दूसरे लक्षणों में शामिल हैं मनुष्य की तार्किकता में विकृति जो उसे जानवर बना देता है, विषण्णता, मृत्यु का गतिवर्धन (मार्क 9:18 की कोशिशें), तथा अन्य अतिप्राकृतिक घटनाएं.
12.
[14] दूसरे लक्षणों में शामिल हैं मनुष्य की तार्किकता में विकृति जो उसे जानवर बना देता है, विषण्णता, मृत्यु का गतिवर्धन (मार्क 9:18 [आत्महत्या की कोशिशें]), तथा अन्य अतिप्राकृतिक घटनाएं.[14]
13.
अतिप्राकृतिक शक्ति (मार्क 5: 2-3), व्यक्ति के लिंग और आकार के अनुसार जो उनके पास पहले था या होना चाहिए, उससे बहुत अधि क.
14.
(1) विचित्र वस्तुएँ, (2) अतिप्राकृतिक शक्ति, (3) वस्तुएँ जो उचित क्रम में न हें और, (4) प्रेत एवं देवता (पुस्तक 7, अध्याय 20) ।
15.
एक अतिप्राकृतिक सत्ता की अनुपस्थिति का दर्शन भी इसी युग में आविर्भूत हुआ है जिसकी परिणति दुनिया भर में मध्ययुगीन सामंती समाज के खात्में के रूप में हुई थी जिसका अस्तित्व ही ईश्वरीय सत्ता की अवास्तविक अवधारणा पर टिका हुआ था।
16.
[14] दूसरे लक्षणों में शामिल हैं मनुष्य की तार्किकता में विकृति जो उसे जानवर बना देता है, विषण्णता, मृत्यु का गतिवर्धन (मार्क 9: 18 [आत्महत्या की कोशिशें]), तथा अन्य अतिप्राकृतिक घटनाएं.