गैस्ट्रिन-यह उदर में होता है और गैस्ट्रिक ग्रंथियों को पेप्सिनोजेन (पेप्सिन एंजाइन का एक अक्रिय स्वरूप) और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के स्रावण के लिए उद्दीप्त करता है.
12.
उदर की अम्लीयता इस बिंदु पर आहार के द्वारा बफ़र नहीं की जाती और इस प्रकार सॉमेटोस्टैटिन के D सेल स्रावण के द्वारा भित्तीय (अम्ल स्रावण) और G सेल (गैस्ट्रिन स्रावण) गतिविधि रोकने का कार्य करती है.
13.
वेगस तंत्रिका के उद्दीपन के कारण आमाशय विस्फारित हो जाता है जिसके कारण क्रमाकुंचन तरंगे ज्यादा पावरफुल हो जाती है तथा गैस्ट्रिन (gastrin) नाम के हार्मोन का स्राव होता है जो आमाशय की गतिशीलता और जठर रसों के स्राव को उद्दीपत करता है।