‘ कामरेड, यह गुड्डो बहुत क्रांति-विरोधी निकली निरी वर्ग शत्रुता यह मेरी विद्वता भरी पुस्तकों के नीचे गीटें छिपा देती हैं लाख समझाने पर भी समाज के भविष्य से थाली खेलने की ज़्यादा चिंता करती है उसका लेनिन को गंजा पकड़ने वाला कहना और माओ को शर्मा थानेदार-जैसे गलीज से मिला देना भला तुम ख़ुद सोचो / कितना असहनीय है......... '