अंत्याधार कई प्रकार के होते हैं, जैसे सीधे अंत्याधार, सुदृढ़ की गई कंक्रीट की दीवारें, सदृढ़ किए गए सीमेंट के पुश्ते (काउंटरफोर्ट रिटेनिंग वाल्स) और सुदृढ़ किए गए सीमेंट के कोष्ठमय खोखले अंत्याधार (सेलुलर हॉली अबटमेंट)।
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अंत्याधार कई प्रकार के होते हैं, जैसे सीधे अंत्याधार, सुदृढ़ की गई कंक्रीट की दीवारें, सदृढ़ किए गए सीमेंट के पुश्ते (काउंटरफोर्ट रिटेनिंग वाल्स) और सुदृढ़ किए गए सीमेंट के कोष्ठमय खोखले अंत्याधार (सेलुलर हॉली अबटमेंट)।
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अंत्याधार की दीवारों की परिकल्पना (डिज़ाइन) में यह तो यह माना जाता है कि ऊपर उन को पुल का पाट सँभाले हुए हैं और नीचे नींव, या यह माना जाता है कि वे तोड़ा (कैटिलीवर) हैं।
14.
मेहराबों से बने पुलों में साधारणत प्रत्येक चौथा या पाँचवाँ पाया अंत्याधार पाया मानकर अधिक दृढ़ बनाया जाता है, जिसका उद्देश्य यह होता है कि एक बयाँग के टूटने पर सारा पुल ही न टूट जाए।
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अंत्याधार की दीवारों की परिकल्पना (डिज़ाइन) में यह तो यह माना जाता है कि ऊपर उन को पुल का पाट सँभाले हुए हैं और नीचे नींव, या यह माना जाता है कि वे तोड़ा (कैटिलीवर) हैं।
16.
पुलों के पायों में से बीच में पड़ने वाले उन पायों को अंत्याधार पाया कहते हैं जो आसपास के बयाँगों के भारों को सँभाल सकने के अतिरिक्त केवल एक ओर के बयाँग के कुल अचल बोझ को पूर्णतया सँभाल सकते हैं।
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पुलों के पायों में से बीच में पड़ने वाले उन पायों को अंत्याधार पाया कहते हैं जो आसपास के बयाँगों के भारों को सँभाल सकने के अतिरिक्त केवल एक ओर के बयाँग के कुल अचल बोझ को पूर्णतया सँभाल सकते हैं।