्यापारी था , को भारतीय जूट का एक पार्सल सन् 1820 में मिला था और उसने स्थानीय फ्लाक़्स कातने वालों को इस कातने के लिए मनाया , लेकिन वे इसके परिणाम के बारे में सशंकित थे.बाद में जूट के रेशे से धागा बनाने के प्रयत्न किये गये परंतु यहां भी असफलता हाथ लगी .