| 1. | शक्ति की उपासना सर्वत्र और काम्य होती है।
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| 2. | ===वेदों में काम्य कर्मों की महिमा का वर्णन===
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| 3. | उनमें से काम्य कर्म का त्याग आवश्यक है।
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| 4. | उनका रचा सब कुछ नागार्जुन को काम्य नहीं.
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| 5. | उनका रचा सब कुछ नागार्जुन को काम्य नहीं.
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| 6. | अधिकतर व्रत काम्य अर्थात सकाम होते हैं ।
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| 7. | विधि हेतु मुहूर्त्त: यह कर्म काम्य है।
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| 8. | नारायण-नागबलि की भांति त्रिपिंड़ी भी काम्य श्राद्ध है।
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| 9. | काम्य, ईशित्व और शशित्व) की सिद्घि संभव है।
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| 10. | इसीलिए यद्यपि नित्य और काम्य दोनों प्रकार के कर्मों
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