| 11. | अंगुष्ठ बिना मानुषा, परिचय निज का खोय
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| 12. | अंगुष्ठ मात्र, त्रिकाल शासक ब्रह्म ही परमेश है।
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| 13. | सबसे पहली उँगली को अँगूठा या अंगुष्ठ कहते हैं।
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| 14. | निज अंगुष्ठ संभालिये, ये ना चोरी होय
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| 15. | अपान: नाभि के नीचे से पैर के अंगुष्ठ
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| 16. | कह शिल्पकार कवि, निस दिन अंगुष्ठ को ही सेव
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| 17. | चन्द्रमा प्रतिपदा तिथि को पाद अंगुष्ठ ।
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| 18. | अंगुष्ठ और मस्तिष्क का घनिष्ठ संबध है।
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| 19. | अंगुष्ठ को ही बिचारिये, सदा राखिये ध्यान
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| 20. | यहां देवी का दाहिना अंगुष्ठ गिरा था।
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