न्यायालय की कोई भी उपमति साक्ष्य, चाहे वह दस्तावेजी हो या मौखिक या तार्किक, पर आधारित होनी चाहिए।
12.
इस तरह से विद्वान अवर न्यायालय की उपमति त्रुटिपूर्ण है और अपीलार्थी / वादी का वाद सव्यय डिक्री किए जाने योग्य है।
13.
परीक्षण न्यायालय द्वारा यह उपमति भी दी गयी है कि विवादित भूमि कृषि प्रयोजन हेतु इस्तेमाल नहीं हो रही है।
14.
अतः इस बिन्दु पर विद्वान अवर न्यायालय द्वारा दी गयी उपमति विधि के विपरीत है और माने जाने योग्य नहीं है।
15.
अतः कोई भी कमी ऐसी नहीं है, जिससे यह निष्कर्ष निकलता हो कि परीक्षण न्यायालय द्वारा दी गयी उपमति त्रुटिपूर्ण है।
16.
वाद बिन्दु संख्या-10 पर यह उपमति दी गयी कि वादी का वाद उपमति और विबन्धन के सिद्धान्त से बाधित नहीं है।
17.
वाद बिन्दु संख्या-10 पर यह उपमति दी गयी कि वादी का वाद उपमति और विबन्धन के सिद्धान्त से बाधित नहीं है।
18.
विद्वान अवर न्यायालय द्वारा यह उपमति दी गयी है कि जिस स्थान से शराब बरामद हुई है, वह घर अपीलार्थी/अभियुक्त का था या नहीं?
19.
उपरोक्त विवेचन से यह निष्कर्ष निकलता है कि परीक्षण न्यायालय द्वारा इस सम्बन्ध में दी गयी उपमति सही है और तद्नुसार पुष्टि की जाती है।
20.
उपरोक्त अतिरिक्त वाद बिन्दुओं पर पुनः उपमति हेतु पत्रावली सिविल जज परीक्षण न्यायालय द्वारा आवश्यकता के सुखाधिकार के सम्बन्ध में सकारात्मक (सी. डि.), उत्तरकाशी को भेजी गयी।