मूल अधिनियम की धारा ३ की उपधारा (१) में शब्द `ऐसीकृषि-उपज के क्रय-विक्रय का विनिमयन करने के लिए तथा ऐसे क्षेत्र में 'के स्थानपर शब्द` कृषि-उपज के क्रय-विक्रय का ऐसे क्षेत्र में विनिमयन करने के लिये' स्थापित किए जाएं.
12.
किसानों को जीने मात्र के लिए उचित मजदूरी के आधार पर कृषि-उपज की योग्य कीमत नहीं देने वाले शासनकर्ता निजी कम्पनियों को उनके उत्पादन पर लिया जाने वाला मुनाफा और कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन के मामले मे कोई हस्तक्षेप न करते हुए ग्राहकों की लूट की उन्हें खुली छूट दे रखी है।
13.
पक्षियों की संख्या में जिस तेज़ी के साथ कमी आ रही है, उसका कारण बताते हुए वैज्ञानिक इस बात पर सहमत हैं कि कृषि-उपज को बढ़ाने के या उसे सुरक्षित रखने के लिए आदमी ने जिस अंधाधुंध ढंग से कीटनाशक विषैली औषधियों का प्रायोग किया है, वह इन पक्षियों के लिए लुप्त हो जाने का सबसे बड़ा कारण है।
14.
मूल अधिनियम की धारा १९ में,-(क) उपधारा (२) में द्वितीय परन्तुक के पश्चात्, निम्नलिखित परन्तुकअन्तःस्थापित किया जाए, अर्थात्:-"परन्तु यह और भी कि ऐसी कृषि-उपज पर, जिसे राज्य सरकार, अधि-~ सूचना द्वारा, इससम्बन्ध में विनिर्दिष्ट करे, ३१ मार्च १९९० तक कोई फीस उद्गृहीत नहीं की जाएगीयदि ऐसी उपज किसी कृषक द्वारा किसी ऐसी सहकारी सोसाइटी को, जिसका कि वह सदस्यहै, मण्डी-प्रांगण या उपमण्डी-प्रांगण के बाहर बेची गई हो.
15.
मूल अधिनियम की धारा ४ में, शब्द `उक्त अधिसूचना मेंविनिर्दिष्ट की गई समस्त या किसी भी प्रकार की कृषि-उपज के संबंध में 'के स्थानपर शब्द` अनूसूची में विनिर्दिष्ट की गई कृषि-उपज के संबंध में' स्थापित किएजाएं और उनके संबंध में 'सदैव यह समझा जायेगा कि वे मध्यप्रदेश कृषि-उपज मण्डी (संशोधन) अधिनियम, १९८६ के प्रारंभ होने की तारीख के पूर्व उन मण्डियों केसंबंध में प्रतिस्थापित किए गए हैं जो ऐसे प्रारंभ के पूर्व स्थापित की गई हैं.
16.
मूल अधिनियम की धारा ४ में, शब्द `उक्त अधिसूचना मेंविनिर्दिष्ट की गई समस्त या किसी भी प्रकार की कृषि-उपज के संबंध में 'के स्थानपर शब्द` अनूसूची में विनिर्दिष्ट की गई कृषि-उपज के संबंध में' स्थापित किएजाएं और उनके संबंध में 'सदैव यह समझा जायेगा कि वे मध्यप्रदेश कृषि-उपज मण्डी (संशोधन) अधिनियम, १९८६ के प्रारंभ होने की तारीख के पूर्व उन मण्डियों केसंबंध में प्रतिस्थापित किए गए हैं जो ऐसे प्रारंभ के पूर्व स्थापित की गई हैं.
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मूल अधिनियम की धारा ४ में, शब्द `उक्त अधिसूचना मेंविनिर्दिष्ट की गई समस्त या किसी भी प्रकार की कृषि-उपज के संबंध में 'के स्थानपर शब्द` अनूसूची में विनिर्दिष्ट की गई कृषि-उपज के संबंध में' स्थापित किएजाएं और उनके संबंध में 'सदैव यह समझा जायेगा कि वे मध्यप्रदेश कृषि-उपज मण्डी (संशोधन) अधिनियम, १९८६ के प्रारंभ होने की तारीख के पूर्व उन मण्डियों केसंबंध में प्रतिस्थापित किए गए हैं जो ऐसे प्रारंभ के पूर्व स्थापित की गई हैं.
18.
(२) उपधारा (१) के अधीन कोई वापसी तब तक नहीं की जाएगी जब तक किप्रसँस्करणकर्त्ता,-(एक) उक्त कृषि-उपज के क्रय और प्रसंस्करण के सही तथा शुद्ध लेखे, जो ऐसे प्ररुपमें रखे गए हो जो कि विहित किया जाए, पेश न कर दे; (दो) उक्त कृषि-उपज कोप्रसंस्करण करने के पश्चात् विक्रय के लिए मंडी-क्षेत्र में लाए जाने के छह मासके भीतर, उक्त कृषि-उपज पर मंडी फीस का राज्य की किसी अन्य मंडी समिति को उसकेद्वारा भुगतान कर दिए जाने के तथ्य की घोषणा और उसका प्रमाण-पत्र ऐसे प्ररुपमें, जो कि विहित किया जाए, न दे दे.
19.
(२) उपधारा (१) के अधीन कोई वापसी तब तक नहीं की जाएगी जब तक किप्रसँस्करणकर्त्ता,-(एक) उक्त कृषि-उपज के क्रय और प्रसंस्करण के सही तथा शुद्ध लेखे, जो ऐसे प्ररुपमें रखे गए हो जो कि विहित किया जाए, पेश न कर दे; (दो) उक्त कृषि-उपज कोप्रसंस्करण करने के पश्चात् विक्रय के लिए मंडी-क्षेत्र में लाए जाने के छह मासके भीतर, उक्त कृषि-उपज पर मंडी फीस का राज्य की किसी अन्य मंडी समिति को उसकेद्वारा भुगतान कर दिए जाने के तथ्य की घोषणा और उसका प्रमाण-पत्र ऐसे प्ररुपमें, जो कि विहित किया जाए, न दे दे.
20.
(२) उपधारा (१) के अधीन कोई वापसी तब तक नहीं की जाएगी जब तक किप्रसँस्करणकर्त्ता,-(एक) उक्त कृषि-उपज के क्रय और प्रसंस्करण के सही तथा शुद्ध लेखे, जो ऐसे प्ररुपमें रखे गए हो जो कि विहित किया जाए, पेश न कर दे; (दो) उक्त कृषि-उपज कोप्रसंस्करण करने के पश्चात् विक्रय के लिए मंडी-क्षेत्र में लाए जाने के छह मासके भीतर, उक्त कृषि-उपज पर मंडी फीस का राज्य की किसी अन्य मंडी समिति को उसकेद्वारा भुगतान कर दिए जाने के तथ्य की घोषणा और उसका प्रमाण-पत्र ऐसे प्ररुपमें, जो कि विहित किया जाए, न दे दे.