इस वर्ष गंगोत्री व यमुनोत्री मंदिर के कपाट 13 मई (अक्षयतृतीया के दिन), श्री केदारनाथ के 14 मई एवं श्री बद्रीनाथ के कपाट 16 मई को खुल रहे हैं।
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जैन परम्परा में अक्षयतृतीया के साथ एक अत्यन्त प्रेरणादायी घटना जुड़ी हुई है, इस कारण अक्षयतृतीया का जैन धर्म में बहुत ही अधिक महत्व है, और वह है-प्रभु आदिनाथ का पारणा।
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जैन परम्परा में अक्षयतृतीया के साथ एक अत्यन्त प्रेरणादायी घटना जुड़ी हुई है, इस कारण अक्षयतृतीया का जैन धर्म में बहुत ही अधिक महत्व है, और वह है-प्रभु आदिनाथ का पारणा।
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श्रमण संघ का प्रथम बृहद् सम्मेलन ईस्वी सन् 1952 में अक्षयतृतीया के दिन ही सादड़ी (राजस्थान) में हुआ जहाँ श्री वर्धमान श्रमणसंघ की स्थापना हुई तथा पूना सम्मेलन 1987 में अक्षयतृतीया के दिन ही आचार्य आनंदऋषि जी म.
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श्रमण संघ का प्रथम बृहद् सम्मेलन ईस्वी सन् 1952 में अक्षयतृतीया के दिन ही सादड़ी (राजस्थान) में हुआ जहाँ श्री वर्धमान श्रमणसंघ की स्थापना हुई तथा पूना सम्मेलन 1987 में अक्षयतृतीया के दिन ही आचार्य आनंदऋषि जी म.
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' प्रैसवार्ता ' को मिली जानकारी मुताबिक प्रवर्तक श्री ईसवाल, गोगुन्दा, गुरु पुष्कर नगर, तिरपाल इत्यादि क्षेत्रों में विचरण करते हुए 23 अप्रैल 2012 को उमरणा गांव पहुंचेगें जहां पर दिनांक 24 अप्रैल 2012 को अक्षयतृतीया के पावन अवसर पर आयोजित श्रमण संघीय इतिहास में प्रथम बार 240 से अधिक वर्षीतप करने वाले साधक-साधिकाओं का पारणा महोत्सव आपश्री के सान्निध्य में आयोजित होगा।