| 11. | वह काम्य श्राद्ध के अन्तर्गत आता है।
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| 12. | काम्य कर्मों का भी त्याग संभव है।
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| 13. | देखें: नित्य कर्म तथा काम्य कर्म
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| 14. | देखें: नित्य कर्म तथा काम्य कर्म
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| 15. | “बुध विश्राम सकलजनरंजनि” रमणीयता ही काम्य है।
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| 16. | नित्य, नैमित्तिक, काम्य, वृद्घि और पार्वण।
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| 17. | वही पुरुष को स्त्री मे काम्य है।
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| 18. | काम्य कर्मों का भी त्याग संभव है।
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| 19. | क्योंकि काम्य कर्मों से यथानुष्ठान-शक्ति का नियम हैं, जिसका
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| 20. | वह काम्य श्राद्ध के अन्तर्गत आता है।
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