| 11. | -लग्न, लग्नेश, कार्य भाव, कार्येश पाप कर्तरी हो तो असफलता।
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| 12. | विवाह लग्न में चंद्र भी कर्तरी दोष से मुक्त हो तो और अच्छा है।
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| 13. | चपल, चंचल, उध्योगी, व्यवहारी, (व्याकरण) कर्तरी प्रयोग, (औषधी शास्त्र) जल्दी-जल्दी काम करने वाली औषधि
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| 14. | इसमें विवाह होने से यह ' कर्तरी दोष ' वर-वधू दोनों का अनिष्ट करता है।
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| 15. | सप्तम भाव व सप्तमेश पाप कर्तरी योग में हो, तो विवाह में बाधा आती है।
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| 16. | सप्तम भाव व सप्तमेश पाप कर्तरी योग में हो, तो विवाह में बाधा आती है।
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| 17. | पाप कर्तरी योग का मतलब होता है, जब सौम्य ग्रह क्रूर ग्रहों के मध्य विद्यमान हों।
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| 18. | चंद्र और शुक्र दोनों पाप कर्तरी में पीड़ित है इसलिए गुरु की दृष्टि भी काम नहीं कर रही।
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| 19. | कुंडली में सर्वप्रथम उपचय स्थान पर विचार करंे तो पाएंगे कि तृतीयेश बुध पाप कर्तरी योग से ग्रस्त है।
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| 20. | लग्न से द्वितीय में वक्री ग्रह और लग्न से 12 वें में मार्गी ग्रह हों तो कर्तरी दोष होता है।
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